सोनी सब के कलाकार कैसे मनाते हैं दिवाली

मिथिल जैन ऊर्फ ‘शुभ लाभ- आपके घर में’ के रोहित

मेरे लिये दिवाली अपने परिवार वालों, दोस्‍तों एवं रिश्‍तेदारों के और करीब आने एवं उनके साथ कुछ आनंददायक पल बिताने का एक बेहतरीन मौका है। चूंकि हमारा काफी वक्‍त शूटिंग में जाता है, इसलिये हमें अपने परिवार के साथ बिताने के लिये पर्याप्‍त समय नहीं मिल पाता। इसलिये, त्‍योहारों के इस मौसम में, हमें चार-पांच दिन मिल जाते हैं और हम अपने परिवार के साथ एक ही छत के नीचे रहकर फेस्टिवल का भरपूर मजा लेते हैं। मेरे लिये वह दिवाली सबसे अच्‍छी थी, जब मैं अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिये सिंगापुर गया था। दिवाली से जुड़ी मेरी बचपन की कई प्‍यारी यादें हैं और इस त्‍योहार पर जो चीज मुझे सबसे ज्‍यादा पसंद है, वह है खाना। घूगरा दिवाली का मेरा सबसे पसंदीदा पकवान है और मैं इस त्‍योहार पर श्रीखंड, जलेबी, फाफड़ा बड़े शौक से खाता हूं, क्‍योंकि मैं पूरे साल इन्‍हें खाने से परहेज करता हूं। इस साल मैं राजस्‍थान जाऊंगा और यहां के स्‍वादिष्‍ट पकवानों का आनंद उठाऊंगा एवं जीवन भर की यादें संजो कर लाऊंगा। मैं अपने सभी प्रशंसकों से अनुरोध करना चाहूंगा कि कृपया पटाखें नहीं जलायें और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाये बिना दिवाली मनायें। पटाखों के बजाय, एक दिया जलायें और अपने आस-पास के लोगों के बीच खुशियां बांटें।

‘शुभ लाभ- आपके घर में’ के वैभव, यानि आशय मिश्रा:

मेरे होमटाउन में दिवाली का मतलब है परिवार का एक साथ होना और त्‍यौहार को पूरे जोर-शोर से मनाना। मेरा परिवार हर साल एक छोटा फंक्‍शन रखता है, जिसमें हर कोई अपनी इच्‍छा से परफॉर्म करता है, उन यादों को संजोने के लिये हम कई फोटोज लेते हैं और एक-दूसरे के साथ होने का भरपूर मजा उठाते हैं। दिवाली की रात हम गेम्‍स से लेकर डांस परफॉर्मेंस और कराओके से लेकर बोर्ड गेम्‍स जैसी गतिविधियाँ करते हैं और पूरी रात का आनंद लेते हैं। मेरी सबसे अच्‍छी याद एक मजाक है, जो मैंने अपने पड़ोसी से किया था। मैंने एक शराबी का एक्‍ट किया था और वे डर गये थे। इस पर मेरा पूरा परिवार हंस-हंसकर लोट-पोट हो गया था। डेढ़ साल के गैप के बाद मैं इस दिवाली फिर से अपने घर पर रहूंगा और मेरे परिवार और दोस्‍तों से मिलने को लेकर मैं बहुत रोमांचित हूँ और उनसे सारे अपडेट्स लूंगा। इसके अलावा मुझे मेरी माँ के हाथों की बनी सारी मिठाइयाँ और स्‍वादिष्‍ट लड्डू खाना पसंद है। मेरे प्रशंसकों और दर्शकों से मेरा यही अनुरोध है कि वे सबसे पहले हमारे ग्रह और जानवरों की सेहत का ध्‍यान रखें और मैं माँ लक्ष्‍मी से प्रार्थना करता हूँ कि आप सभी के घर समृद्धि और आशीर्वाद से भर जाएं।

‘वागले की दुनिया’ के राजेश वागले, यानि सुमीत राघवन:

मेरे लिये हर दिवाली एक मीठी याद होती है और मुझे बचपन से ही अपने दोस्‍तों और परिवार के साथ यह त्‍यौहार मनाना पसंद रहा है। मैं विले पार्ले में रहता हूँ और हमारी सोसायटी में दिवाली पाठ होता है। दिवाली की पहली सुबह ही शास्‍त्रीय संगीत की प्रस्‍तुतियों का आयोजन किया जाता है और सभी लोग पारंपरिक कपड़े पहनते हैं और पूरा माहौल सकारात्‍मक रहता है। इस साल हम उत्‍सव को बहुत कम गर्मजोशी वाला रखेंगे, क्‍योंकि हाल ही में मेरे पिता का निधन हुआ है। हम सोसायटी में एक-दूसरे के घर जाएंगे और हर साल की तरह ताश खेलेंगे। लेकिन इस साल मेरी योजना हमारे प्रोड्यूसर जे.डी. मजीठिया के साथ एक मजेदार दिवाली ताश पार्टी करने की है। मैं सभी प्रशंसकों और दर्शकों से आग्रह करता हूँ कि वे सुरक्षित रहें और इस दिवाली का पूरा मजा लें।

‘मैडम सर’ की संतोष शर्मा, यानि भाविका शर्मा:

दिवाली से जुड़ी मेरी सबसे अच्‍छी याद है त्‍यौहार मनाना, अपने बड़े परिवार के साथ लक्ष्‍मी पूजा में शामिल होना और पूरे दिन का भरपूर मजा लेना। मेरा मानना है कि दिवाली में सभी का एकजुट होना सबसे अच्‍छी बात है। मुझे कभी ताश पार्टी करने का मौका नहीं मिला, लेकिन एक बार मैं हमारे प्रोड्यूसर के घर गई थी, जहाँ मैंने पहली बार ताश पार्टी देखी और वह खेल खेलना सीखा। इस साल मैं अपने सभी प्रशंसकों और दर्शकों के लिये एक खुशनुमा और समृद्ध दिवाली की कामना करती हूँ और उनसे आग्रह करती हूँ कि वे पटाखे जलाने से बचें। मेरे हिसाब से इको-फ्रैंडली दिवाली सबसे अच्‍छी है।

‘तेरा यार हूँ मैं’ की दलजीत बग्‍गा, यानि सायंतनी घोष:

मैं बंगाली हूँ और दिवाली का मेरे लिये मतलब काली पूजा से है। हम अमावस्‍या की रात देवी काली को पुष्‍पांजलि देते हैं और वह अनुभव सपने जैसा होता है। मेरे लिये माँ काली का मतलब शक्ति स्‍वरूपा है। मैं यही देखते-देखते बड़ी हुई हूँ कि रोशनी के इस त्‍यौहार का मतलब दिये जलाने, ताश खेलने और दोस्‍तों तथा परिवार के लोगों से मिलने से है। इस त्‍यौहार से जुड़ी मेरी कई अच्‍छी यादें हैं, लेकिन जो याद मेरे दिल के काफी करीब है, वह मेरे बचपन की है, जब मैं कोलकाता में थी। मैं अपने पिता के साथ मेले में जाती थी और जो चीज पसंद आती थी, उसे रख लेती थी, चाहे मोमबत्‍ती हो, दिया या घर की सजावट की चीजें। मैंने दिवाली हमेशा अपने घर पर परिवार के साथ मनाई है। इस साल मैं दिवाली को अनुराग और उनके परिवार के साथ मनाने के लिये जयपुर जाऊंगी और मुझे उसके हर पल का मजा लेने का इंतजार है। मेरा मानना है कि यह त्‍यौहार हमारे भीतर के प्रकाश का उत्‍सव मनाने और अपनी आत्‍माओं तथा विचारों को शुद्ध करने के लिये होता है। मैं अपने प्रशंसकों के लिये भी यहीं कामना करती हूँ और आग्रह करती हूँ कि वे जिम्‍मेदार बनें और इको-फ्रैंडली दिवाली मनाएं, इकोसिस्‍टम का ध्‍यान रखें और अपने परिवार के साथ खुशी से त्‍यौहार मनाएं।

‘ज़िद्दी दिल- माने ना’ के स्‍पेशल एजेंट फैज़ी, यानि आदित्‍य देशमुख:

मेरा मानना है कि दिवाली सकारात्‍मकता, रोशनी, खुशी और समृद्धि का त्‍यौहार है और मुझे अपने लोगों के साथ यह त्‍यौहार मनाना पसंद है। मैं अपने सभी प्रशंसकों के लिये बहुत खुशहाल और समृद्ध दिवाली की कामना करता हूँ। जब मैं छोटा था, तब दिवाली को लेकर बहुत रोमांचित रहता था, क्‍योंकि उस समय हमें स्‍कूल से 21 दिनों की छुट्टी मिलती थी और हम दोस्‍तों तथा परिवार के साथ समय बिताया करते थे। मुझे वह खूबसूरत लाइटिंग बहुत पसंद है, जो हमारी हाउसिंग सोसायटी को सुंदर बना देती है और वे फैंसी दिये, जो लोग अपनी छत पर जलाते हैं। इससे हमें समृद्धि और खुशी का संकेत मिलता है। मैं जब भी दिवाली या उसके दौरान बनाये जाने वाले स्‍वादिष्‍ट फूड आइटम्‍स की बात करता हूँ, तब रोमांचित हो जाता हूँ। मुझे चकली, बेसन के लड्डू, चिरोटा (व्‍हाइट फ्लोर और आइसिंग शुगर से बनने वाला) और शकरपारे पसंद हैं। मैंने दिवाली की लगभग हर रात ताश, फ्लैश, कराओके खेलकर और अपने दोस्‍तों के साथ डांसिंग करते हुए मनाई है। इस साल मैं अपने परिवार के साथ दिवाली मनाऊंगा और दिल से तृप्‍त होने तक उसका मजा लूंगा। मैं अपने प्रशंसकों से आग्रह करता हूँ कि वे इस त्‍यौहार को इको-फ्रैंडली तरीके से मनाएं।

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