होली का त्यौहार बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। यह बसंत ऋतु के आगमन और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है। इसमें लोग मिलकर जीवन के रंगों का उत्सव मनाते और आनंद लेते हैं। इस त्यौहार को लेकर भारत के हर राज्य का अपना एक अनोखापन होता है। ऐसे में संस्कृतियों और परंपराओं का एक विविधतापूर्ण संगम बन जाता है। उत्सव मनाने के विभिन्न तरीकों पर बात करते हुए, एण्डटीवी के कलाकारों ने अपने-अपने होमटाउन में होली की अनूठी परंपराओं के बारे में बताया। इन कलाकारों में शामिल हैं- ‘अटल‘ के आशुतोष कुलकर्णी (कृष्ण बिहारी वाजपेयी), ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की गीतांजलि मिश्रा (राजेश सिंह) और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की शुभांगी अत्रे (अंगूरी भाबी), महाराष्ट्र में होने वाले उत्सव के बारे में, एण्डटीवी के ‘अटल‘ के आशुतोष कुलकर्णी, ऊर्फ कृष्ण बिहारी वाजपेयी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में होली भव्यता और उत्साह के साथ मनाई जाती है। होलिका दहन की परंपरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होती है। अगले दिन ‘‘रंगपंचमी’’ आती है, जिसमें होली के त्यौहार को चटकीले गुलाल और पानी वाले रंगों से मनाया जाता है। इस त्यौहार में मछुआरा समुदाय का एक विशेष महत्व होता है। वह गीत गाते हैं, नाचते हैं और देवताओं को स्वादिष्ट प्रसाद चढ़ाते हैं। ‘‘पूरन पोली’’ जो कि गुड़ और चने की दाल से भरी एक मीठी रोटी होती है, होली के उत्सव का एक लोकप्रिय पकवान है। मुंबई शहर पूरा ही जगमगा उठता है, क्योंकि वहाँ सितारों के जमावड़े वाले होली मिलन समारोह होते हैं। इनमें लोग अपने चहेते कलाकारों के साथ होली खेलते हैं। होली का खुशनुमा माहौल मेरे मन को आनंद से भर देता है। मैं सभी को होली के खुशियों से भरे उत्सव की हार्दिक शुभकामना देता हूँ!’’
उत्तर प्रदेश के होली उत्सव के बारे में समझाते हुए, एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश सिंह, ऊर्फ गीतांजलि मिश्रा ने कहा, ‘‘होली उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि यूपी के अलग-अलग हिस्सों में अनोखी परंपराएं और उत्सव होते हैं। उदाहरण के लिये, मथुरा में महिलाएं राधा रानी मंदिर की मशहूर ‘‘लठ मार होली’’ के दौरान पुरुषों को मजेदार तरीके से लाठियों से पीटती हैं। ऐसे में वह भजन भी गाती हैं। कानपुर में होली का रंग सात दिनों तक चढ़ा रहता है और शानदार गंगा मेला के साथ उसका समापन होता है। शिव की नगरी वाराणसी में होली की शुरूआत होलिका दहन से होती है और गंगा घाटों पर उत्सव मनाया जाता है। इसके बाद उत्साह और रंगों से भरे मिलन समारोह होते हैं। ठंडाई और गुझिया से त्यौहार का मजा बढ़ जाता है। ऐसे उत्सवों का भव्य रूप और उत्साह देखते ही बनता है। मैं सभी को खुशियों, सेहत और आनंद से भरी एक बेहतरीन होली की शुभकामना देती हूँ।’’ मध्यप्रदेश में होली के उत्सव पर एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी, ऊर्फ शुभांगी अत्रे ने कहा, ‘‘मध्यप्रदेश अपने जीवंत होली उत्सवों के लिये काफी मशहूर है, जो लगातार दो दिन तक चलते हैं। पहले दिन विभिन्न मंदिरों में अलाव जलाये जाते हैं। दूसरे दिन लोग एक-दूसरे पर चटकीले रंग लगाकर बसंत ऋतु के आगमन का उत्सव मनाते हैं। इसके बाद पारंपरिक पकवानों पर टूट पड़ते हैं, जैसे कि गुझिया और लड्डू। उत्सव के दौरान आप मधुर गाने, जोश से भरा डांस और ढोल की थाप देख सकते हैं। राज्य के जनजातीय समुदाय होली के पाँच दिन बाद रंगपंचमी भी मनाते हैं। इससे त्यौहार सांस्कृतिक रूप से ज्यादा समृद्ध हो जाता है। गर्व से मध्यप्रदेश की निवासी होने के नाते मुझे यह परंपराएं पसंद हैं और मैं अपने प्रियजनों के साथ होली मनाती हूँ।’’