आज की व्यस्त जिन्दगी में मानसिक सुकून मिलना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। ऐसे में योग की शरण में जाने से आत्मा को भी काफी संतुष्टि मिलती है। एण्डटीवी के शो ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी, यानि शुभांगी अत्रे ने हाल ही में कोयंबटूर में योग और आध्यात्म की शरण ली थी। और उन्हें आध्यात्मिकता की खोज करने, ताजगी लेने तथा खुद को जानने का मौका मिला।
हाल ही में आध्यात्म की शरण में जाने को लेकर शुभांगी अत्रे, यानि अंगूरी भाबी ने कहा, ‘‘कोयंबटूर का ईशा फाउंडेशन बड़ी खूबसूरती से परंपरा, आधुनिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का संयोजन करता है। शहर के बाहरी क्षेत्र में मौजूद एक सक्षम योगा सेंटर में दिन बिताने से बहुत शांति मिली। अच्छी तरह से व्यवस्थित आश्रम में शांति थी। मैंने ध्यान किया, योग किया और ध्यानलिंग के इर्द-गिर्द की हरियाली में रम गई। लिंग भैरवी देवी सेंटर में जाने से मन की शांति और भी बढ़ गई। क्लेश नाशन क्रिया और देवी अभिषेकम करने से मुझे देवी की अलौकिक उपस्थिति का अनुभव हुआ। फिर लिंग भैरवी देवी को ग्यारह प्रसाद चढ़ाना शुद्धि के लिये था। उसमें आध्यात्मिक ऊर्जा की शुद्धि के लिये आग और तत्वों का प्रयोग हुआ था। शाम को वहाँ आनंददायक मेल-जोल हो रहा था। वहाँ समान सोच वाले लोग सामूहिक ध्यान, मंत्रोच्चार और सारगर्भित चर्चाएं कर रहे थे। शरीर और आत्मा को वहाँ की विशेष खाने-पीने की चीजों ने बड़ी कुशलता से पोषित कर दिया और मुझे पूरा संतुलन मिला। आध्यात्मिक वातावरण और सकारात्मक ऊर्जा ने मेरी आत्मा पर गहरी छाप छोड़ी। वहाँ बिताये गये समय को याद करते हुए, मैं अपने को जानने और आध्यात्मिक स्वर्ग का स्पर्श करने के लिये आभारी हूँ। यह यात्रा मेरे दिल में बस गई है। मेरे साथ अब अच्छी सेहत और खुद से लगाव का एक नया एहसास है। कोयंबटूर के पास परंपरा और आधुनिक खूबसूरती का एक समृद्ध चित्रपट है। इसलिये वह आत्मा को तृप्त कर देने वाला गंतव्य है।’’ कोयंबटूर में घूमने-फिरने के बारे में शुभांगी ने आगे कहा, ‘‘कोयंबटूर के स्वादिष्ट पकवानों का आनंद लेना मेरी यात्रा में महत्वपूर्ण था। विभिन्न पकवानों का अनुभव करना, जैसे कि दक्षिण भारत का मशहूर डोसा और कोथू परोटा जैसे स्थानीय व्यंजन, बड़ी खुशी देने वाले थे। स्थानीय बाजारों में जाने से भी आनंददायक अनुभव मिली। मैंने पारंपरिक सिल्क साड़ियाँ, हैण्डीक्राफ्ट और मसाले खरीदे। यह मेरी शानदार यात्रा की यादगार सौगातें हैं।’’