अपनी धरती मां की रक्षा करना सबसे महत्वपूर्ण बात है, जो हमें एक सेहतमंद जिन्दगी जीने में हमारी मदद करेगी
सोनी सब के शो ‘वागले की दुनिया’ में दिखाया जायेगा कि किस तरह अथर्व और राजेश रिसॉर्ट के अपने सभी दोस्तों के साथ मिलकर हरे-भरे मैदान को बचाते हैं
चिपको आंदोलन की शुरूआत 1973 में उत्तराखंड में हुयी थी और यह पूरी दुनिया में पर्यावरण से जुड़े कई सारे आंदोलनों के लिये एक केंद्र बिन्दु बन गया।
आगामी एपिसोड्स में अथर्व रिसॉर्ट में माली के साथ बातचीत कर रहा होता है, जहां उसे पता चलता है कि रिसॉर्ट के मालिक ने उस हरे-भरे मैदान को एक व्यापारी को बेच दिया है। वह वहां पर एक होटल बनाने की प्लानिंग कर रहा है। अर्थव और राजेश अपने दोस्तों के साथ इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि वे रिसॉर्ट मालिक का विचार बदल देंगे। लेकिन आगामी एपिसोड्स में इस बात का खुलासा होगा कि उनकी योजना को गहरा झटका लगने वाला है, जो उन्हें रिसॉर्ट में ही चिपको आंदोलन शुरू करने के लिये मजबूर कर देगा।
क्या वे रिसॉर्ट मालिक को उस हरे-भरे मैदान बेचने से रोक पायेंगे? क्या अथर्व और राजेश अपने चिपको आंदोलन में कामयाब हो पायेंगे?
राजेश वागले का किरदार निभा रहे सुमित राघवन कहते हैं, ‘’जब मुझे पता चला कि इस हफ्ते हम चिपको आंदोलन को लेकर एपिसोड्स करने वाले हैं तो मैं काफी उत्सुक था। इसकी वजह है कि मुझे इसके बारे में पता है और मेरा इस पर दृढ़ विश्वास है। यह कहां से शुरू हुआ और कहां पहुंच गया, यह एक क्रांतिकारी आंदोलन था, जो पूरी दुनिया में फैला। दर्शकों के लिये यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि मेरा किरदार और अथर्व अपने चिपको आंदोलन के साथ रिसॉर्ट में किस तरह एक नये आंदोलन का नेतृत्व करते हैं।‘’
अथर्व राजेश वागले का किरदार निभा रहे, शीहान कपाही कहते हैं, ‘’मैंने स्कूल में चिपको आंदोलन के बारे में पढ़ा है और मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मुझे उसको लेकर एक एपिसोड ट्रैक में शूटिंग करने का मौका मिल रहा है। कई बार ऐसा होता है जब आप चीजें करके देखते हैं तो ज्यादा अच्छी तरह सीखते हैं, खासकर जब आपने उसे सिर्फ किताबों में पढ़ा हो।‘’