किताबें वास्तव में जिंदगी में सबसे ज्यादा खुशी देने वाली चीजों में से एक हैं। किताबें हमें हकीकत की दुनिया से दूर ले जाकर शानदार कहानियों के सागर में डूब जाने में मदद करती हैं। किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं, ये लोगों के लिविंग रूम्स का अभिन्न हिस्सा होने से लेकर यात्रा के लिये भी हमारी सबसे बढ़िया साथी होती हैं। एक अच्छी किताब, चाहे वह फिजिकल फाॅर्म में हो या फिर इलेक्ट्राॅनिक फाॅर्म में, को पढ़ने से मिलने वाले रोमांच की कोई सीमा नहीं होती है। ‘बुक लवर्स डे‘ के मौके पर एण्डटीवी के कलाकारों और किताबी कीड़ों ने किताबें पढ़ने का महत्व बताकर इनके लिये अपने प्यार का इजहार किया है।यह कलाकार हैं मोहित डागा (अशोक, ‘दूसरी माँ’), हिमानी शिवपुरी (कटोरी अम्मा, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और रोहिताश्व गौड़ (मनमोहन तिवारी, ‘भाबीजी घर पर हैं’)।
एण्डटीवी के शो ‘दूसरी माँ‘ में अशोक की भूमिका निभा रहे मोहित डागा ने बताया, ‘‘मुझे किसी भी दूसरी चीज से किताबें ज्यादा पसंद आती हैं। मैं एक किताबी कीड़ा हूँ। आरामदायक कुर्सी पर बैठकर एक अच्छी किताब पढ़ने से मुझे बहुत राहत मिलती है। चाहे वह रोमांस हो, मिस्ट्री या हाई-काॅन्सेप्ट साइंस फिक्शन उपन्यास, या जिन्दगी को बदल देने वाली कोई जीवनी; मुझे पढ़ना बहुत पसंद है। मेरी फेवरेट किताबों की लिस्ट कभी खत्म नहीं होती है, लेकिन बचपन की मेरी पसंदीदा किताबों में से एक है अमर चित्रकथा और मुझे लगता है कि वह किसी की भी पढ़ने में रूचि जगाने के लिये सबसे बढ़िया है, खासकर एक नये व्यक्ति के लिये। वह जल्दी खत्म हो जाती हैं और उन बेहतरीन कहानियों से आप जो कुछ भी सीखते हैं, उससे एक इंसान के तौर पर आपकी जिन्दगी में महत्व बढ़ता है।’’
एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में कटोरी अम्मा बनीं हिमानी शिवपुरी ने बताया, ‘‘मैं सचमुच किताबों से प्यार करती हूँ। किताबें पढ़ने से मुझे शांति मिलती है। और मेरे पास किताबों का एक बेहतरीन कलेक्शन है। मेरे बैग में आपको एक किताब हमेशा मिलेगी। अपने डेली रूटीन के लिये यात्रा करते समय पढ़ना सबसे अच्छा काम है। मुझे जल्दी ही पता चल गया था कि किताबों में आपके सोचने की प्रक्रिया को सुधारने की ताकत होती है। प्रेमचंद और सरत चंद्र की कहानियाँ देश में उस समय हर घर में मिलती थीं, जब मैं बच्ची थी। उनकी कोई भी किताब लीजिये; हर कहानी इतनी दमदार है कि वह जिन्दगी पर आपका नजरिया बदल देगी। इसके अलावा भारतीय माइथोलाॅजी भी मुझे आकर्षित करती है और मैंने भारत के रचनात्मक अतीत से भी काफी कुछ पढ़ा है। अशोक बैंकर की रामायण मेरी फेवरेट सीरीज में से एक है।’’
एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में मनमोहन तिवारी की भूमिका निभा रहे रोहिताश्व गौड़ ने कहा, ‘‘मुझे बचपन से ही पढ़ने का शौक था, जिसका श्रेय मेरे पिताजी को जाता है। हमारे परिवार में किताबें पढ़ना सभी को बेहद पसंद है और हम किताबों से घिरे रहते हैं। मेरे पिताजी हमेशा कहा करते थे कि किताब के बिना कमरा आत्मा के बिना शरीर के जैसा होता है। मैं अपनी जवानी के दिनों में एक किताबी कीड़ा था; मैं अपने चहेते लेखकों में इतना खोया रहता था कि मैंने कभी अपनी स्कूली किताबों में ज्यादा ध्यान नहीं लगाया। मुझे हमेशा शरद जोशी, प्रेमचंद, हरिचंद्र, विजय तेंदुलकर और मोहन राकेश की किताबें और नाटक पढ़ना पसंद रहा है। मैं उनकी किताबें हजारों बार पढ़ सकता हूँ। इसके अलावा अश्विन सांघी की चाणक्याज चांट मेरी पसंदीदा पुस्तक है, जिसमें महान चाणक्य की प्रसिद्ध रणनीतियों का वर्णन किया गया है। पेरेंट्स के तौर पर हमें अपने बच्चों को अक्सर पढ़ने के लिये प्रोत्साहित करना चाहिये, जैसा कि मेरे पिता ने किया। मेरे घर पर मेरी बेटी के लिये एक छोटी-सी ओपन लाइब्रेरी भी है। बच्चों को किताबें दिखाकर पढ़ने का शौक पैदा किया जा सकता है। वल्र्ड बुक लवर्स डे पर मैं सलाह देता हूँ कि हर उम्र के लोगों को तीन महीने में कम से कम एक किताब जरूर पढ़नी चाहिये और फिर किताबों की संख्या बढ़ानी चाहिये, ताकि पढ़ने के लिये उनकी गति और इच्छा दोनों में वृद्धि हो। किताबें पढ़ना महज एक शौक नहीं, बल्कि जीने का तरीका हो सकता है।’’