आयुध भानुशाली ने एण्डटीवी के शो अटल में युवा अटल का किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीता है। यह शो भारत के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक, स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन के अनकहे पहलुओं पर रोशनी डालता है। शो का एक साल सफलतापूर्वक पूरा होने पर आयुध ने शो में अपने सफर, इस किरदार को निभाने में आई चुनौतियों और स्क्रीन पर इतने प्रतिष्ठित व्यक्तित्व को जीवंत करने के यादगार पलों पर बात की।
अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन का किरदार निभाना आपके लिये क्यों खास है?
यह रोल मेरे लिये वाकई में बेहद खास है, क्योंकि वह न सिर्फ एक महान नेता थे बल्कि एक प्रेरणादायक इंसान भी थे। उनके बचपन के किरदार को निभाना और उस कहानी को प्रस्तुत करना, जो यह दिखाता है कि कैसे शुरूआती अनुभवों ने उन्हें एक महान नेता के रूप में गढ़ा, वास्तव में एक बड़े सम्मान की बात है। इस शो का अनुभव बेहद कमाल का रहा है, जिससे मुझे मानवता, साहस और अपने मूल्यों पर टिके रहने जैसी अनमोल चीजें सीखने को मिली हैं।
अपनी आॅनस्क्रीन मां के रूप में नेहा जोशी के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करके कैसा लग रहा है?
नेहा मैम मेरे लिये एक मेंटर की तरह हैं, सेट पर और सेट के बाहर भी। मैं असली जिंदगी में भी उन्हें ‘आई‘ कहकर बुलाता हूं। उनकी प्रतिभा, मार्गदर्शन और सपोर्ट ने हमारे सारे सीन्स को इतना वास्तविक और इमोशनल बना दिया। बीते सालों में, हमारा रिश्ता और भी मजबूत हुआ है और इसने परदे पर मां-बेटे के हमारे रिश्ते को और भी वास्तविक बना दिया है। उन्होंने मुझे अभिनय के बारे में भी बहुत कुछ सिखाया है और इस सफर में मैंने उनसे जो कुछ भी सीखा है, उसके लिये मैं उनका आभारी हूं।
नन्हें अटल बिहारी वाजपेयी का किरदार निभाने का सबसे चुनौतीपूर्ण पहलू क्या रहा है?
अटल जी की पर्सनैलिटी को दिखाना सबसे बड़ी चुनौती रही है। वह बचपन में भी काफी बुद्धिमान और विचारशील थे। बचपन की मासूमियत को बरकरार रखते हुये उनकी इन खासियतों को संतुलित करना निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण था।
आपने हाल ही में ग्वालियर में इस शो की पहली वर्षगांठ का जश्न मनाया। वह अनुभव कैसा था?
ग्वालियर का सफर बेहद यादगार था। अटल जी के पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी के नाम पर स्थापित लाइब्रेरी और कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का दौरा करना एक खास अनुभव रहा, खासतौर से यह जानने के बाद कि अटल जी ने खुद अपने हाथों से इसका उद्घाटन किया था। इसके साथ ही बहादुर स्वीट्स पर उनकी पसंदीदा बूंदी लड्डुओं का स्वाद चखकर तो मजा ही आ गया। ग्वालियर में अटल जी की विरासत के इस जश्न का हिस्सा बनना बेहद खास अनुभव था।
युवा अटल बिहारी वाजपेयी के साथ निजी तौर पर आप कितना जुड़ाव महसूस करते हैं?
अटल जी की जिज्ञासा और सीखने के प्रति उनके प्यार से मैं जुड़ाव महसूस करता हूं। उनके बचपन का किरदार निभाकर मैंने सीखा है कि कैसे छोटे-छोटे से कदम और निर्णय आपके भविष्य को आकार दे सकते हैं। इसने मुझे जमीन से जुड़े रहने, निरंतर सीखने और उनके सिद्धांतों पर चलने के लिये प्रेरित किया है।
कोई ऐसा किरदार जिसे आप भविष्य में निभाना चाहते हैं?
मैं एक दिन सुपरहीरो का किरदार निभाना पसंद करूंगा-एक ऐसा किरदार जो अपनी शक्तियों का इस्तेमाल सकारात्मक बदलाव लाने के लिए करे। मेरा सपना है कि मैं ऐसे रोल निभाऊं जो मुझे भावनात्मक रूप से चुनौती दें और एक अभिनेता के रूप में मुझे निखारें। चाहे वह कोई ऐतिहासिक व्यक्तित्व हो या काल्पनिक चरित्र, मैं ऐसी कहानियों का हिस्सा बनना चाहता हूं जो दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ें।