‘काशी विश्वनाथ मंदिर’ के यादगार दर्शन

एण्डटीवी की घरेलू काॅमेडी ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ भारतीय टेलीविजन पर सबसे पसंदीदा काॅमेडी शोज में से एक है। इस शो में उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहने वाले दरोगा हप्पू सिंह (योगश त्रिपाठी), उसकी दबंग दुल्हनिया राजेश (कामना पाठक), ज़िद्दी माँ कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) और नौ शरारती बच्चों की हंसी से भरपूर कहानी दिखाई गई है। इस शो की बेहद लोकप्रिय जोड़ी हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) और राजेश (कामना पाठक) हाल ही में देव दीपावली में शामिल होने के लिये विश्व-प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर गया और भगवान शिव का आशीर्वाद लिया।

काशी विश्वनाथ मंदिर जाने के अपने अनुभव के बारे में बताते हुए योगेश त्रिपाठी, यानि दरोगा हप्पू सिंह ने कहा, ‘‘काशी विश्वनाथ मंदिर जाना हमेशा से मेरे पसंदीदा कामों की लिस्ट में शुमार रहा है और मुझे खुशी है कि आखिरकार मेरी इच्छा पूरी हुई। हम वाराणसी की देव दीपावली में शामिल होने के बाद भगवान शिव का आशीर्वाद लेने मंदिर गये थे। यह मेरे जीवन का सबसे यादगार अनुभव था। जब मैं मंदिर पहुँचा, मेरा ध्यान उसकी खूबसूरत बाहरी सजावट और सुनहरी छत पर गया। और जब मैं मंदिर के परिसर में गया, मुझे काफी आध्यात्मिक अनुभव हुआ। शिवजी के ज्योतिर्लिंग को देखने का अनुभव सचमुच जादुई और कभी न भुलाया जा सकने वाला था। मैं मंदिर के रास्ते में भगवान से काफी कुछ मांगने की सोच रहा था, लेकिन जब मैंने शिवलिंग को देखा, तो बस उसे देखता ही रह गया। मेरी यही इच्छा रही कि मुझे वहाँ के नजारे देखने और माहौल में डूबने के लिये ज्यादा वक्त मिले। दर्शन के बाद मैंने सबसे स्वादिष्ट पेड़े का प्रसाद खाया और अपने परिवार के लिये ड्राय फ्रूट के कुछ लड्डू पैक करवाए। वहाँ जाने का मौका मिलने को मैं अपना सौभाग्य समझता हूँ और उन संकरी गलियों में चलने और दर्शन करने का पूरा अनुभव बहुत विशेष था।’’ कामना पाठक, यानि राजेश सिंह ने कहा, ‘‘मैं भगवान शिव की बड़ी भक्त हूँ। तो जब मैं शिव नगरी वाराणसी में पहुँची, तब प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर जाना मेरी सबसे बड़ी इच्छाओं में से एक था और पहली बार इस मंदिर का अनुभव करना सचमुच यादगार था। देव दीपावली के दिन हम बोट राइड पर गये और अलग-अलग घाटों का दौरा किया। और जब मंदिर से गुजरे, तब मैं इतनी रोमांचित हो गई कि अगले दिन का इंतजार करना बड़ा मुश्किल हो गया। यह एक बेहतरीन वास्तुशिल्प है, लेकिन त्यौहार के दौरान की गई सजावट ने मुझे घाटों पर एक दूसरी दुनिया से जुड़ने जैसा अनुभव दिया। मुझे बहुत खुशी हुई कि हमें सबसे शुभ अवसर पर मंदिर जाने का मौका मिला। ऐसा लगा कि भगवान शिव का निमंत्रण हमारी किस्मत में था और जब मैं उनका आशीर्वाद लेने पहुँची, तब उनसे जुड़ाव का अनुभव हुआ। यह वाकई एक अद्भुत पल था। मुझे अपने अंदर शक्ति, आशा, शांति और भक्ति का अनुभव हुआ। ऐसा माना जाता है कि काशी विश्वनाथ, भगवान शिव असंख्य शुभ गुणों से सम्पन्न हैं और उनकी पूजा करने वालों की सभी मनोकामनायें पूर्ण होती हैं। मैंने पहली बार काशी विश्वनाथ और वाराणसी का दौरा किया था और मेरा मन नहीं भरा। मंदिर के लोगों ने हमें तुरंत पहचान लिया और प्रसाद से हमारा अभिनंदन किया। उनके प्रेम और लगाव को देखकर मैं दंग रह गई। इस अनुभव को मैं लंबे समय तक संजोकर रखूंगी और याद करूंगी। इतना ही नहीं, मैं इस जगह को और एक्स्प्लोर करने के लिए यहां आती रहूंगी।’’

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