महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर एण्डटीवी के शोज के प्रमुख कलाकारों- ‘अटल‘ के नन्हें अटल, कृष्णा देवी वाजपेयी और कृष्ण बिहारी वाजेपयी, ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के विभूति नारायण मिश्रा और अनीता भाबी और ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह और उसकी दबंग दुल्हनिया राजेश, ने भारत में भगवान शिव के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में जाकर दर्शन किये। अटल (व्योम ठक्कर), नेहा जोशी (कृष्णा देवी) और आशुतोष कुलकर्णी (कृष्ण बिहारी वाजपेयी) ने मुंबई के प्रसिद्ध बाबुलनाथ मंदिर जाकर आशीर्वाद लिया। आसिफ शेख (विभूति नारायण मिश्रा) और विदिशा श्रीवास्तव (अनीता भाबी) अपने होमटाउन वाराणसी पहुँचे और उन्होंने विश्व-प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर शिव महोत्सव में भाग लिया। योगेश त्रिपाठी (दरोगा हप्पू सिंह) और गीतांजलि मिश्रा (राजेश सिंह) इंदौर गये। इसके साथ ही वह उज्जैन में स्थित भगवान शिव के सबसे पूजनीय मंदिरों में से एक श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पर हुए भव्य उत्सव के साक्षी भी बने।
मुंबई के प्रसिद्ध बाबुलनाथ मंदिर जाकर दर्शन करने के बारे में एण्डटीवी के ‘अटल‘ की कृष्णा देवी वाजपेयी, ऊर्फ नेहा जोशी ने बताया, ‘‘महाशिवरात्रि के पावन उत्सव में भाग लेने के लिये मैं आशुतोष और व्योम के साथ मुंबई के मशहूर बाबुलनाथ मंदिर पहुँची थी। मंदिर के भीतर एक खूबसूरत और शांत आभा थी। भक्त दर्शन करने और पूजा में शामिल होने के लिये लगातार आ रहे थे। माहौल भक्ति से ओत-प्रोत था और सामूहिक प्रार्थना ने विभिन्न लोगों के बीच एकता की भावना जगाई। दर्शन के बाद पंडित जी ने पवित्र भभूत दी और हमारे माथे पर सिंदूर का टीका लगाया। महाशिवरात्रि पर उस अलौकिक लिंगम को देखकर हमें बहुत अद्भुत अनुभव हुआ। मंदिर से बाहर निकलते वक्त भी हमने उत्सव के भ्क्तिमय वातावरण को देखा। भक्त मुस्कुरा रहे थे और एक-दूसरे को शुभकामना दे रहे थे। वे ‘हर हर महादेव’ का जयकारा लगाकर महाशिवरात्रि की खुशी मना रहे थे। जगमगाती लाइट्स और डेकोरेशंस से मंदिर की सजावट की गई थी। इससे त्यौहार मनाने का उत्साह बढ़ गया था।’’ आशुतोष कुलकणी, ऊर्फ कृष्ण बिहारी वाजपेयी ने बताया, ‘‘मैं कई साल से मुंबई में रह रहा हूँ, लेकिन मुझे कभी बाबुलनाथ मंदिर जाने का अवसर नहीं मिला था। यह शहर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। और इस साल मुझे अपनी आॅनस्क्रीन फैमिली के साथ महाशिवरात्रि उत्सव से पहले वहाँ दर्शन करने और आशीर्वाद लेने का मौका मिल गया। जब हमने मंदिर में प्रवेश किया, तब अगरबत्तियों की मनमोहक सुगंध और मंत्रों के लयबद्ध उच्चारण ने हमारा स्वागत किया और जिससे हमें सुकून मिला। मैं और मेरा परिवार भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त हैं। हम हर साल महाशिवरात्रि के दौरान उपवास रखते हैं और भोलेनाथ के दर्शन के लिये मंदिर जाते हैं। बाबुलनाथ मंदिर में दर्शन करने का अनुभव शांतिपूर्ण रहा और त्यौहार के कारण आध्यात्म की अनुभूति बढ़ गई थी। मुझे बड़ा आध्यात्मिक संतोष हुआ, जैसे कि मैं किसी पवित्र और असाधारण क्षण में था।’’ एण्डटीवी के ‘अटल‘ में युवा अटल की भूमिका निभा रहे व्योम ठक्कर ने बताया, ‘‘मैंने पहली बार बाबुलनाथ मंदिर में दर्शन किये। बाबुलनाथ मंदिर में कदम रखते ही मैं दंग रह गया, क्योंकि वहाँ के पवित्र वातावरण और भक्ति ने मुझे आध्यात्मिक अनुभव दिया। मैंने शिव लिंगम पर फल और दूध चढ़ाया और भगवान शिव का आभार व्यक्त किया। सभी को आनंद से भरी महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं। ‘ओम नमः शिवाय!’’
वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर दर्शन करने के बारे में, एण्डटीवी के शो ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में विभूति नारायण मिश्रा की भूमिका निभा रहे आसिफ शेख ने कहा, ‘‘काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने की मेरी बहुत दिनों से इच्छा थी और मैं खुश हूँ कि आखिरकार मेरी इच्छा पूरी हुई। इसके अलावा, ‘भाबीजी घर पर हैं’ को नौ साल पूरे हो चुके हैं और इस उपलब्धि की खुशी मनाने का और कोई बेहतर तरीका नहीं था। इस तरह, मंदिर जाने के दो दमदार कारण थे, अपनी उपलब्धि की खुशी मनाना और भगवान शिव से आशीर्वाद लेना। इस दौरान भगवान शिव का आशीर्वाद लेना बड़ा ही यादगार अनुभव रहा। खूबसूरती से बने मंदिर के बाहरी हिस्से और सुनहरी छत ने मुझे मोह लिया। मंदिर परिसर में कदम रखते ही मुझे आध्यात्मिकता का गहरा अनुभव हुआ। भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग को देखना सचमुच रोमांचक और यादगार था। जब मैं मंदिर के अंदर जाने लगा, तब मेरे पास कई कामनाएं थीं, लेकिन लिंगम को छूते ही मैं सम्मोहित होकर रह गया। मैं उस पवित्र वातावरण में ज्यादा समय बिताना चाहता था। दर्शन के बाद मैंने स्वादिष्ट पेड़े का प्रसाद लिया और अपने परिवार के लिये ड्राय फ्रूट के लड्डू पैक करवाए। इसके अलावा, मैं अपने खानदानी घर और विभिन्न जगहों पर गया और बीते दिनों की यादें ताजा हो गईं। यह महाशिवरात्रि मेरे लिये असल में एक उत्सव बन गया।’’ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनीता भाबी, ऊर्फ विदिशा श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘मुझे इस साल भी अपने होमटाउन लौटने और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला। मैं भगवान शिव की बड़ी भक्त हूँ और इस साल के दर्शन कई कारणों से ज्यादा खास थे। मैंने भगवान शिव को धन्यवाद दिया कि उन्होंने मुझे आशीर्वाद के रूप में ‘आद्या’ नाम की एक खूबसूरत बेटी दी है। मैंने हमारे शो ‘भाबीजी घर पर हैं’ की नौ साल की सफल यात्रा पर आभार जताया। पिछले दो साल से मैं अनीता भाबी की भूमिका निभा रही हूँ। मेरी प्रार्थना थी कि भगवान शिव हमें लगातार आशीर्वाद देते रहें, ताकि हम हर एपिसोड से दर्शकों का मनोरंजन करें और उन्हें खुश करते रहें। इस बार के महाशिवरात्रि उत्सव ने मुझे पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर दिया था। मंदिर पर खूबसूरत सजावट थी और भगवान का आशीर्वाद लेने अनगिनत भक्त पहुँचे थे। जीवंत वातावरण, शिव और पार्वती की भूमिका निभा रहे भक्तों के खुशी से भरे नृत्य और ‘‘हर हर महादेव’’ की दिल को छूने वाली आवाज ने गहन आध्यात्मिक अनुभव दिया। मैं चाहती हूँ कि समय मिले तो मेरी हर साल यहाँ आने की परंपरा जारी रहे।’’
उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में दर्शन करने के बारे में एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह, ऊर्फ योगेश त्रिपाठी ने बताया, ‘‘इस पवित्र मंदिर में आकर भगवान शिव का आशीर्वाद लेने पर बड़ी शांति और संतोष मिला। महाशिवरात्रि के दौरान उज्जैन का माहौल और ऊर्जा अलग होती है। मेरा सौभाग्य है कि इस साल मुझे यह अनुभव मिला और मैंने भारत के सबसे पूजनीय मंदिरों में से एक का दर्शन कर भगवान का आशीर्वाद पाया। ज्योतिर्लिंग के सामने खड़े होकर मैं श्रद्धा और आध्यात्मिक संतोष से भर गया। उस अनुभव में परंपरा, संस्कृति और भगवान शिव से निजी जुड़ाव का संगम था और मुझे एक सदाबहार याद मिली। इसके अलावा, मैंने भगवान शिव से प्रार्थना की और अपने शो ‘हप्पू की उलटन पलटन’ के पाँच सफल साल पूरे होने पर उन्हें धन्यवाद दिया। मुझे उम्मीद हुई कि हमारा शो कई साल चलेगा। इंदौर और उज्जैन आना मेरे लिये हमेशा खास रहेगा। मैं खान-पान का शौकीन हूँ, इसलिये इंदौर के व्यस्त बाजारों और भोजनालयों में मुझे बड़ा मजा आया। मैंने स्ट्रीट फूड खाया और हमारे प्रशंसकों से बातचीत भी की।’’ एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में राजेश की भूमिका निभा रहीं गीतांजलि मिश्रा ने कहा, ‘‘महाशिवरात्रि का उत्सव और हमारे शो के पाँच सफल वर्षों का जश्न मनाने के लिये इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता था। जब मैंने महाकाल मंदिर में प्रवेश किया, तब आध्यात्म और भक्ति के वातावरण में खो गई। आत्मा तक पहुँचने वाले पारंपरिक मंत्रोच्चारण अलौकिक माहौल बना रहे थे। जब मैंने पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन किये, जब भगवान शिव के शाश्वत दिव्य प्रकाश की अनुभूति हुई और मेरे कदम रूक से गये। हवा में लयबद्ध स्तुतियाँ और अगरबत्तियों की सुगंध थी। मुझे भगवान से जुड़ाव की अनुभूति हुई। महाकाल के अनुष्ठानों में भाग लेने और वहाँ महाशिवरात्रि उत्सव की भव्यता देखने से आध्यात्म का समृद्ध अनुभव मिला। इसकी मेरे दिल और मन पर अमिट छाप बन गई है। मैंने इंदौर में अपने पसंदीदा स्ट्रीट फूड का स्वाद लिया, अपनी भतीजी और भतीजे के लिये उपहार खरीदे और व्यस्त सर्राफा बाजार भी गई।’’