‘‘जब तक ‘भाबीजी घर पर हैं‘ रहेगा, तब तक मैं इस शो क हिस्सा रहूंगा‘‘- यह कहना है ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी उर्फ रोहिताश्व गौड़ का

एण्डटीवी के कल्ट-काॅमेडी शो ‘भाबीजी घर पर हैं‘ ने हाल ही में आठ साल पूरे किये हैं और इसके 2000 एपिसोड्स प्रसारित हो चुके हैं। इस खास मौके पर हमने शो में मनमोहन तिवारी का किरदार निभा रहे रोहिताश्व गौड़ से बात की और उनके इस असाधारण सफर के बारे में पूछा। प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश:

इस साल आप अपना जन्मदिन कैसे मना रहे हैं?

मेरा जन्मदिन हर साल की तरह इस साल भी अपनों के साथ ही बीत रहा है । इस वक़्त मैं अपने शो भाबीजी घर पर है के सेट पर अपने साथी दारों के साथ शूट कर रहा हू।  ये सेट मेरा दूसरा घर हैं और यहाँ के लोग मेरा दूसरा परिवार ।  इस ख़ास मौके पर मैंने कुछ लज़ीज़ खानो का सबके लिए आयोजन किया है ।  और उम्मीद करता हूँ की सभी को पसंद आएगा ।  हालांकि उम्मीद तो मुझे भी हैं इनकी तरफ से केक प्राप्त होने का (हस्ते हुए ) ।   शाम मैं अपने परिवार और कुछ ख़ास दोस्तों के साथ कहीं अच्छी जगह डिनर करके बिताना चाहूंगा ताकि कुछ नयी यादें पैदा हो सकेI

हाल ही में आपके शो भाबीजी घर पर हैं ने एक साथ 8 साल और 2000 एपिसोड पूरे किए, कैसा लग रहा है?

यह हम सभी के लिये एक बेहद खास पल है, क्योंकि यह एक डबल सेलिब्रेशन है। टेलीविजन इंडस्ट्री बहुत प्रतिस्पर्धी है, जहां ऐसे शोज कम ही हैं, जो अपनी सफलता को बरकरार रख पाते हैं और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ ने इस मामले में महारत हासिल की है। मैं चैनल और हमारे प्रोड्यूसर्स संजय कोहली एवं बिनेफर कोहली का आभारी हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मुझे यह मौका दिया। आठ साल गुजर चुके हैं और हमारा रिश्ता अभी भी मजबूत हो रहा है। मेरे कॅरियर को बनाने और मुझे ढेरों भरोसेमंद प्रशंसक दिलाने में इस शो की बहुत बड़ी भूमिका रही है।

मनमोहन तिवारी के अपने किरदार के नाम से पहचाने जाने पर आपको कैसा लगता है?

तिवारी के रूप में मेरा सफर कमाल का रहा है। यह किरदार घर-घर में लोकप्रिय हो गया है। इस किरदार ने इतनी खूबसूरती से जुड़ाव बनाया है कि लोग अक्सर मुझे रोहिताश्व के बजाय तिवारी जी कहकर बुलाते हैं। कई बार तो लोग मुझसे यह भी पूछ बैठते हैं कि ‘आपकी कच्छे बनियान की दुकान कैसी चल रही है?‘‘(हंसते हैं)। यह हमारे शो और इसके किरदारों की कामयाबी को दर्शाता है। मेरा मानना है कि सिर्फ तिवारी ही नहीं, बल्कि इस शो के हर किरदार ने दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है। कई मौकों पर हमारे प्रशंसकों ने बताया है कि इस शो को देखकर कैसे उनका जीवन खुशियों से भर गया है। हमें कई मरीजों के भी खत मिलते रहे हैं, जिनमें उन्होंने बताया कि यह शो देखकर उन्हें अपना दर्द भूलने में मदद मिली और इसके हास्य की वजह से ही वह अपने मुश्किल दिनों को आसानी से गुजार पाये। मैं इसके लिये खुद को खुशकिस्मत मानता हूं और दर्शकों का आभारी हूं।

टेलीविजन पर आपको इस तरह का दिलफेंक किरदार निभाते हुए देखकर आपके परिवार की क्या प्रतिक्रिया होती है?

सच कहूं, तो भारतीय टेलीविजन पर ऐसा दिलफेंक किरदार निभाने को लेकर मैं असमंजस में था। शुरूआत में मैं दर्शकों की प्रतिक्रिया को लेकर चिंतित था। लेकिन मेरी पत्नी रेखा ने मुझे यह रोल करने के लिये मनाया और आज हम इस जगह पर हैं। हम आठ सालों के बाद दो बड़ी उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं। मेरे परिवार वालों को टेलीविजन पर मुझे देखकर उतना ही मजा आता है, जितना हमारे शो के प्रशंसकों को आता है। मेरी पत्नी मेरे काम एवं भूमिकाओं को समझती है और उसने हमेशा ही मेरा साथ दिया है। उसने मुझे हमेशा प्रेरित किया है। मेरे पूरे कॅरियर में मेरे बच्चे मेरे सबसे बड़े समर्थक और आलोचक रहे हैं। उनकी सलाह और परामर्श से मुझे बेहतर परफाॅर्म करने में मदद मिलती है।

आपका अब तक का सबसे पसंदीदा एपिसोड कौन सा है?

इस शो की हर कहानी अनूठी एवं हास्यप्रद है, इसलिये इनमें से किसी एक को चुनना बेहद मुश्किल है। हालांकि, एक कहानी जो मुझे याद आ रही है, वह है मदन मोहन तिवारी के किरदार वाली, जोकि मनमोहन तिवारी का छोटा हिप्पी भाई है। वह मनमोहन तिवारी के किरदार से बिल्कुल उलट था। मदन मोहन तिवारी की कैजुअल क्लाॅदिंग, लंबे उलझे बाल और एक अनूठे अंदाज में उसका अजीबो-गरीब इंग्लिश बोलना बेहद मनोरंजक था। मनमोहन तिवारी की गैरमौजूदगी में वह अंगूरी के साथ फ्लर्ट करके विभूति को जलाता रहता था। मुझे दर्शकों से काफी पाॅजिटिव फीडबैक मिले थे। विचित्र और मजेदार किरदारों में ढलना और अपने दर्शकों का मनोरंजन करना हमेशा ही मजेदार होता है।

रोहिताश्व गौड़ और मनमोहन तिवारी के बीच कोई एक समानता?

मनमोहन तिवारी की तरह, मैं भी एक मध्यम-वर्गीय आदमी हूं, जो अपने परिवार से प्यार करता है और उन्हें ढेर सारी खुशियां एवं प्यार देने के लिये किसी भी हद तक जा सकता है।

हाल ही में आपने कहा था कि ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के बाद आप टेलीविजन पर काम नहीं करेंगे। इसकी क्या वजह है?

मैं थिएटर से ताल्लुक रखता हूं और मैंने कई फिल्मों में काम किया है। ‘भाबीजी घर पर हैं‘ ने मुझे बहुत पहचान दिलाई है। मुझे नहीं लगता कि किसी और टेलीविजन शो ने मुझे इतनी लोकप्रियता और बतौर कलाकार इतना संतोष दिया है। मैं जहां भी जाता हूं, लोग मुझे मनमोहन तिवारी के रूप में पहचानते हैं और इतने आइकाॅनिक किरदार को निभाकर मुझे बहुत खुशी और गर्व है। जब तक ‘भाबीजी घर पर हैं‘ रहेगा, तब तक मैं इस शो का हिस्सा रहूंगा। यह शो हमेशा ही मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी।

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