सगे भाई-बहन होना जिन्दगी की सबसे अच्छी बातों में से एक है। भाई-बहनों के बीच का रिश्ता बहुत खास होता है। भाई-बहन हमारे सबसे अच्छे दोस्त और सबसे खराब दुश्मन होते हैं, क्योंकि वे अपनी सबसे अच्छी शख्सियत में आने के लिये हमें मजबूर करते हैं, हमें परेशान करते हैं, लेकिन बड़ी मजबूती से हमारा मनोबल बढ़ाते हैं और हमारा मुकाबला भी करते हैं। 10 अप्रैल को नेशनल सिबलिंग्स डे इस रिश्ते का उत्सव है। इस मौके पर एण्डटीवी के कलाकार मयंक मिश्रा (अरविंद, ‘दूसरी माँ’), संजय चैधरी (कमलेश, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और चारुल मलिक (रुसा, ‘भाबीजी घर पर हैं’) अपने भाई-बहनों के साथ अपने खट्टे-मीठे रिश्ते के बारे में बता रहे हैं। मयंक मिश्रा, यानि अरविंद गुप्ता ने कहा, ‘‘मेरे छोटे भाई हर्षित की और मेरी शख्सियतें बिलकुल उलट हैं। वह शांत और गंभीर है, लेकिन मैं बदनाम हूँ। मैंने उसे लगातार तंग किया है, लेकिन उसके लिये मेरा प्यार कभी नहीं बदला। कई मामलों में हमने एक-दूसरे का साथ दिया। लेकिन एक घटना को हम दोनों कभी नहीं भूल सकतेः मेरे पिता की शेविंग किट चुराना और उसे अपनी आईब्रोज शेव करने के लिये मजबूर करना। उस वक्त हम स्कूल में थे और मैं नाई बनना चाहता था। मैंने हमारे बेडरूम में अपनी दुकान खोली और उसे ग्राहक की तरह कुर्सी पर बैठाया। मैंने उसकी आईब्रो आधी शेव कर दी। जैसे ही मैंने यह किया, उसने चिल्लाना शुरू कर दिया और वह इतनी जोर से रोया कि मेरी माँ वहाँ आ गई और उसे देखकर चैंक गई। पूरी घटना लोट-पोट कर देने वाली थी। हालांकि मेरा तो लगभग नर्वस ब्रेकडाउन ही हो गया, जब मैंने माँ का गुस्सा देखा (हंसते हैं)। वह अगले दिन स्कूल नहीं जाना चाहता था और इसके लिये भी मुझे जिम्मेदार ठहराया गया। फिर मेरी माँ ने कोल पेंसिल से उसकी आईब्रो बनाई, लेकिन वह तब भी आशंकित था। मुझे याद है कि माँ और मैंने उसे स्कूल जाने के लिये मनाने की कितनी कोशिशें कीं। एक-दूसरे से जुड़ी हमारी कई यादें हैं, लेकिन मैं बताना चाहता हूँ कि वह मेरा बड़ा आदर करता है और मेरे लिये हमेशा अपनी बात पर खरा रहा है। हम हमेशा एक-दूसरे को प्यार करेंगे और साथ देंगे और हमारा रिश्ता अटूट है।’’
संजय चैधरी, यानि कमलेश ने कहा, ‘‘मेरा एक बड़ा भाई है, जो मेरे लिये पिता की तरह है। अपने बढ़ते दिनों में हम एक-दूसरे से लड़ाई करते, तंग करते और चिढ़ाते थे, जैसा कि दुनिया में सभी करते हैं। हालांकि हम एक-दूसरे के पक्ष में रहते थे। मेरे भाई ने मुझे हमेशा प्रोत्साहन दिया है। मेरे लिये वह एक आदर्श इंसान है। जब मैं पढ़ाई के लिये दिल्ली गया और फिर एक्टिंग में कॅरियर बनाने के लिये थियेटर कोर्स करने लगा, तब उसने पैसों से मेरी मदद की। वह हमेशा मेरी देखभाल का ध्यान रखता है और अपने से ज्यादा मेरी जरूरतें पूरी करता है। उसने मुझे हमेशा नुकसान से बचाया है। उसके सहयोग के बिना मैं आज इस मुकाम पर नहीं पहुँच पाता। ऐसा बेहतरीन और हिम्मत बढ़ाने वाला भाई देने के लिये मैं हमेशा भगवान का आभारी रहूंगा।’’ चारुल मलिक, यानि रुसा ने कहा, ‘‘मेरी पारुल नाम की एक जुड़वां बहन है। उसने हमेशा मुझे प्रेरणा दी है। मैंने काॅलेज में फाइन आर्ट्स विषय लिया था, लेकिन मैं ड्राइंग और पेंटिंग में अच्छी नहीं थी। मेरी बहन ने मेरा साथ दिया और मेरे सारे असाइनमेंट्स पूरे किये। बदले में मैंने दूसरे काम में उसकी मदद की। उसने अच्छा पढ़ने में हमेशा मेरी मदद की। हर कोई हमें चारुल और पारुल कहता था, लेकिन किसी ने उसका नाम पहले नहीं लिया और उसने इसका बुरा भी नहीं माना। मेरे लिये उसकी दया, धीरज और सहयोग असीम है। उसने जिन्दगी के हर छोटे-बड़े फैसले में मेरा साथ दिया है। फैसले चाहे पेशेवर हों या निजी। मैं बड़ी आभारी हूँ कि वह मेरी जिन्दगी का हिस्सा है।’’