माँ की तरह, पिता भी बच्चों के भावनात्मक विकास में मजबूत स्तंभ की तरह होते हैं। पिता और बच्चे जैसा कोई और रिश्ता नहीं होता
पिता की यह भूमिका बच्चे पर गहरा प्रभाव डालती है और भविष्य में एक बेहतर इंसान बनने में मदद करती है
एक्ट्रेस खुशी भारद्वाज ने कहा की में अपने डैडी के साथ डेर सारि मस्ती करती हूँ और मेरे डैडी बहुत क्यूट है। मुझे लगता है कि मैं अपने पिता का ही प्रतिबिम्ब हूं, इसलिये मेरी जिन्दगी ही एक बेहतरीन याद है और एक बेटी के तौर पर मेरे पिता के साथ मेरा जो सफर है, वह मेरे दिल के लिये बहुत खास है। मेरा मानना है कि मैंने उनके बहुत गुणों को अपनाया है-उन्होंने कहा कि ‘गलत कभी करना नहीं, और कोई गलत हो, तो कभी झुकना नहीं’,काम करते रहने का स्वभाव और व्यवहारिकता का बोध। जिन्दगी के फैसलों पर वह बहुत तथ्यात्मक और व्यवहारिक हैं, साथ ही उनका एक भावनात्मक पहलू भी है। मेरी कामना है कि मेरे पिता इस कठिन समय में सुरक्षित रहें। में अपने पापा को शुभकामना और प्यार दूंगी। मुझे खास दिनों को मनाने का कोई शौक नहीं है, मैं सारे दिनों को खास बनाने में यकीन रखती हूं। मैं चाहती हूं कि वे पूरे साल खुश रहें।
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