नेहा जोशी मना रही हैं शादी के बाद मनाया अपना पहला गुड़ी पाड़वा

गुड़ी पाड़वा के उत्सव के साथ मराठी नववर्ष की शुरूआत होती है और मराठियों के लिये यह एक बेहद आनंददायक अवसर होता है। यह त्योहार चैत्र महीने के पहने दिन मनाया जाता है और ऐसी मान्यता है कि यह अपने साथ समृद्धि और सौभाग्य घर लेकर आता है। एण्डटीवी के ‘दूसरी माँ‘ में यशोदा का किरदार निभा रहीं नेहा जोशी मूल रूप से महाराष्ट्र के नाशिक की रहने वाली हैं। शादी के बाद यह उनका पहला गुड़ी पाड़वा का त्योहार है और इसे मनाने के लिये वह बेहद उत्साहित हैं। इस साल के जश्न के बारे में बात करते हुये नेहा जोशी ने कहा, ‘‘गुड़ी पाड़वा का त्योहार महाराष्ट्र में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन की शुरूआत, हर मराठी घर में एक ध्वजारोहण के साथ होती है, जिसे गुड़ी कहा जाता है। एक लकड़ी के डंडे को फूलों के हार, नीम की पत्तियों और एक चमकीले कपड़े से सजाकर गुड़ी तैयार की जाती है। ऐसा माना जाता है कि गुड़ी बुरी शक्तियों का नाश करती है और समृद्धि एवं सौभाग्य लेकर आती है। यह नई शुरूआत, उम्मीदों और आकांक्षाओं का भी प्रतिनिधित्व करता है। इसके साथ ही लोग घरों को रंगोली, सूखे रंगों और फूलों से भी सजाते हैं। चूंकि, शादी के बाद यह मेरा पहला गुड़ी पाड़वाहोगा, ओंकार और मैं इस साल मेरे पैरेंट्स के घर जायेंगे। इस दिन नवविवाहित बेटियों के माता-पिता अपनी बेटियों और उनके पतियों को भोजन के लिये आमंत्रित  करते हैं। इस दिन पूरन पोली, श्रीखंड जैसे मीठे पकवान और आम्बे दाल एवं सूंठ पाक जैसे व्यंजन बनाये जाते हैं और मैंने पहले ही अपनी मां से इन सारी चीजों की मांग कर दी है (हंसती हैं)। वह एक कमाल की कुक हैं और अपने शो ‘दूसरी माँ‘ की शूटिंग के लिये जयपुर में रहते हुये, मुझे माँ के हाथ के खाने की कमी बहुत खली है। मैं नौवारी साड़ी, खूबसूरत गहनों और अपने बालों में मोगरा के फूलों का गजरा लगाकर पारंपरिक मराठी वेशभूषा में सज-धज कर तैयार होने का भी बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।‘‘

उन्होंने आगे कहा, ‘‘शाम को, हम अपने रिश्तेदारों से मिलने, घूमने-फिरने और इस पावन अवसर पर मंदिरों में देवी-देवाताओं का आशीर्वाद लेने के लिये जाते थे। नाशिक में इस दिन कलाराम मंदिर जाकर भगवान का दर्शन करने और आशीर्वाद लेने की परंपरा है। हालांकि, सबसे ज्यादा आनंद इस मौके पर निकलने वाली शोभा यात्रा देखने में आता है, जोकि एक बहुत बड़ा जश्न है। इसमें महिलायें खूबसूरत परिधान पहनकर तैयार होती है, हाथों में झंडे लेकर ढोल-ताशा पर परफाॅर्म करती हैं। मैं गुड़ी पाड़वाके अवसर पर सभी लोगों को शुभकामनायें देना चाहूंगी। यह साल आपकी जिंदगी में खुशियां, सेहत और समृद्धि लेकर आये।‘‘

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