मुश्किलों से होगा सामना

इस हफ्ते एण्डटीवी के शोज ‘बाल शिव‘, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के किरदार खुद को मुश्किल हालातों में फंसा हुआ पायेंगे।

एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ की कहानी के बारे में बताते हुये देवी पार्वती ने कहा, ‘‘अजामुखी (सृष्टि माहेश्वरी) देवी पार्वती (शिव्या पठानिया) का सावन सोमवार व्रत तोड़ने की कोशिश करती है, लेकिन नाकाम हो जाती है, जिससे ताड़कासुर क्रोधित हो जाता है और यह काम दंडपाणि को सौंप देता है। इस बीच, बाल शिव (आन तिवारी) और महासती अनुसुइया (मौली गांगुली) मंद्राचल पर्वत पर पहुंचते हैं और वहां सांपों एवं बिच्छुओं को ‘हर हर महादेव‘ का जाप करते हुये देखते हैं। नंदी भी देवी पार्वती से पर्वत पर जाने की इजाजत मांगता है, ताकि यह जान सके कि बाल शिव कैसे हैं। दंडपाणि उनकी बातचीत छिपकर सुन लेता है और देवी पार्वती के व्रत को तोड़ने की एक दूसरी योजना बनाता है। वन में पूजा की सामग्रियों को एकत्र करते हुये बाल शिव और देव नारायण चर्चा करते हैं कि उन्हें केले के पत्ते कहां मिलेंगे। बाल शिव को एक पुरानी घटना याद आती है, जब देवी पार्वती ने उन्हें बताया था कि वन में केले के पेड़ कहां पर होते हैं। दूसरी ओर, देवी लक्ष्मी और देवी सरस्वती अपने पतियों को वापस पाने का फैसला करती हैं और मंद्राचल पर्वत पर प्रकट होती हैं। ये दोनों देवियां महासती अनुसुइया से अपने पतियों को मुक्त करने की मांग करती हैं अन्यथा उन्हें उनके चार बच्चों की भी देखभाल करनी होगी। महासती अनुसुइया इस स्थिति को कैसे संभालेंगी?‘‘

एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कहानी के बारे में बताते हुये दरोगा हप्पू सिंह ने कहा, ‘‘बेनी (विश्वनाथ चटर्जी) एक पठान से लोन लेता है, लेकिन उसे लौटा नहीं पाता क्योंकि वह उन पैसों को शेयर बाजार में गंवा देता है। पठान बेनी से पैसे वापस पाने के लिये हप्पू (योगेश त्रिपाठी) को शामिल करता है। हप्पू चिंतित हो जाता है और बेनी का वेश बदलकर उसे पुलिस स्टेशन में रखने और उसकी झूठी मौत की घोषणा कर बीमा के पैसे लेने तथा उससे पठान का लोन चुकाने की योजना बनाता है। इस बीच कमलेश (संजय चैधरी) जोकि अभी-अभी बीमा कंपनी में नौकरी पर आया है, को बेनी का केस सौंपा जाता है। अपनी जांच-पड़ताल के दौरान कमलेश को इस केस में कुछ कमियां नजर आती हैं और वह इसे अटका देता है। बिमलेश (सपना सिकरवार) को बेनी की झूठी मौत की घोषणा करने की योजना के बारे में पहले से ही बता दिया गया है। हालांकि, कटोरी अम्मा बिमलेश का रोका अपने एक रिश्तेदार से तय कर देती हैं। बेनी और हप्पू इस ‘गोलमाल‘ से कैसे बाहर आयेंगे?‘‘

एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के बारे में बताते हुये अंगूरी भाबी ने कहा, ‘‘अम्मा जी (सोमा राठौड़) एक बुरा सपना देखती हैं कि तिवारी के अनियंत्रित गुस्से के कारण उसे फांसी पर लटकाया जा रहा है। अम्मा जी अपने इस सपने के बारे में तिवारी (रोहिताश्व गौर) और अंगूरी (शुभांगी अत्रे) को बताती हैं और तिवारी से अनुरोध करती हैं कि वो अपने गुस्से पर काबू रखे। विभूति (आसिफ शेख) उनकी बातें सुन लेता है और तिवारी को गुस्सा दिलाने की कोशिश करने लगता है। अम्मा जी बाद में तिवारी से कबूतरखाना जाकर कबूतरों को दाना खिलाने के लिये कहती हैं। हालांकि, विभूति भी कबूतरखाना पहुंच जाता है और तिवारी को गुस्सा दिलाने के लिये तरह-तरह के पैंतरे आजमाने लगता है। आखिरकार, तिवारी के सब्र का बांध टूट जाता है और वह विभूति को एक दीवार पर धक्का दे देता है। विभूति मरने का नाटक करता है। अंगूरी और अम्माजी तिवारी को विभूति की लाश को जंगल में छिपाने की सलाह देती हैं। इस बीच, टीएमटी (वैभव माथुर, दीपेश भान और सईद सलीम जैदी) तिवारी को विभूति की लाश के साथ देख लेते हैं और इस अपराध के बारे में दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) को बताते हैं। तिवारी अपनी बेगुनाही कैसे साबित कर पायेगा?‘‘

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