Actor utkarsh sharma exclusive एक्टर उत्कर्ष शर्मा ने आगामी फिल्म ‘वनवास’ के बारे में विस्तार से बातचीत की

अनुभवी निर्देशक अनिल शर्मा के बेटे और ‘गदर 2’ से पहचान बनाने वाले एक्टर उत्कर्ष शर्मा अब अपनी अगली फिल्म ‘वनवास’ को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में वह दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर के साथ स्क्रीन साझा करेंगे। बातचीत में उत्कर्ष ने ‘वनवास’ के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने फिल्म के संदेश, अपने किरदार की तैयारी और इसकी नई पीढ़ी के लिए प्रासंगिकता पर बात की।

‘वनवास’ करने का निर्णय क्यों लिया?

“मैंने ‘वनवास’ इसलिए की क्योंकि यह फिल्म हम ‘गदर 2’ की रिलीज़ से पहले ही शुरू कर चुके थे। उस वक्त मुझे भी यह नहीं पता था कि मैं यह फिल्म कर रहा हूं। लेकिन जब मैंने फिल्म का एक संवाद सुना, तो मैं तुरंत पापा (अनिल शर्मा) के पास गया और उनसे गुजारिश की कि मैं इस फिल्म का हिस्सा बनना चाहता हूं। वजह यह है कि फिल्म का संदेश बहुत गहरा है।

क्या ‘वनवास’ नई पीढ़ी के लिए प्रासंगिक है?

“मुझे लगता है कि यह फिल्म हर पीढ़ी से जुड़ाव रखती है। जब हम छोटे थे, तो ‘बागबान’ और ‘अपने’ जैसी फिल्मों को देखकर हमारी भावनाएं जागृत होती थीं। ऐसी फिल्मों ने रिश्तों और परिवार के महत्व को समझाया।

अब जो मेरी उम्र के युवा हैं, जिन्हें लोग ‘जेन जी’ कहते हैं, उन्हें भी इस फिल्म से भावनात्मक जुड़ाव महसूस होगा। आजकल का दौर ऐसा है कि अगर कोई कहे कि वह अपने माता-पिता के साथ रहता है, तो यह किसी गाली की तरह लगता है। लेकिन मैं मानता हूं कि माता-पिता के साथ रहना आपका सौभाग्य है। यह फिल्म इसी सोच को चुनौती देती है और परिवार के महत्व को दोबारा स्थापित करने की कोशिश करती है।”

फिल्म में बनारसी किरदार निभाने की तैयारी कैसी रही?

“यह पहली बार था जब मैं बनारस गया। मुझे पता था कि बनारसी किरदार निभाना एक चुनौती है। मैंने अमिताभ बच्चन, गोविंदा और देव आनंद साहब की वे फिल्में देखीं, जिनमें उन्होंने बनारसी अंदाज में अभिनय किया है। उनकी परफॉर्मेंस आइकॉनिक थी, लेकिन मुझे अपनी अलग पहचान बनानी थी।

मैं शूटिंग से कुछ दिन पहले बनारस पहुंचा और वहां के माहौल को समझने की कोशिश की। एक स्थानीय गाइड के साथ 10-15 दिनों तक मैं वहां के लोगों से बातचीत करता रहा। उनके रहन-सहन, बोलचाल और सोचने के तरीके को करीब से देखा। शूटिंग के दौरान भी स्थानीय लड़के मेरे साथ रहते थे, ताकि मेरे संवाद और लहजे में सटीकता आ सके।

नाना पाटेकर के साथ स्क्रीन साझा करने का अनुभव

“नाना सर के साथ काम करना एक सीखने जैसा था। उनका काम करने का तरीका बहुत सटीक और समर्पित है। उनकी मौजूदगी से सेट पर हमेशा ऊर्जा बनी रहती थी। उनके साथ स्क्रीन शेयर करना मेरे लिए एक बड़ी बात है। उन्होंने हर सीन को इतना गहराई से जिया कि मुझे भी अपने प्रदर्शन में सुधार करने की प्रेरणा मिली।”

‘गदर 2’ के बाद दर्शकों की अपेक्षाएं

“‘गदर 2’ से मुझे बहुत प्यार और पहचान मिली। लेकिन मैं चाहता हूं कि लोग मुझे हर फिल्म में एक अलग किरदार में देखें। ‘वनवास’ में मेरा किरदार बहुत अलग है, और मैं पूरी ईमानदारी के साथ इसे निभाने की कोशिश की है। मेरी कोशिश यही है कि हर फिल्म के साथ मैं दर्शकों को कुछ नया दूं।”

क्या इस फिल्म में कुछ खास सीखने को मिला?

“इस फिल्म ने मुझे यह सिखाया कि एक अभिनेता के रूप में आपको अपने किरदार में पूरी तरह से डूबना पड़ता है। यह सिर्फ अभिनय नहीं है, बल्कि आपके अनुभव, आपकी मेहनत और आपकी भावनाएं भी स्क्रीन पर नजर आती हैं। साथ ही, इसने मुझे रिश्तों और परिवार की अहमियत को और गहराई से समझने का मौका दिया।”

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