कभी दुश्मन कभी सहेली – ऐसी ही कुछ है सकीना और शांति की दोस्ती की पहेली

भगवान एक है लेकिन हम अलग-अलग रूपों में उनकी पूजा करते हैं। एण्डटीवी के और भई क्या चल रहा है? की मुख्य कलाकार अकांशा शर्मा(सकीना मिर्जा) और फरहाना फातिमा (शांति मिश्रा) ने इसी पहलू को जीवंत किया है

हालांकि, शो में दर्शक उन्हें एक ही हवेली में आसपास रहने वाली झगड़ालू पडोसी के रूप में देख रहे हैं, लेकिन असल जिंदगी में ऑफ स्क्रीन इन दोनों का रिश्ता बिलकुल विपरीत है। ऑन-स्क्रीन कभी दुश्मन-कभी सहेली का संबंध रखने वाली, इन दोनों मुख्य कलाकारों का ऑफ-स्क्रीन तालमेल बहुत ही खूबसूरत है। लखनऊ की पृष्ठभूमि पर बना, ये शो एक सिचुएशनल कॉमेडी को दर्शाता है जिसमें दो विपरीत संस्कृति वाले परिवारों को एक ही छत के नीचे रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जो छोटे शहरों के रहन-सहन वाली रोजमर्रा की चिंताओं और बेहद प्रतिस्पर्धी पत्नियों का सामना करते हैं।

यह शो दो परिवारों- मिश्रा और मिर्जा के माध्यम से लखनऊ की प्राचीन समय से चली आ रही गंगा-जमुनी तहजीब को दर्शाता है। ये अभिनेत्रियां एक ही मेकअप रूम शेयर करती हैं, और समय के साथ, शूटिंग के दौरान ये उनके लिए एक हैंगआउट स्पेस बन गया है। सांस्कृतिक रूप से बिलकुल अलग भूमिका निभाने वाली, अकांशा जोकि शो में सकीना मिश्रा की भूमिका निभा रही है वो शो में शांति मिश्रा की भूमिका निभा रही फरहाना की शब्दों का सही उच्चारण करने में मदद करती हैं, जबकि फरहाना भी अकांशा की उर्दू में सही डायलॉग्स बोलने और उच्चारण करने में उनकी मदद करती हैं। ये दोनों मुख्य कलाकार स्पेस का मतलब बखूबी समझती हैं जहां अपना दिन शुरू करने से पहले दोनों अपनी-अपनी धार्मिक प्रार्थनाएं सुनते हैं और साथ ही एक-दूसरे की प्रार्थना में शामिल होते हैं।

जब फरहाना नमाज पढ़ रही होती है तब अकांशा उसको ध्यान से देखती है और उसके साथ अजान सुनती है, फरहाना भी अकांशा के साथ मिलकर हनुमान चालीसा सुनती है। दोनों ही एक-दूसरे के धर्म का पूरा आदर करते हैं। अकांशा शर्मा उर्फ सकीना ने कहा, समय के साथ, फरहाना मेरी बहुत प्यारी दोस्त बन गई है। हम साथ में मेकअप करवाते हैं, खाना खाते हैं, गाने सुनते हैं, और कभी-कभी थोड़ी बहुत गॉसिप भी कर लेते हैं। कई बार ऐसा होता है जब मैं उर्दू के कुछ शब्दों का गलत उच्चारण कर देती हूं, तो फरहाना उसमें मेरी मदद करती है। वह इस बात को सुनिश्चित करती है कि वह समय निकाले और मेरी उर्दू की शब्दावली सुधारे। वह भी मेरे साथ बैठती है और हनुमान चालीसा सुनती है और छंद सीखने में भी भाग लेती है। ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन दोनों ही तरह से मैं इस शानदार रिश्ते को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही हूं। फरहाना फातिमा उर्फ शांति ने आगे कहा, मेकअप रूम हमारा हैंगआउट प्लेस है। हम वहां पर हर तरह की चीजे करते हैं और ढ़ेर सारी मस्ती करते हैं। दूसरे लोग यही सोचते रहते हैं कि ऐसा क्या हो रहा है अंदर कि बस हंसने की आवाज आ रही है? अकांशा एक बहुत अच्छी सह-कलाकार है और अब वह मेरे करीबी दोस्तों में से एक है। जब भी मैं नमाज करने के लिए बैठती हूं, तो वह मुझे पूरा स्पेस देती है और शूटिंग के दौरान सीन्स को सही तरह से करने में मेरी मदद करती है। जिज्ञासा के कारण, हम एक-दूसरे से उनके धर्म के बारे में पूछते हैं ताकि हम हमारे किरदारों के साथ पूरा न्याय करें और हम एक-दूसरे के धर्म का बहुत सम्मान करते हैं। मुझे लगता है कि यही वजह है कि हमारा रिश्ता इतना खूबसूरत है और मैं उम्मीद करती हूं कि हमारे दर्शक भी हमारे किरदारों के जरिए इसे देखें।

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