शहज़ाद अहमद
4 अप्रैल, 1949 को एक मिडिल क्लास मुस्लिम परिवार में जन्मी परवीन की आज ही के दिन 2005 में मौत हो गई थी
एक जमाने में सुपरस्टार रहीं परवीन अपने आखिरी दिनों में अकेली पड़ गई थीं। वह एक ऐसी अदाकारा थीं जिनकी चर्चा उनकी फिल्मों से ज्यादा उनकी जिंदगी पर होती रही है।परवीन बाबी की जिंदगी के साथ उनकी मौत भी रहस्यमयी रही। वह सीजोफ्रेनिया बीमारी की चपेट में आ गई थीं जिससे उनकी जिंदगी तनावग्रस्त हो गई थी। उन्होंने शादी नहीं की थी।परवीन बाबी को फिल्म निर्देशक बीआर इशारा ने पहली बार क्रिकेटर सलीम दुर्रानी के साथ 1973 में फिल्म ‘चरित्र’ में मौका दिया।
फिल्म तो फ्लॉप हो गई, लेकिन परवीन बाबी सुपरहिट हो चलीं।परवीन बाबी को पहली कामयाबी ‘मजबूर’ फिल्म में मिली अमिताभ बच्चन के साथ 1974 में। 1983 में परवीन बाबी ने बॉलीवुड को छोड़ दिया। थोड़े समय तक वह बैंगलोर में रहीं, इसके बाद अमरीका चली गईं। उन्होंने ये माना था कि किसी आनुवांशिक मानसिक बीमारी ने उन्हें चपेट में ले लिया था। परवीन बाबी अपने जीवन के अंतिम दिनों तक आत्मनिर्भर बनी रहीं, किसी की मोहताज नहीं रहीं। लेकिन ये भी सच है कि जिस परवीन बाबी के घर के सामने प्रोड्यूसरों की कतार बैठी रहती थी, उस परवीन बाबी के आखिरी दिनों में सबने उन्हें भुला दिया था। और साल 2005 में वह हम सब को हमेशा के लिए छोड़ कर चली गईं।
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