मुझे जो मिला है, मैं उसे लौटाने पर यकीन करता हूं‘‘, यह कहना है ‘बाल शिव‘ के एक्टर सिद्धार्थ अरोड़ा का

ऐसा कहा जाता है कि ‘खुद को पाने का सबसे अच्छा तरीका है, दूसरों की सेवा में खुद को खो देना‘। एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ ‘ में महादेव की भूमिका निभा रहे एक्टर सिद्धार्थ अरोड़ा इस बात पर पूरा यकीन करते हैं। वे सामाजिक कार्य के जरिये सुविधाहीन लोगों की मदद कर अद्भुत कार्य कर रहे हैं। 27 फरवरी को मनाये जाने वाले वल्र्ड एनजीओ डे पर हर साल समाज की सेवा करने वाले लोगों को सम्मान और पुरस्कार दिया जाता है। इस अवसर पर, एक्टर सिद्धार्थ अरोड़ा ने अपने एनजीओ, सहयोग द्वारा वंचितों के लिये किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया।

अपने एनजीओ के बारे में, सिद्धार्थ अरोड़ा उर्फ एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ ‘ के महादेव कहते हैं, ‘‘मैं भगवान शिव की भूमि वाराणसी से हूं और बचपन से ही अध्यात्म मेरे केंद्र में रहा है। मैं मानता हूं कि हमें जो मिलता है वही हम वापस लौटाते हैं। देना अध्यात्म का काम है और यदि मैं अपने काम से थोड़ा भी बदलाव ला सकूं, तो मैं उसे जरूर करूंगा। इसलिये, इस साल की शुरूआत मेरे लिये बेहतरीन रही है। मेरे एनजीओ सहयोग में मेरे दोस्त और मैंने इस साल के पहले दिन ही कंबल बांटने का काम किया था। हम सहयोगियों ने सड़कों पर घूम-घूम कर उन लोगों को कंबल बांटे, जो सड़क किनारे सो रहे थे और वाराणसी के ठंडे मौसम में ठंड से कांप रहे थे। यह देखकर बहुत दुख हो रहा था कि लोग खुद को प्लास्टिक की शीट से ढंककर गर्म रखने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, यह हमारी बस एक छोटा सा प्रयास था, लेकिन मुझे इस बात की खुशी हुई कि मैं उन्हें कंबल दे पाया और ठंड से बचने में उनकी कुछ मदद कर पाया।

एनजीओ शुरू करने के पीछे छिपे कारण के बारे में सिद्धार्थ कहते हैं, ‘‘कोविड के मुश्किल समय में हर कोई एक-दूसरे की कुछ ना कुछ मदद करने की कोशिश कर रहा था। हालांकि, हालात ऐसे थे कि परिवार के लोग उनके साथ नहीं थे। अपने दोस्त के साथ मैंने जरूरतमंद लोगों की मदद के लिये ‘सहयोग‘ को शुरू किया था। अपनी पहली पहल में हमने सरकारी अस्पताल में कोविड मरीजों के रिश्तेदारों को खाना दिया। हमें बहुत ही अच्छा सपोर्ट मिला था क्योंकि काफी लोग हमारे पास आये और मदद का हाथ बढ़ाया। मैं उन सबका शुक्रगुजार हूं। इस दिन, मैंने समाज की सेवा करते रहने का संकल्प लिया। इसके साथ ही मैं लोगों से भी आगे आकर और अपनी क्षमता के अनुसार दूसरों की मदद करने की गुजारिश करता हूं।‘‘

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