भावनाओं, हंसी और बेहद रोमांच से भरपूर पलों के लिये तैयार हो जाइये, क्योंकि एण्डटीवी के लोकप्रिय शोज ‘भीमा‘, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ नये ट्विस्ट्स और यादगार कहानियाँ लेकर आ रहे हैं!
भीमाः
भीमा (तेजस्विनी सिंह) को समाज का अगुवा बना दिया जाता है और कैलाशा बुआ (नीता मोहिन्द्रा) की उम्मीदों से वह खुद को अलग-थलग और भावनात्मक रूप से बोझिल महसूस करती है। जब मीरा (आयुषी जीना) और विशम्भर (विक्रम द्विवेदी) अपने अतीत से बाहर आने की कोशिश करते हैं, तब उन्हें चेतावनी दी जाती है कि वे दमनकारी नियमों को चुनौती न दें। स्थिति और भी खराब हो जाती है, जब कैलाशा बुआ अपने लोगों को भीमा की किताबें और सामान जलाने का आदेश देती है। उनका मकसद भीमा के जोश और पहचान को मिटाना है। भीमा का दिल इतना टूट जाता है कि वह धनिया का दिया खाना भी नहीं खाती है। लेकिन जैसे ही आग की लपटें उठती हैं, धनिया वहाँ पहुँचकर भीमा के झंडे को बचाती है और खुद को आग में जला देने की धमकी देती है- यह बगावत देखकर पूरा गांव चैंक जाता है। इस हफ्ते रात 8ः30 बजे एक माँ का उग्र रूप और निर्णायक परीक्षा देखिये!
‘हप्पू की उलटन पलटन‘ः
एक कुख्यात अपराधी को पकड़ने के बाद हप्पू को सम्मान में मेडल मिलता है और दो गेस्ट पास भी। राजेश (गीतांजलि मिश्रा) तुरंत उनमें से एक पास ले लेती है और दूसरे पास के लिये कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) और अवधेसिया (उर्मिला शर्मा) के बीच लड़ाई होती है। हप्पू तीसरे पास का इंतजाम करता है, लेकिन सरकार के नये नियमों के मुताबिक एक ही पास चल सकता है! अब भावनाओं के ज्वार के बीच हप्पू, राजेश को तो मना लेता है, लेकिन अपनी माँ और सास के बीच फंस जाता है। इस नाटक से बचने के लिये वह बेहद सनकी गब्बर (साहेब दास माणिकपुरी) की मदद लेता है। क्या उसकी योजना से यह दुविधा खत्म होगी या संकट और भी बढ़ जाएगा? जानने के लिये यह शो देखिये रात 10ः00 बजे!
‘भाबीजी घर पर हैं‘ः
एक छोटी-सी लड़ाई के बाद विभूति (आसिफ शेख), प्रेम (विश्वनाथ सोनी) का स्कूटर उधार लेता है। लेकिन उसे पता नहीं है कि इससे तिवारी (रोहिताश्व गौड़) को बदला लेने का मौका मिल सकता है। हालात उलझ जाते हैं, जब विभूति का भयानक एक्सीडेंट हो जाता है। जब यमदूत उसकी आत्मा को लेने आता है, तब विभूति अपने प्रियजनों को आखिरी बार देखने की याचना करता है। उसकी अदृश्य आत्मा घर में घूमती है और अनीता (विदिशा श्रीवास्तव) और तिवारी को दुखी देखती है। विभूति को पता चलता है कि उसकी वापसी हो सकती है, अगर कोई सचमुच उसे याद करे! वह पूरी उम्मीद से अंगूरी भाबी की प्रार्थना को देखता है। लेकिन क्या अंगूरी की भावनाएं इतनी ताकतवर हैं कि विभूति को मौत के मुंह से खींच लाए? जानने के लिये यह शो देखिये रात 10ः30 बजे!