महिलाओं के जीवन में ज्वैलरी बहुत मायने रखती है, यह उन्हें अनोखा, फैशनेबल और आकर्षक होने का एहसास देती है। खूबसूरत ज्वैलरी वह जरूरी चीज है, जोकि कुल मिलाकर एक महिला के लुक्स को पूरा करती है। एण्डटीवी की प्रमुख महिला कलाकारों नेहा जोशी (यशोदा, ‘दूसरी माँ’), कामना पाठक (राजेश सिंह, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और विदिशा श्रीवास्तव (अनीता भाबी, ‘भाबीजी घर पर हैं’) ने ज्वैलरी से अपने लगाव के बारे में बताया! ‘दूसरी माँ‘ की यशोदा, यानि नेहा जोशी ने कहा, ‘‘फैशन हमेशा बदलता और विकसित होता रहता है, लेकिन मेरे लिये एक बात हमेशा स्थायी रही है और वह है चांदी से मेरा प्यार। यह मेरी भरोसेमंद एसेसरी है, जो मेरे कपड़ों में चार-चांद लगा देती है, खासकर मेरी प्यारी काॅटन की साड़ियों में। दूसरे लोग हीरे और सोना पहनते हैं, लेकिन चांदी पर मेरा भरोसा है। जब मेरी शादी हो रही थी, तब मेरी माँ मुझे सोना देना चाहती थीं, लेकिन मैंने चांदी को चुना। मैंने उन्हें सोने का कोई भी छोटा-सा गहना देने के लिये भी मना लिया, जो वह मुझे भविष्य में देना चाहती थीं। मैं जब भी पारंपरिक या आधुनिक कपड़े पहनती हूँ, तब चूड़ियों, बालियों, अंगूठियों, हारों, ब्रेसलेट्स, आदि के अपने बड़े चांदी के कलेक्शन से उनकी खूबसूरती बढ़ा देती हूँ (हो सकता है कि मुझे चांदी की लत लग गई हो या नहीं)। इसलिये अगर आप मुझे कभी धूप में चमकता देखें, तो अब आपको इसका कारण पता होगा! (हंसती हैं)। एक समय में एक ही आभूषण पहनना मेरा स्टाइल स्टेटमेंट है, जिससे मैं और भी सुंदर दिखती हूं और मैं इसे ज़्यादा करने से बचती हूं।’’
‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश, यानि कामना पाठक ने कहा, ‘‘ज्वैलरी के मामले में बालियाँ मेरी चहेती हैं! बालियों का एक सही जोड़ा मेरे पूरे लुक को शानदार बना सकता है। आखिरकार, जब भी कोई हमसे बात करता है, तब पहली चीज वही दिखती है, इसलिये बालियाँ शानदार और ध्यान खींचने वाली होनी चाहिये। मुझे खूबसूरती से बड़ा प्यार है, इसलिये मैं महीन और पेचीदा कारीगरी वाली ज्वैलरी पसंद करती हूँ, जो साधारण दिखने के साथ ही खूबसूरत भी हों। मेरे लिये डिजाइन ही नहीं, बल्कि कारीगरी की गुणवत्ता भी मायने रखती है। मेरा पक्का मानना है कि मेरे द्वारा चुनी गई कोई भी ज्वैलरी अच्छी तरह, कलात्मक तरीके से बनी होनी चाहिये। और अगर उसे मेरी शख्सियत के हिसाब से कस्टमाइज किया गया हो, तो सोने पर सुहागा होगा! मुझे ब्रोच को नेकपीस की तरह पहनने या किसी भी साड़ी के साथ ब्रेसलेट्स पहनने जैसे प्रयोग करना पसंद है। कुल मिलाकर, मेरा मानना है कि ज्वैलरी ऐसी होनी चाहिए जो खूबसूरत हो, आपके स्टाइल को बेहतर बनाए और आपके अलग व्यक्तित्व को सामने लेकर आए।’’ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनीता भाबी, यानि विदिशा श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘कहा जाता है कि ‘‘हीरे एक लड़की के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं’’, लेकिन ज्वैलरी के मामले में एक ही चीज सभी के लिये नहीं होती है। चाहे सोना हो, चांदी, हीरे या मोती- मिक्स और मैच करने की कला महत्वपूर्ण होती है। बालियों का एक जोड़ा या एक डेलीकेट नेकलेस सादे कपड़ों को भी नयापन दे सकता है। हीरे का हार एक क्लासिक पसंद है, लेकिन मेरा भरोसेमंद है डायमण्ड चोकर। वह मेरी लंबी गर्दन पर परफेक्ट बैठता है और किसी भी कपड़े में जान डाल देता है। चांदबाली से लेकर लाॅन्ग-शोल्डर डस्टर्स तक, मुझे हर तरह की बालियाँ बेहद पसंद हैं। सही हार चुनने के मामले में ऐसा कुछ खोजना चाहिये, जो आपकी नेकलाइन पर फबे। और अगर आप अपनी सजावट में देसी तड़का लगाना चाहते हैं, तो झुमके आपको कभी निराश नहीं करेंगे। बालियों के लिये अपने प्यार के चलते मैंने भारत में अपनी यात्राओं के दौरान अनोखे पीस इकट्ठा किये हैं। कुंदन मेरे चहेते स्टाइल्स में से एक है- पेचीदा डिजाइनों और उनके साथ अक्सर आने वाले छोटे-छोटे घुंघरूओं की मीठी आवाज से मेरा मन ही नहीं भरता है। ज्वैलरी का मतलब आपके निजी स्टाइल और ऐसे पीसेस से होता है, जो आपको बयां करते हैं। हीरे एक लड़की के सबसे अच्छे दोस्त हो सकते हैं, लेकिन एसेसराइजिंग के मामले में ऐसी कोई भी चीज काम कर सकती है, जो आपको बेहतरीन होने का एहसास दे!’’