एण्डटीवी पर ड्रामा और काॅमेडी का डबल डोज़

एण्डटीवी के ‘अटल‘, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में किरदार खुद को मुश्किल हालातों में फंसा हुआ पायेंगे। एण्डटीवी के ‘भीमा‘ में धनिया का किरदार निभा रहीं स्मिता सेबल ने कहा, ‘‘पढ़ाई को लेकर भीमा के इरादे काफी बुलंद हैं, लेकिन उसे कुछ नई और महत्वपूर्ण बाधाओं का सामना करना पड़ता है। शिक्षा के अपने अधिकारों के लिये लड़ने के बाद, वह स्कूल में आधिकारिक रूप से दाखिला लेने के लिये संघर्ष करती है। इसके अलावा उसके शिक्षक भी उसे क्लासरूम में कदम रखने से रोक देते हैं। फिर भी वह किसी तरह से क्लासरूम में दाखिल होने में कामयाब हो जाती है, लेकिन अब दूसरे स्टूडेंट्स क्लास छोड़कर चले जाते हैं। इसलिये वह क्लासरूम के बाहर रहकर ही टीचर के पाठ सुनकर अपनी पढ़ाई जारी रखती है, जबकि बाकी के स्टूडेंट्स क्लासरूम में मौजूद रहते हैं।‘‘ एण्डटीवी के ‘अटल‘ में कृष्णा बिहारी का किरदार निभा रहे आशुतोष कुलकर्णी ने कहा, ‘‘एक क्रांतिकारी की मदद करने के लिये अटल को पकड़ने में तोमर नाकाम होता है। इस बीच, अटल द्वारा अस्पताल के बिल का भुगतान करने के वादे को पूरा करने के बाद उसके पिता कृष्णा बिहारी और दादाजी को हाॅस्पिटल से छुट्टी मिल जाती है। जब अवध घर लौटता है, तो उसकी असंदेवनशील टिप्पणी के कारण उसकी मां कृष्णा देवी के साथ एक बड़ा झगड़ा हो जाता है। इस स्थिति का फायदा उठाते हुये, अवध की साली मीना उसे घर में अपना हिस्सा मांगने के लिये उकसाती है। घर की समस्याओं के बावजूद, अटल राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर अपना फोकस बनाये रखता है और घर की स्थिति को मैनेज करता है।‘‘

‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की आगामी कहानी के बारे में बताते हुये, दरोगा हप्पू सिंह कहते हैं, ‘‘गणेश चतुर्थी के लिये कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) हप्पू (योगेश त्रिपाठी) को सोने का एक बहुमूल्य सिक्का देती है और खोदी (शरद व्यास) की निगरानी में उसे पाॅलिश करवाने के लिये कहती है। इस बीच राजेश (गीतांजलि मिश्रा) अम्मा को यह कहकर भावनात्मक रूप से प्रभावित करती है कि उन्होंने घर की लक्ष्मी यानी कि खुद राजेश को नाराज़ कर दिया है। राजेश अम्मा को उसे एक साड़ी और गहने देने के लिये मना लेती है और अम्मा बेमन से यह करने को राजी हो जाती हैं। वहीं, दूसरी ओर हप्पू उस चोर का पता लगा लेता है, जिसने सिक्का चुराया था और उसे पता चलता है कि उस आदमी ने सिक्का इसलिये चुराया क्योंकि वह एक लड़की से प्यार करता है और उसके पिता ने उनकी शादी के लिये लड़के से एक महीने के अंदर 10 लाख रूपये मांगे हैं। चोर वादा करता है कि यदि हप्पू उनकी शादी करवा देता है, तो वह सोने का सिक्का वापस कर देगा। हप्पू लड़की के पिता को समझाने की कोशिश करता है, लेकिन नाकामयाब होता है। हताश होकर, पैसे के लिये वह कमिश्नर को ब्लैकमेल करने का सहारा लेता है, लेकिन उसकी योजना उलटी पड़ जाती है।‘‘ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की आगामी कहानी के बारे में बताते हुये विभूति नारायण मिश्रा ने कहा, ‘‘विभूति (आसिफ शेख) और डेविड चाचा (अनूप उपाध्याय) से काफी सारे लोग अपना पैसा मांगना शुरू कर देते हैं। परेशान होकर, अनीता (विदिशा श्रीवास्तव) उन्हें अपना कर्जा चुकाने के लिये कहती है। इस बीच, टीका (वैभव माथुर) खुद को एक फाइनेंशियल प्राॅब्लम में फंसा हुआ पाता है। दूसरी ओर, दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) कमिश्नर (किशोर भानुशाली) से अपने प्रोमोशन के लिये कहता है, लेकिन कमिश्नर उससे कहता है कि यदि उसे प्रोमोशन चाहिये, तो पहले ‘खुजली गैंग‘ को पकड़ कर दिखाये। विभूति और चाचा एक बार में पहुंचते हैं, जहां पर हप्पू मनोहर (नितिन जाधव) से ‘खुजली गैंग‘ पर चर्चा कर रहा होता है। हप्पू की बात सुनकर विभूति के दिमाग में एक आइडिया आता है। वह टीका और चाचा को ‘खुजली गैंग‘ का आदमी बनकर चोरी करने की सलाह देता है, ताकि उनके पैसों की प्राॅब्लम दूर हो जाये। वहीं, हप्पू खुजली गैंग को पकड़ने का पक्का इरादा कर चुका है और इसे अपना मिशन बना लेता है।‘‘

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