माहवारी एक पूरी तरह से सामान्य जैविक क्रिया है। इस विषय पर हमारे देश में अनेक कारणों से खुलकर बात नहीं की जाती है। नौजवान युवतियों के लिए माहवारी महीने का अत्यधिक तनावपूर्ण समय हो सकता है। इस विषय से जुड़ी वर्जनाओं के कारण नौजवान लड़कियों को माहवारी के दौरान अपने शरीर में होने वाले इन परिवर्तनों को समझने के लिए जानकारी प्राप्त कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। अहमदाबाद, गुजरात की 11 वर्षीय लड़की, आयशा गोयल, ने अपने दोस्तों को इस समस्या से पीडि़त देखा और एक ऐप ‘फ्री फ्लो’ बनाने का निर्णय लिया, जो इस्तेमाल में आसान हो और माहवारी से जुड़ी पूरी जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध कराए। यह ऐप लड़कियों को अपने माहवारी के चक्र को ट्रैक करने में भी समर्थ बनाता है।
इस ऐप के बारे में व्हाईटहैट जूनियर स्टूडेंट आयशा गोयल ने कहा, ‘‘युवा लड़कियों को माहवारी के बारे में व्यस्कों से बात करने में शर्म आती है। इस विषय से जुड़ी वर्जना के कारण उन्हें विश्वसनीय व्यस्क से बात करके माहवारी के चक्र से जुड़ी अपनी सभी शंकाओं का समाधान करने के सीमित अवसर मिल पाते हैं। मैंने अपनी सहेलियों को यह समझने में संघर्ष करते देखा है कि उनके शरीर में ये विशेष परिवर्तन क्यों हो रहे हैं। वो और ज्यादा जानना चाहती हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम होता है कि इस बारे में किससे बात की जाए। माहवारी के बारे में बताने वाले ज्यादातर ऐप्स नौजवान लड़कियों की बजाय व्यस्क महिलाओं पर केंद्रित होते हैं। इसीलिए मुझे एक ऐसे ऐप का निर्माण करने का विचार आया, जो माहवारी के स्वास्थ्य से जुड़ी संपूर्ण जानकारी के संग्रह के रूप में काम करे। इसके साथ ही मैंने कुछ फीचर्स और जोड़ दिए, जैसे माहवारी की तारीखों की अवधि को ट्रैक करना, माहवारी से जुड़ी समस्याओं, जैसे पीठ में दर्द, मुंहासों और ऐंठन के बारे में शंकाओं का समाधान करने के लिए चैटबॉट।’’
व्हाईटहैट जूनियर में आयशा की मेंटर एवं प्रोजेक्ट में उसे सहयोग करने वाली, प्रेरणा मेहता ने कहा, ‘‘आयशा एक बहुत ही तीक्ष्ण बुद्धि की लड़की है। वो अपने दोस्तों की समस्याओं के प्रति भावनाशील है और उसने इसका समाधान निकालने के लिए कड़ी मेहनत की। ऐप ‘फ्री फ्लो’ एक सरल एवं अत्यधिक दिलचस्प ऐप है क्योंकि यह नौजवान लड़कियों को आसान पहुंच व जानकारी प्रदान करता है। मुझे इस उद्देश्यपूर्ण प्रोजेक्ट में आयशा का मार्गदर्शन करने पर गर्व है।’’
आयशा की मां शेलेजा ने कहा, ‘‘एक नौजवान लड़की की मां होने के नाते मैं समझती हूँ कि हमारी बेटियों को माहवारी के दौरान किस तरह के सहयोग की जरूरत होती है। हालांकि भारत में हर लड़की को यह अवसर नहीं मिलता कि वो इस विषय में अपने परिवार या सहेलियों से खुलकर बात कर पाएं। आयशा का ऐप ‘फ्री फ्लो’ इस जरूरत को समझता है और नौजवान लड़कियों को अपने माहवारी के चक्र का प्रबंधन करने में मदद करता है। उसे हमारे समाज में रहने वाली लड़कियों की समस्याओं का समाधान करने वाला ऐप बनाते देखकर बहुत खुशी मिली। उसकी सहेलियों ने बहुत सहयोग किया और उन्हें उसके काम से बहुत खुशी मिली। उन्होंने अपना फीडबैक देकर ऐप को बेहतर बनाने में भी मदद की। हम सभी को उम्मीद है कि आयशा आगे भी इस तरह के दिलचस्प ऐप बनाती रहेगी।’’
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