इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे हर साल मनाया जाता है। इस दिन सिंगल-यूज प्लास्टिक बैग्स से पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर जागरूकता बढ़ाई जाती है। यह दिन दुनियाभर के लोगों, समुदायों और व्यवसायों को प्लास्टिक की थैलियों पर निर्भरता कम करने की याद दिलाता है। कई लोगों ने इस पहल को अपनाया है, इसके दूसरे विकल्प खोजे हैं और पुनःचक्रण के लिये प्रयास किये हैं। ऐसे लोगों में एण्डटीवी के कलाकार भी शामिल हैं। उन्होंने अपने पुराने कपड़ों से थैलियाँ बनाई हैं और अपने कार्बन फुटप्रिंट को काफी कम किया है। पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपनाने के लिये उनका समर्पण वाकई प्रेरणादायक है और हमें भी इसमें अपनी भूमिका के लिये प्रेरणा लेनी चाहिये। यह कलाकार हैं प्रचिती अहिरराव (विमला, ‘अटल’), हिमानी शिवपुरी (कटोरी अम्मा, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और शुभांगी अत्रे (अंगूरी भाबी, ‘भाबीजी घर पर हैं’)। अटल में विमला की भूमिका के लिये मशहूर प्रचिती अहिरराव ने कहा, ‘‘हम सभी के लिये यह बेहद चिंता की बात है कि सिंगल-यूज प्लास्टिक से हमारे पर्यावरण को कितना नुकसान होता है। मैंने कई साल पहले प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल बंद कर दिया था। हम रोजाना के कामों के लिये उन पर बहुत निर्भर करते हैं, लेकिन इसके कई विकल्प भी उपलब्ध हैं। अगर हम दुनिया को बचाना चाहते हैं, तो रिसाइकलिंग और अपसाइकलिंग बहुत मायने रखती है। रोजाना की जरूरतों के लिये मैं पुराने कपड़ों से बनी थैलियों का इस्तेमाल करती हूँ। मुझे कला की उस ताकत पर भरोसा है, जो बदलाव ला सकती है। मैंने अपने कई पुराने कपड़ों को रिसाइकल करके फैशनेबल और इस्तेमाल करने के लायक थैलियाँ बनाई हैं। मैंने छोटे कैरी बैग्स बनाने के लिये पुराने, बुने हुए मफलर्स और स्वेटर्स के फैब्रिक स्ट्रिप्स का इस्तेमाल किया है। मेरा एक दोस्त ऐसा ब्राण्ड चलाता है, जिसमें कचरे को रिसाइकल करके स्टाइलिश बैग बनाये जाते हैं। उनका इस्तेमाल मैं तब करती हूँ, जब मुझे कुछ फैशनेबल चाहिये होता है। मैंने ऐसे बैग कई दोस्तों और साथी कलाकारों को भी दिये हैं और उन्हें वे पसंद आये हैं। कई लोगों ने तो बड़े-बड़े ब्राण्ड्स से खरीदारी बंद कर दी है और वे पर्यावरण के अनुकूल यह विकल्प अपना रहे हैं। आज मैं सभी को दिल से सलाह देती हूँ कि प्लास्टिक बैग्स का इस्तेमाल बंद करें और उनके बजाए अपसाइकल्ड मटेरियल्स का इस्तेमाल करें।’’
‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा, ऊर्फ हिमानी शिवपुरी ने बताया, ‘‘मैं प्लास्टिक का कम से कम करने इस्तेमाल करती हूँ, क्योंकि पर्यावरण पर उसका बहुत बुरा असर होता है। इसके बजाए, मैंने पुरानी साड़ियों और दूसरे कपड़ों को रिपर्पज करके घरेलू और बाहर के कामों के लिये थैलियाँ बनाई हैं। उन्हें बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। मैं हमेशा तय करती हूँ कि मेरी कार में कपड़े और जूट के बैग हमेशा रहें, ताकि मैं किसी भी स्थिति के लिये तैयार रहूं। मैं सोच-समझकर फैसले करती हूँ, जो हमारे मूल्यों के अनुसार हों। मैं दूसरों को भी रिपर्पज्ड मटेरियल्स की खूबसूरती और काम सराहने के लिये प्रेरित करती हूँ। कचरे को काम की चीजों में बदलकर हम अपनी दुनिया में एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।’’ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी, ऊर्फ शुभांगी अत्रे ने कहा, ‘‘मैं दिल से सलाह देती हूँ कि सभी लोग प्लास्टिक को छोड़कर पर्यावरण के लिये ज्यादा अनुकूल विकल्प अपनाने की सोचें। ऐसे विकल्पों में पेपर बैग्स, क्लाॅथ बैग्स या अपसाइकल्ड मटेरियल्स से बने बैग्स हो सकते हैं। अपसाइक्लिंग में पुरानी चीजों को रिपर्पज करके कुछ नया और बेहतर बनाया जाता है। उदाहरण के लिये, मैंने खुद अपनी माँ की पुरानी साड़ियों को रिपर्पज करके खूबसूरत बैग बनाये हैं। उनका इस्तेमाल मैं विभिन्न अवसरों पर करती हूँ। इसके अलावा, मेरे एक प्रतिभाशाली दोस्त ने मुझे एक सुंदर बैग दिया है। वह पूरी तरह जूट और पुराने काॅटन की पट्टियों से बना है। इससे अपसाइकल्ड उत्पादों की खूबसूरती का पता चलता है। मैं दूसरे लोगों को भी कचरे में फेंकी जाने वाली चीजों के महत्व को लेकर प्रेरित करना चाहती हूं, ताकि वे पर्यावरण की रक्षा करने के लिए स्थायी कदम उठा सकें।’’