‘राम नवमी‘ का दिन भगवान राम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है और यह वसंत की शुरुआत के साथ आता है। इसे हर साल पूरे देशभर में उत्साह के साथ मनाते हैं। एण्डटीवी के कई सारे कलाकारों ने सभी को ‘राम नवमी‘ की शुभकामनाएं दी हैं। उन कलाकारों में शामिल हैं ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) और राजेश (कामना पाठक), ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी (रोहिताश्व गौड़), ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ की संतोषी मां (ग्रेसी सिंह), तथा ‘और भई क्या चल रहा है?‘ के ज़फर अली मिर्जा (पवन सिंह), रमेश प्रसाद मिश्रा (अंबरीश बाॅबी) और सकीना मिर्जा (अकांशा शर्मा) शामिल हैं।
हिमानी शिवपुरी उर्फ कटोरी अम्मा कहती हैं, ‘‘ मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्मदिवस ‘राम नवमी‘ हिन्दू कैलेंडर में बहुत ही पावन दिन माना जाता है। हर साल मैं अच्छी सेहत और खुशहाली की मनोकामना के साथ भगवान राम की पूजा-अर्चना और प्रसाद चढ़ाने की रस्म में शामिल होती हूं। आमतौर पर मैं अपने घर पर गरीब बच्चों को काला चना, हलवा और पूरी खाने के लिये बुलाती हूं। लेकिन अभी के हालात देखकर मैंने सोचा है कि मैं खाना पैक करवाकर उनके घर भिजवा दूंगी। मैं सबको अच्छी सेहत और ‘राम नवमी‘ की शुभकामनाएं देती हूं!
रोहिताश्व गौड़ उर्फ मनमोहन तिवारी कहते हैं, ‘‘राम नवमी‘ की ढेर सारी शुभकामनाएं! हमारा त्यौहार भगवान राम की प्रतिमा को स्नान कराकर उन्हें झूले मे बिठाने के साथ शुरू होता है। हम प्रसाद के तौर पर खीर और बादाम चढ़ाते हैं। आम रीति-रिवाजों के साथ-साथ भगवान राम के जन्मोत्सव पर हम सब मिलकर ‘रामायण‘ के छंद भी पढ़ते हैं। मैं सभी लोगों को शुभकामनाएं देता हूं कि उनका मन और घर खुशियों, शांति और खुशहाली से भरा-पूरा रहे।
‘‘ ग्रेसी सिंह उर्फ संतोषी मां कहती हैं, ‘‘ राम नवमी‘ के दिन की शुरूआत मैं सूर्य देवता को जल चढ़ाकर करती हूं। इसके बाद भगवान का आशीर्वाद लेने के लिये राम कथा पढ़ती हूं। चूंकि, यह ‘नवरात्रि’ का भी आखिरी दिन होता है मैं कड़ाह प्रसाद तैयार करती हूं, जिसे मैं शुभकामनाओं के तौर पर अपने आस-पास के लोगों में बांटती हूं।
‘‘ अकांशा शर्मा उर्फ सकीना मिर्जा कहती हैं, ‘‘वसंत का मौसम बहुत ही सुहावना होता है और यह नये साल की शुरुआत का समय होता है। ‘राम नवमी‘ के मौके पर मैं सभी लोगों को शुभकामनाएं देती हूं कि उन्हें पूरे साल अवसरों की कमी ना हो और ईश्वर का आशीर्वाद बना रहे। मैं इस दिन व्रत रखूंगी और राम कथा तथा पुराण पढूंगी। शाम में आरती करूंगी और उसके बाद सात्विक भोजन के साथ अपना व्रत खोलूंगी।
‘‘ बचपन में ‘राम नवमी‘ का त्यौहार किस तरह मनाते थे, उसे याद करते हुए कामना पाठक उर्फ दबंग राजेश कहती हैं, ‘‘बचपन में मैं हवन में हिस्सा लेने के लिये बहुत ही उत्साहित रहती थी। मां घर पर ही हवन का आयोजन करती थीं। मैं सुबह जल्दी उठ जाया करती थी और घर को सजाने के लिये फूल लेकर आती थी। मुझे आज भी ताजे फूलों की खुशबू याद है; हर कोई यही कहता था कि तनु ने बहुत अच्छा काम किया है! इस तरह के उत्सव के माहौल में घर पर ना होना खलता है। उम्मीद करती हूं कि सभी लोग इन खुशियों भरे दिन को अपने परिवार के साथ मनायें।
‘‘ पवन सिंह उर्फ जफर अली मिर्जा कहते हैं, ‘‘स्कूल के दिनों में हम स्टेज पर रामलीला किया करते थे। जब रावण हारता था तो पूरा स्कूल तालियां बजाने लगता था। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हमें पूरी जिंदगी का सबक मिलता है। इस ‘राम नवमी‘ मैं भगवान राम और उनकी सीख का स्मरण करूंगा। अपने परिवार और अपने लिये उनसे प्रार्थना करूंगा।
‘‘ अंबरीश बाॅबी उर्फ रमेश प्रसाद मिश्रा कहते हैं, ‘राम नवमी‘ की हार्दिक शुभकामनाएं! यह दिन मुझे बचपन की याद दिलाता है। जब मेरी तीनों बहनें और मैं पूरे घर में इधर-उधर भागते-दौड़ते रहते थे और अपनी मां से उनके हाथ की बनी मिठाई मांगा करते थे। वह सबसे पहले मंदिर में भगवान के सामने उसे चढ़ाती थीं और फिर हम सबको देती थीं। मुझे आज भी याद है एक बार मैंने मंदिर में रखी मिठाई खा ली थी और उसके बाद मुझे एक ही जगह पर तब तक बिठाया गया था, जब तक कि राम कथा पूरी नहीं हो गयी थी।‘‘