भारत के ऋषि-मुनि सदियों से योग को तन और मन को एकाग्र करने का एक उत्कृष्ट साधन मानते आये हैं। हर साल 21 जून को इंटरनेशनल योग डे मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मानव शरीर के लिये योग की अहमियत और जरूरत पर प्रकाश डालना है। योग दिवस के इस अवसर पर एण्डटीवी के कलाकारों ने उनकी जिंदगियों में योग की अहमियत के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि कैसे योग ने उनके दैनिक स्वास्थ्य, रचानात्मकता और उनके सम्पूर्ण सफर को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। इन कलाकारों में शामिल हैं नेहा जोशी (‘दूसरी माँ‘ की यशोदा), हिमानी शिवपुरी (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा) और विदिशा श्रीवास्तव (‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनीता भाबी)। नेहा जोशी ऊर्फ ‘दूसरी माँ‘ की यशोदा ने कहा, ‘‘मैं लगभग दो साल से योग कर रही हूं और यह सफर काफी बदलाव वाला रहा है। मेरी एकाग्रता को बढ़ाने और मेरे सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बरकरार रखने में इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हर सुबह, योग करने के बाद मैं पहले से ज्यादा एनर्जेटिक और सक्रिय महसूस करती हूं। मैं अभी भी योग के विभिन्न अभ्यासों और आसनों को सीख रही हूं, लेकिन ‘सूर्य नमस्कार‘ की मेरे दिल में एक खास जगह है। इस खास योग आसन का तन-मन दोनों पर ही एक सुकूनदायक प्रभाव पड़ता है और यह तनाव एवं चिंता को दूर करने में मदद करता है। इसने मेरी पीठ की मांसपेशियों को मजबूती देकर मेरे बाॅडी पोश्चर को बेहतर बनाया है और शारीरिक और मानसिक ताकत पाने की मेरी लंबे समय की इच्छा को पूरा किया है। इस योग दिवस पर मैं लोगों को योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा के बनाने के लिये प्रोत्साहित करना चाहूंगी, क्योंकि इससे यह भावनात्मक, शारीरिक एवं मानसिक तंदुस्रूती देता है।‘‘
हिमानी शिवपुरी ऊर्फ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा ने कहा, ‘‘मेरी अत्यधिक व्यस्त और डिमांडिंग लाइफ के बीच योग एक अभ्यारण्य की तरह काम करता है। सुस्त जीवनशैली, अनियमित नींद और खाने-पीने की अस्वास्थ्यकर आदतों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर ही बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिये मैं रोजाना योग जरूर करती हूं जिससे मुझे संतुलन बनाये रखने और अपनी संपूर्ण फिटनेस को बरकरार रखने में मदद मिलती है। योग का नियमित अभ्यास करने के नाते, मेरा दृढ़ विश्वास है कि योग और प्राणायाम एक समयबद्ध अभ्यास हैं, जो समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। ये मुझे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का साधन उपलब्ध कराते हैं। योग मेरी जिंदगी का जरूरी स्तंभ बन चुका है, जिसने ताउम्र मुझे जिंदगी की चुनौतियों से लड़ने में मदद की है और उनसे सौम्यता के साथ बाहर निकलने में सक्षम बनाया है। इससे मेरे अंदर एक उम्मीद और ध्यान की भावना जाग्रत होती है। यह एक थैरेप्युटिक मोडैलिटी बन चुका है, जो मुझे सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करता है।‘‘ विदिशा श्रीवास्तव ऊर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनीता भाबी ने कहा, ‘‘सामाजिक, पर्यावरण संबंधित और आर्थिक उथल-पुथल के इस दौर में, हमारी जिंदगी में अनापेक्षित चुनौतियां आती ही रहती हैं। इन परिस्थितियों के बीच, योग अच्छी सेहत पाने के लिये मेरी ‘सीक्रेट की‘ बन चुका है। अपने जीवन के बुरे समय के दौरान, जब मेरा फोकस गलत दिशा में जा रहा था, योग एक मार्गदर्शक रौशनी बनकर उभरा, जिसने मेरे मन, आत्मा और शरीर तीनों को ही एकाग्र करने, उसे तारोताजा रखने और उसमें एक नई जान फूंकने में मदद की। योग ने न सिर्फ मुझे अपना फोकस फिर से पाने में मदद की, बल्कि इसने मेरे अभिनय कौशल को भी बेहतर बनाया है। जब मैं अपने होमटाऊन वाराणसी लौटी, तो वहां के सुकूनदायक घाटों पर अपने पैरेंट्स के साथ प्राणायाम् और लाफ्टर योग करने से मुझे एक अलग ही आनंद और शांति मिली। इन अभ्यासों से मुझे रोजाना के तनाव के बोझ को समझने और अपनी आत्मा को तरोताजा करने में मदद मिली। मैं पूरे दिल से सभी लोगों को योग करने की सलाह देना चाहूंगी इससे मिलनी वाली परिवर्तनकारी ऊर्जा उनके जीवन को बेहतर बनाने में उन्हें सक्षम बनायेगी।‘‘