अपने प्यारे पेट्स से सीखिये जिंदगी के बेहतरीन सबक!

पेट्स या पालतू पशु हमारे परिवार के बेहद प्यारे सदस्य होते हैं, जो हमारे दिन को प्यार, खुशियों और अपनेपन से भर देते हैं। उनकी ईमानदारी और लगाव हमें निःस्वार्थ प्यार की खूबसूरती की याद दिलाता है। नेशनल पेट डे का जश्न मनाते हुये एण्डटीवी के कलाकारों ने अपने पेट्स और उनके अूटट प्रेम एवं वफादारी के बारे में बात की। इन कलाकारों में शामिल हैं: राहुल जेठवा (‘अटल‘ के अवध बिहारी वाजपेयी), गीतांजलि मिश्रा (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश) और विदिशा श्रीवास्तव (‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनीता भाबी)। राहुल जेठवा जोकि ‘अटल‘ में अवध बिहारी वाजपेयी का किरदार निभा रहे हैं, ने कहा, ‘‘पेट्स हमें ढेर सारी खुशियां देते हैं। हमारे काम से घर लौटने पर दरवाजे पर उनके स्वागत से लेकर मुश्किल दिनों में अपनी  सांत्वना देने वाली मौजूदगी तक, हमारे ये प्यारे साथी ढेर सारे प्यार एवं खुशियों से हमारे दिनों को भर देते हैं। मेरे पास सात्विक नाम का डाॅगी है! उसका नाम आध्यात्मिकता से जुड़ा है और वह मेरे आध्यात्मिक सफर का आईना है। उसने मेरी जिंदगी में उस समय कदम रखा, जब अपनी बहन की शादी के बाद मैं बेहद अकेलापन महसूस कर रहा था। उसने अपने प्यार और अपनत्व से उस खालीपन को भर दिया, जो मुझे मेरी बहन की याद दिलाता था। हमारे पास एक फिश टैंक भी है, जो बेहद मनमोहक है। हम उस टैंक में मछलियो को तैरते हुये देखकर घंटों बिता सकते हैं, जो एक तरह से तनाव भगाने वाला अनुभव है। इन दोनों से कई बातें सीखी जा सकती हैं। डाॅग्स हमें वफादारी, छोटे-छोटे पलों में खुशियों और निश्छल प्यार के बारे में सिखाते हैं, जबकि मछलियां हमें परिवर्तनशीलता एवं सामंजस्य के बारे में सिखाती हैं, जिससे आपको लचीलापन लाने, सामुदायिक भावना जगाने और कई अन्य चीजों में मदद मिल सकती है।‘‘

गीतांजलि मिश्रा, जोकि ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में राजेश का किरदार अदा कर रही हैं, ने कहा, ‘‘दिन भर का मेरा सबसे आनंददायक और खुशनुमा पल होता है, अपने पेट ‘बम बम‘ के साथ खेलना और उसे गले लगाना। वह जब आस-पास होता है, तो मैं बहुत खुश रहती हूं। वह बहुत चुलबुला और जोश से भरपूर है। मैंने अपने प्यारे भगवान शिव से प्रेरित होकर उसका नाम ‘‘बम बम‘‘ रखा है। पेट्स हमारी आत्मा को सुकून पहुंचा सकते हैं और हमारे दिन को खुशियों को भर सकते हैं, फिर चाहे कोई प्यारी सी बिल्ली हो या चुलबुला डाॅगी। हमें जो सबसे अच्छी बात वह सिखाते हैं, वह है माफ कर देना। उनमें माफ कर देने की कमाल की क्षमता होती है, फिर चाहे हमने उनके साथ कितना भी रूखा व्यवहार क्यों न किया हो। दूसरी चीज है उनका निःस्वार्थ प्यार- वह हमें बिना किसी स्वार्थ के प्यार करते हैं, हमारी कमियों या गलतियों को नजरअंदाज करके। वह हमें सिखाते हैं कि हमें अपना दिल बड़ा रखना चाहिये, दूसरे को पूरे दिल से प्यार करना चाहिये, बिना किसी जजमेंट के। वह हमें समानुभूति, दया भाव रखना और हर किसी को स्वीकार करना सिखाते हैं।‘‘

विदिशा श्रीवास्तव, जोकि ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अनीता भाबी का किरदार निभा रही हैं, ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हम पेट्स को नहीं चुनते, बल्कि वे हमें चुनते हैं। इस सच्चाई को मैंने उस समय बेहद करीब से महसूस किया, जब तीन साल पहले मैंने अपने घर पर एक डाॅग का स्वागत किया और यहीं से हमने एकसाथ दिल को छू लेने वाले सफर की शुरूआत की। उसके सफेद बालों और मनमोहक आंखों को देखकर हमने उसका नाम ‘फाॅक्सी‘ रखा, जो एक सफेद फाॅक्स के जैसा है। उसके चुलबुले व्यक्तित्व ने हमारी जिंदगी में अनगिनत खुशियां भर दीं। वह हमेशा मेरे पास आ जाता है और जब तक उसकी मांग पूरी नहीं हो जाती, मुझे लाड़ करके मनाता रहता है। मैं उसके साथ मौज-मस्ती तो करती ही हूं, वह मेरे लिये एक अल्टीमेट स्ट्रेसरिलीवर की तरह है और मेरा प्यारा सा साथी है, जो मेरे हर दिन को ढेर सारे प्यार और खुशियों से भर देता है। पेट्स हमारी जिंदगी को और भी खुशनुमा बना देते हैं, हमें एकजुटता व समानुभूति का पाठ सिखाते हैं और हर पल को जीने की अहमियत बताते हैं। वल्र्ड पेट डे पर, आईये इंसानों और उनके पेट्स के बीच के इस बेमिसाल बंधन का जश्न मनायें।‘‘

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