टेलीविजन की मशहूर अभिनेत्री मौली गांगुली एण्डटीवी के पौराणिक शो ‘बाल शिव‘ में महासती अनुसुइया का किरदार निभाती नजर आयेंगी। एक इंटरव्यू के दौरान मौली ने अपने किरदार और शो के साथ जुड़ने के रोमांच के बारे में बात की। प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के कुछ प्रमुख अंशः
आप एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में महासती अनुसुइया की भूमिका निभा रही हैं, हमें अपने किरदार के बारे में कुछ बतायें?
मैं ‘बाल शिव‘ में महासती अनुसुइया बनी हूं। अनुसुइया में करूणा और दृढ़ संकल्प का उचित संतुलन है। उनका विवाह एक ज्ञानी संत ऋषि अत्री से हुआ है और ये दोनों ही एक-दूसरे की सराहना, प्रेम और सम्मान करते हैं। अनुसुइया एक वेदिक गुरूकुल की प्रमुख हैं, जहां पर सभी देव और देव पुत्र अध्ययन करते हैं और एकसाथ रहते हैं। वह गुरूकुल और यहां के बच्चों की देखभाल अपनी संतान की तरह करती है। वह उन्हें शिक्षा देती हैं और अनुशासन सिखाती हैं। अपने पति में अपने अटूट विश्वास और समर्पण से उन्हें महासती का दर्जा मिला है।
आपको यह भूमिका कैसे मिली?
एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में एक महत्वपूर्ण किरदार निभाना मेरे लिये एक सम्मानजनक अनुभूति है। इस शो की टीम पहले भी भगवान शिव पर एक सफल शो बना चुकी है और यह मेरी पसंदीदा टीम है। जब मुझसे महासती अनुसुइया की भूमिका निभाने के लिये पूछा गया तो, मैंने फौरन हां कह दिया, क्योंकि एक कलाकार के लिये यह बहुत अच्छी तरह से तैयार किया गया रोल है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मुझे भगवान शिव से बेहद लगाव है। इसलिये इस रोल के साथ मैंने भावनात्मक और आध्यात्मिक जुड़ाव महसूस किया। मुझे इस शो में पूरा विश्वास है और वाकई उम्मीद है कि यह शो दर्शकों को पसंद आयेगा। इसके साथ ही अनुसुइया का किरदार भी बहुत महत्वपूर्ण और मजबूत है और साथ ही एक कलाकार के रूप में यह मेरे लिये इस तरह की दमदार भूमिका निभाने का एक बेहतरीन मौका भी है। मैंने अपने कॅरियर में कई तरह की भूमिकायें निभाई हैं, लेकिन यह रोल वाकई में सबसे अलग है। यह रोल एक पुरस्कार और एक बड़ी जिम्मेदारी है और मैं इस शो के प्रसारण का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।
आप इस किरदार में खुद को ढालने के लिये कोई खास तैयारियां भी कर रहीं हैं?
हमारे पास एक रिसर्च टीम है, जो हमें विभिन्न किरदारों की बारीकियों को समझने और उसके अनुसार खुद को ढ़ालने में मदद करती है। हमारे पास बेहतरीन क्रिएटिव टीम और डायरेक्टर हैं। इसके अलावा हमने खुद को तैयार करने के लिये कई वर्कशाॅप्स भी किये हैं। हमने हर तरह की तैयारी है, जैसे कि एक्सप्रेशन्स, बाॅडी लैंग्वेज, बोलने के सही तरीके, डायलाॅग डिलीवरी, आवाज में उतार चढ़ाव, लुक टेस्ट, काॅस्ट्यूम ट्रायल्स और बाकी की सभी चीजें, ताकि कोई कसर न रह जाये। बाल शिव मेरा दूसरा पौराणिक शो है और माइथोलाॅजी दूसरे जोनर्स से बहुत अलग होता है। इसमें हर किरदार को जीवंत बनाने के लिये काफी रिसर्च और तैयारियां की जाती हैं। बेशक, इस तरह के गंभीर और पावन किरदार को निभाने के दौरान मुझे बहुत कुछ सीखने को भी मिला है।
माइथोलाॅजी बेहद मजबूत महिला किरदारों को प्रदर्शित करती है। आपकी इस बारे में क्या राय है?
भारतीय माइथोलाॅजी में, महिलाओं की भूमिका वाकई में महत्वपूर्ण है। उनके दमदार किरदारों की कई कहानियां हैं और वह एक मेंटाॅर, अतुलनीय अभिभावक और अपने बच्चों की सबसे अच्छी दोस्त की विभिन्न भूमिकायें निभाती रहीं है। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे पर्दे पर एक ऐसे किरदार को निभाने का मौका मिला। महासती अनुसुइया के रूप में मुझे अपने पुत्र बाल शिव का मार्गदर्शन करने और सर्वश्रेष्ठ ज्ञान देने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, इस किरदार से मुझे अनुसुइया के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को एक्सप्लोर करने और उन्हें दर्शाने का भी एक बेहतरीन मौका मिल रहा है। वह ऋषि अत्री की निष्ठावान और समर्पित पत्नी है और गुरूकुल में बाल शिव और अपने दूसरे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करती हैं।
इस शो से आपकी क्या अपेक्षायें हैं?
महासती अनुसुइया की भूमिका लाभप्रद होने के साथ ही एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। इसकी शूटिंग बहुत अच्छी चल रही है। हम लगातार शूटिंग कर रहे हैं, ताकि ढेर सारे एपिसोड्स तैयार करके रख सकें। हम सभी इसके लिये रोमांचित हैं और इस शो का प्रसारण शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जैसा कि मैं पहले बता चुकी हूं, हमारे दर्शकों को इसमें काफी रोमांच देखने को मिलेगा और ‘बाल शिव‘ में उन्हें कई दिलचस्प बातें पता चलेंगी। इसलिये, मुझे पूरा भरोसा है कि उन्हें इसका बेसब्री से इंतजार होगा। मुझे विश्वास है कि इस शो का काॅन्सेप्ट हमारे दर्शकों के साथ जुड़ाव बनायेगा और वे हमारे काम की प्रशंसा करेंगे। हमें उम्मीद है कि दर्शकों को यह शो पसंद आयेगा।
आप पिछले कुछ समय से टेलीविजन पर नजर नहीं आईं। इस गैप के दौरान आपने क्या किया?
लाॅकडाउन हुआ और हमारी प्राथमिकतायें बदल गईं। इस बीच मैंने एक वेब शो किया। मुझे ओटीटी प्लेटफाॅम्र्स पर ज्यादा दमदार किरदारों को निभाकर अच्छा लगा और इसके कंटेंट्स एक दर्शक के रूप में मुझे अच्छे लगते हैं। इन किरदारों ने मेरे अंदर के कलाकार को चुनौती दी और इनसे खुद को और भी बेहतर बनाने में मुझे मदद मिली।
क्या यह आपको दूसरा माइथोलाॅजिकल शो है। इस जोनर में आपको क्या अच्छा लगता है?
जोनर के रूप में माइथोलाॅजिकल शोज बहुत चुनौतीपूर्ण होते हैं। इसकी भाषा, काॅस्ट्यूम्स सभी चुनौतीपूर्ण होते है। यह कभी भी एक व्यक्ति का शो नहीं होता। इस शो को बनाने में काफी बड़ी टीम लगती है। एक कलाकार के रूप में, मुझे चुनौतियां पसंद हैं, क्योंकि इससे मुझे अपने अभिनय कौशल को निखारने में मदद मिलती है। माइथोलाॅजिकल शोज में हर चीज अलग होती है, भाषा से लेकर बाॅडी जेेस्चर्स और कैरेक्टर के फील तक और किरदार में ढलने के लिये काफी होमवर्क करने की जरूरत होती है। यह रोमांचक, उत्साहवर्द्धक और साथ ही जादुई अनुभव होता है। ‘बाल शिव‘ एक अनूठा शो है और यह कलाकारों और दर्शकों दोनों के लिये एक बेहतर अनुभव होने वाला है।
मौली गांगुली को महासती अनुसुइया के रूप में देखिये ‘बाल शिव‘ में 23 नवंबर से रात 8ः00 बजे हर सोमवार से शुक्रवार, सिर्फ एण्डटीवी पर
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