एण्डटीवी का शो ‘भाबीजी घर पर हैं‘ अपने दर्शकों को लगातार हंसाता आया है और इस बार इसमें हास्य का स्तर एक नए मुकाम पर जाएगा। शो की कहानी में विभूति नारायण मिश्रा (आसिफ शेख) खुद को बेहद अजीब हालत में फंसा पाएंगे, जब उनके शरीर में संटीराम नाम के एक क्रूर भूत की आत्मा प्रवेश करेगी। शो की कहानी का यह आकस्मिक मोड़ माॅडर्न काॅलोनी में निश्चित रूप से हलचल मचाने वाला है। कहानी के आगामी हिस्से के बारे में विभूति नारायण मिश्रा (आसिफ शेख) ने बताया, ‘‘मास्टर भूप सिंह (विजय कुमार सिंह) का एक निर्दयी शिक्षक था, जिसका नाम था संटीराम। वह गणित पढ़ाता था और अजीबोगरीब सवाल पूछता था और गलत जवाब देने वाले बच्चों को संटी से मारता था। संटीराम की बरसी पर भूप सिंह उसके घर जाता है। उसकी फोटो के सामने उसका पसंदीदा खाना और शराब रखता है और उससे वापस लौट आने की गुजारिश करता है। अगले दिन लुटिया पहलवान (अभिषेक अग्रवाल) अपन कर्ज मांगने के लिये विभूति (आसिफ शेख) के पीछे पड़ जाता है। विभूति अपने घर में छुपकर दरवाजा बंद कर लेता है। पहलवान को तिवारी (रोहिताश्व गौड़) से मदद मिलती है और तिवारी उसे विभूति के घर में घुसा देता है। विभूति वहाँ से निकल जाता है और संटीराम के घर में छुप जाता है। उसे भूख लगती है और वह मास्टर का वहाँ छोड़ा हुआ खाना खा लेता है। इसके बाद संटीराम की आत्मा विभूति के शरीर में घुस जाती है। वह संटीराम की तरह दिखता और बर्ताव करने लगता है। संटीराम के भूत के असर से विभूति गणित के मजेदार सवाल पूछता है और गलत जवाब देने वालों को संटी से सजा देता है। इस बीच मास्टर भूप सिंह अपने यूट्यूब चैनल पर टीका (वैभव माथुर), टीलू (सलीम जैदी) और प्रेम (विश्वनाथ सोनी) को पढ़ाने की तैयारी करता है, तभी संटीराम आ जाता है। उसे पहचानकर भूप सिंह उसकी कहानी सभी को सुनाता है। फिर संटीराम कठिन सवाल पूछता है और गलत जवाब देने पर उन्हें संटी से मारता है। इस पर हर कोई बिदक जाता है।’’ इसके आगे, अनीता भाबी (विदिशा श्रीवास्तव) ने बताया, ‘‘कहानी ज्यादा रोमांचक हो जाती है, जब संटीराम अपनी पुरानी प्रेमिका मधुमती के रूप में अंगूरी (शुभांगी अत्रे) को देखने लगता है और उसे उससे प्यार हो जाता है। वह अनीता (विदिशा श्रीवास्तव) को अपनी बेटी के रूप में देखता है और यह जानकर परेशान हो जाता है कि उसकी शादी विभूति जैसे बेकार आदमी से हुई है। संटीराम, अनीता की शादी तिवारी से करवाने का फैसला लेता है। तिवारी, अंगूरी के सामने दिखावा करता है कि वह अनीता से शादी नहीं करना चाहता, लेकिन अंदर से वह खुश है। अनीता, हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) से शिकायत करती है और वह संटीराम को गिरफ्तार कर लेता है। पुलिस स्टेशन में संटीराम अपनी संटी से हप्पू को मारता है और पूछता है कि उसे कितनी बार मार पड़ी। गलत जवाब देने पर वह हप्पू को और मारता है। चाचा (अनूप उपाध्याय) सभी को समझाते हैं कि अनीता का तिवारी से शादी करना बेहतर होगा, क्योंकि वह सभी से परिचित है। अब हर किसी को सक्सेना (सानंद वर्मा) में उम्मीद दिखती है, क्योंकि उसने एक ऋषि से यह शक्ति ली है कि वह छूकर किसी के भी दर्द को दूर कर सकता है। सक्सेना मदद के लिये ऋषि के पास जाता है और कहता है कि वह शादी की आखिरी रस्म से पहले विभूति के शरीर से संटीराम की आत्मा को बाहर निकाल दे। क्या सक्सेना, विभूति को संटीराम के भूत से बचा लेगा और मामला शांत हो जाएगा?’’