‘‘मेरे जीवन में भगवान शिव ने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया और मेरा हौसला बढ़ाया है‘‘, यह कहना है एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ के तेज सप्रू का

भारतीय एंटरटेनमेन्ट इंडस्ट्री में 40 साल से अधिक समय बिताने के बाद, मशहूर अभिनेता तेज सप्रू अब एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में प्रजापति दक्ष की भूमिका निभाते नजर आएंगे। यह किरदार दर्शकों को हाई वोल्टेज ड्रामा वाली कहानी दिखायेगा। हमने उनसे उनके किरदार, भगवान शिव में उनकी आस्था और कई मुद्दों के बारे में बात की।

एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में दक्ष के अपने किरदार के बारे में बतायें? और इस किरदार की कौन-सी बात आपको सबसे ज्यादा दिलचस्प लगी ?

मैं भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त हूं। कोई भी भूमिका जो मुझे उनकी उपस्थिति का एहसास कराये, वह हमेशा ही मुझे दिलचस्प लगेगी। प्रजापति दक्ष एक बहुत शक्तिशाली किरदार है और यह पहली बार नहीं है जब मैं उन्हें परदे पर निभा रहा हूं। मैंने सालों पहले एक फिल्म की थी जिसमें मैंने वही भूमिका निभाई थी। वह फिल्म अभी भी उन भक्तों के लिये मां अम्बे मंदिर में दिखायी जाती है जो भगवान शिव के जीवन के पीछे की पूरी कहानी को समझना चाहते हैं। मेरे लिये यह सबसे खूबसूरत एहसास में से एक है।

आपको यह भूमिका कैसे मिली?

दमदार भूमिकाएं हमेशा से ही मेरा ध्यान अपनी तरफ खींचती रही हैं। जब प्रोडक्शन हाउस, ज़ी स्टूडियोज द्वारा दक्ष का किरदार मुझे आॅफर किया गया, तो मैं ना नहीं कर सका। उनके लिये लुक टेस्ट देने के बाद मुझे इस किरदार के लिये फाइनल कर लिया गया।

हमने सुना है कि वास्तविक जीवन में आप शिव के परम भक्त हैं। वैसे, आपका किरदार शिव विरोधी है, तो क्या आप नर्वस महसूस कर रहे हैं?

मैं बचपन से ही भगवान शिव का भक्त रहा हूं। मुझे याद है कि मैं जम्मू के एक शिव मंदिर में जाता था और सोमवार को उपवास करता था। आज भी मेरा दिन शिव कवच बोलने से शुरू और खत्म होता है, क्योंकि इससे मुझे जो शक्ति महसूस होती है उसे बयां नहीं किया जा सकता। मेरा मानना है कि भगवान शिव मेरे जीवन के मार्गदर्शक हैं और मुझे ब्रह्मांड के बड़े हिस्से से जोड़ते हैं। मैं हर वो भूमिका निभाऊंगा, जो भगवन शिव को चित्रित करती हो, भले ही वह परदे पर उनके विरुद्ध ही क्यों ना हो। भगवान शिव मेरे जीवन में हमेशा प्रेरक और मार्गदर्शक रहे हैं। इसलिये, मैं नर्वस नहीं हूं क्योंकि मेरे इस पूरे सफर में भगवान शिव मेरे साथ हैं।

आप पहले भी कई पौराणिक शो से जुड़े रहे हैं। इस जोनर के प्रति आपके लगाव का कारण क्या है?

पौराणिक कथा सबसे कठिन जोनर में से एक है, खासकर भारी-भरकम बाल,मेकअप, डायलाॅग और ज्वैलरी। लेकिन ये आशीर्वाद के रूप में आते हैं और आपके लिये इससे बड़ा आशीर्वाद क्या हो सकता है।

पौराणिक कथाओं के अलावा कौन-कौन से जोनर आपको रोमांचित करते हैं। या कोई खास जोनर जिसमें अभी तक आपने काम ना किया हो और और जिसे आप एक्सप्लोर करना चाहेंगे ?

पौराणिक कथाओं के अलावा, ऐतिहासिक जोनर मुझे सबसे ज्यादा रोमांचित करते हैं। मैं हमेशा से ऐतिहासिक नायकों से प्रभावित रहा हूं। मैंने विषय के साथ अपने जुड़ाव को समझने के लिये इतिहास में ग्रेजुएशन भी किया है। एंटरटेनमेन्ट इंडस्ट्री में 42 साल के सफर में, मुझे नहीं लगता कि कोई भी जोनर अछूता रह गया है। हालांकि, एक एक्टर के तौर पर, मैं अपने रास्ते में आने वाली हर नई चीज को आजमाने के लिये तैयार हूं।

आपने कई खलनायक किरदार निभाये हैं, क्या ऐसा करने के पीछे कोई खास कारण है और आपका सबसे पसंदीदा खलनायक किरदार कौन-सा रहा है? या कोई ऐसा पसंदीदा किरदार जो आप चाहते थे कि आपको निभाने का मौका मिले?

मैं उस जमाने से आता हूं जब विलेन की फैन फॉलोइंग थी। दिलचस्प बात यह है कि मैंने दिवंगत अमरीश पुरी, गुलशन ग्रोवर और प्राण सहित बॉलीवुड जगत के सबसे प्रतिष्ठित खलनायक के बेटे की भूमिका निभाई है। मुझे खलनायक के किरदार निभाना पसंद था, लेकिन यह कोई विकल्प नहीं था। बल्कि, मेरे एक्शन दृश्यों ने दर्शकों और निर्देशकों को इतना आकर्षित किया कि मुझे एक तेजतर्रार खलनायक की भूमिका निभाने के प्रस्ताव मिलने लगे, ऐसे एक्शन करना भी अद्भुत अनुभव है। मैंने इतने खलनायक किरदार निभाये हैं कि किसी एक का नाम लेना सही नहीं होगा। हालांकि ‘मिस्टर इंडिया‘ में तेजा के मेरे किरदार ने मुझे पहचान दिलाई। चार दशक से भी ज्यादा समय में 13 अलग-अलग भाषाओं में इतने किरदार करने के बाद किसी और का किरदार निभाने की इच्छा रखना, कुछ ज्यादा ही हो जायेगा। (हंसते हुए)।

आप इकलौते ऐसे एक्टर हैं जिन्होंने 13 अलग-अलग भाषाओं में काम किया। आप ऐसा कैसे कर पाये? आपको किसी चुनौती का सामना करना पड़ा?

मुझे चुनौतियां पसंद हैं, इसलिये मैंने खुद को कुछेक इंडस्ट्री तक ही सीमित नहीं रखा। इसके बजाय, मैंने 13 अलग-अलग भाषाओं में काम किया। चुनौतियां आईं, खासकर उसी आत्मविश्वास के साथ उन डायलाॅग्स को बोलने में, लेकिन किसी तरह, मैंने उन भाषाओं को सीखा और अब मुझे इस बात पर गर्व महसूस होता है।

आप बॉलीवुड, पंजाबी सिनेमा और टेलीविजन में काम कर चुके हैं, हमें बतायें कि एंटरटेनमेन्ट इंडस्ट्री में आपका सफर कैसा रहा?

यह सफर काफी उतार-चढ़ाव से होकर गुजरा है, लेकिन मैं कहूंगा कि इन 40 वर्षों में, कभी ऐसा मौका नहीं आया जब मुझे लगा कि मैं काम छोड़ दूं। इसके लिये मैं फिर से भगवान शिव और उन लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मुझे वो बनने में मदद की है, जो आज मैं हूं।

आप लगभग दो साल से टेलीविजन से दूर रहे हैं। इस ब्रेक के पीछे क्या कारण था और आपके वापसी की क्या वजह है?

मुझे टेलीविजन से इतना प्यार है कि मैं इससे ब्रेक लेने के बारे में सोच भी नहीं सकता। इसका एकमात्र कारण कोविड-19 था जो कई लोगों के लिये एक कारण रहा है। ‘बाल शिव‘ में प्रजापति दक्ष जैसे दमदार किरदार के साथ दर्शकों का मनोरंजन करते हुए मुझे खुशी महसूस हो रही है।

कोई अन्य प्रोजेक्ट भी आने वाले हैं?

कई फिल्में और सीरीज आने वाली हैं हैं, जिनकी मैं शूटिंग कर रहा हूं और इनके रिलीज होने का इंतजार है। ये भूमिकाएं काफी अलग हैं और अलग-अलग जोनर पर केंद्रित होंगी। मेरे लिये इससे ज्यादा उत्साह की बात कुछ और नहीं सकती है, जब आप उन्हें देखेंगे।

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