एण्डटीवी के साथ नवरात्रि के मौके पर ‘नारी के नौ रूप‘ का उत्सव मनायें

देवी दुर्गा को नारी शक्ति का रूप माना जाता है और वे बुरी ताकतों से लड़ने की दिव्य शक्ति का प्रतीक है

नौ दिनों का त्यौहार नवरात्रि आने वाला है, इस दौरान मां दुर्गा के नौ देवी रूपों का उत्सव पूरे देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है

एण्डटीवी मां दुर्गा के नौ रूपों का स्वागत, अपने अलग-अलग शोज़ की नायिकाओं के साथ कर रहा है। ‘नारी के नौ रूप‘ के इस कैम्पेन में शामिल होने वाले शोज हैं, ‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की‘, ‘और भई क्या चल रहा है?‘, ‘एक महानायक डाॅ बी.आर. आम्बेडकर, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘, और ‘भाबीजी घर पर हैं‘। एण्डटीवी की इन नायिकाओं ने नवरात्रि के नौ दिनों और उनकी पूजा करने के महत्व के बारे में बताया।

श्रेणू पारीख ऊर्फ ‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की‘ गेंदा अग्रवाल ने बताया,

‘देवी पार्वती के रूप में ख्यात देवी शैलीपुत्री की पूजा नवरात्रि के पहले दिन की जाती है। ऐसा माना जाता है कि हिमालय की यह पुत्री लोगों के जीवन में सुख, शांति, संपदा और खुशहाली लेकर आती है। वह प्रकृति मां का पूर्ण रूप हैं। देवी को प्रसन्न करने के लिये और जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने के लिये लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं।‘‘

हिमानी शिवपुरी, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा ने कहा,

‘‘देवी ब्रम्हचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अपनी आंतरिक दिव्यता को जानने की कोशिश करनी चाहिये और ध्यान के माध्यम से आध्यात्मिकता को जागृत करना चाहिये। देवी का यह रूप समर्पण, प्रेम और निष्ठा को दर्शाता है, इसलिये इस ऊर्जा को फैलाने के लिये हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिये।‘‘

नारायणी महेश वरणे, ‘एक महानायक डाॅ बी.आर आम्बेडकर की रमाबाई आम्बेडकर का कहना है,

‘‘देवी दुर्गा का तीसरा रूप चंद्रघंटा है। यह देवी अपने माथे पर भूरे रंग का अर्ध-चंद्र धारण करती हैं और जोकि ज्ञान अर्जित करने की उस एकाग्रता, शांति और शुद्धता को दर्शाता है। वह अपने भक्तों के जीवन में परेशानी लाने वालों के विरुद्ध हमेशा ही युद्ध करने और उनका नाश करने के लिये तैयार रहती हैं।‘‘ अकांशा शर्मा, ‘और भई क्या चल रहा है?‘ का कहना है, ‘‘कुष्मांडा का मतलब है, कद्दू। इस सब्जी में जीवन को ग्रहण करने और उसे उत्पन्न करने की ताकत होती है। कुष्मांडा देवी की पूजा नवरात्रि के चैथे दिन की जाती है। इस देवी में सूरज को प्रकाशित करने का प्रकाश और दिव्य शक्ति होती है। इसलिये, भक्त देवी को प्रसन्न करने के लिये नारंगी रंग के कपड़े पहनते हैं।‘‘

अर्चना मित्तल, ‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की‘ अनुराधा अग्रवाल का कहना है,

‘‘स्कंदमाता की पूजा नवरात्रि के पांचवें दिन होती है। देवी पार्वती का यह रूप भगवान कार्तिकेय की मां का रूप है। गोद में शिशु को लिये हुए देवी का यह रूप ममता को दर्शाता है। देवी के इस रूप की पूजा करने से बुद्धि, धन, शक्ति, खुशहाली और स्वतंत्रता मिलती है।‘‘

सपना सिकरवार, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की बिमलेश का कहना है,

‘‘देवताओं की शक्तियों से जन्मी, कात्यायनी देवी ने ही महिषासुर का वध किया था। उन्हें प्रकृति के संतुलन को बनाये रखने की दिव्य शक्ति माना जाता है। छठे दिन, देवी कात्यायनी की पूजा हम अपने आंतरिक शत्रुओं पर विजय पाने के लिये करते हैं। जिसे आध्यात्मिक बदलाव लाने के मार्ग में बाधा माना जाता है।‘‘

कामना पाठक, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश का कहना है,

‘‘देवी दुर्गा का सबसे विकराल रूप कालरात्रि, काली रात का प्रतीक माना जाता है। इन्हें काली भी कहा जाता है, जोकि दुष्टों के नाश का प्रतीक हैं। देवी की शक्तिशाली ऊर्जा नीले रंग में समाहित होती हैं।‘‘

शुभांगी अत्रे, ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी ने कहा,

‘‘नवदुर्गा का सबसे सौम्य रूप देवी महागौरी, प्रकृति के सुंदर और शुद्ध रूप को दर्शाती हैं। चूंकि, यह देवी पवित्रता, शुद्धता, शक्ति और शांति का स्वरूप हैं, इसलिये उनकी पूजा करने से अपनी कमियों को कम करने में मदद मिलती है और आपकी गलतियां राख बनकर उड़ जाती हैं।‘‘

नेहा पेंडसे, ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनिता भाबी ने कहा,

‘‘सिद्धिदात्री, देवी का नौवां रूप है, जो सिद्धि का प्रतीक है, जिसका मतलब है पूर्ण होना। देवी सिद्धिदात्री हमें दिमाग की जटिलताओं को समझने में मदद करती हैं। ऐसा माना जाता है कि उनमें हील करने की दैविक शक्तियां होती है और इससे भक्तों को असंभव को भी संभव कर दिखाने में मदद मिलती है।‘‘

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