एण्डटीवी इस हफ्ते ‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की‘, ‘मौका-ए-वारदातः ऑपरेशन विजय‘, ‘और भई क्या चल रहा है?‘, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में कुछ बेहतरीन और गुदागुदा देने वाले ट्रैक्स तथा ढेर सारे ट्विस्ट और टन्र्स के साथ मनोरंजन के एक शानदार सफर पर लेकर जाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
महाराज जी की खातिरदारी अग्रवाल परिवार में
एण्डटीवी के ‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की‘, में महाराज जी (समीर धर्माधिकारी), वरुण (अक्षय म्हात्रे) को ट्रक एक्सीडेंट से बचाते हैं और उसे बेहोशी की हालत में घर लेकर आते हैं। उसे उठाने के लिये आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। इसे देखकर, वरुण के डाॅक्टर समेत सारे लोग हैरान हो जाते हैं। पूरा अग्रवाल परिवार महाराज जी का आभारी है और गेंदा (श्रेणू पारीख), कुंदन (साई बल्लाल) से कहती है कि वह महाराज जी से कुछ दिनों के लिये उनके साथ रुकने की विनती करे। हालांकि, उनका यहां रुकना आसान नहीं होने वाला। समीर धर्माधिकारी ऊर्फ महाराज जी कहते हैं, ‘‘पूरा परिवार महाराज का स्वागत पूरे प्यार, सम्मान और आदर से करता है, सिवाय मनीष के। वह एक अनजान के घर आने को लेकर संशय में है। वह महाराज जी से कुछ सवाल पूछकर उनकी छानबीन करना शुरू कर देता है। जब महाराज जी सारी महिलाओं से बिजनेस को लेकर उनके विचार जानने के लिये बुलाते हैं, तो सभी पुरुष विरोध में खड़े हो जाते हैं। उनका कहना है कि बिजनेस करना महिलाओं का काम नहीं है। लेकिन महाराज जी ने ठान लिया है कि वे सबकी सोच बदलकर रहेंगे और हर बदलाव को विरोध का सामना तो करना ही पड़ता है। अग्रवाल परिवार में महाराज जी किस तरह बदलाव लेकर आयेंगे और अग्रसेन महाराज के सिद्धांतों पर गेंदा का विश्वास से फिर से कायम करेंगे?
स्नेकमैन का जहरीला वार
अपने तरह की अनोखी सीरीज ‘मौका-ए-वारदात-ऑपरेशन विजय‘ में फैंटेसी क्राइम और सुपरविलेन के साथ शो का रोमांच कई गुना बढ़ गया है। यह 27 सितंबर से शुरू हो रहा है। आगामी ट्रैक में एक 30 साल का व्यक्ति विषकांद एक बुजुर्ग दंपती के घर पेइंग गेस्ट बनकर रहने आता है। उसी रात वह धीरे-धीरे रेंगता हुआ उनके कमरे में पहुंच जाता है और अपने दांत से उन्हें काट लेता है। छानबीन के दौरान यह पता चलता है कि लाशों में जहर तो पाया गया है, लेकिन सांप के काटने के निशान नहीं हैं। जब पुलिस इस रहस्य को सुलझाती है तो सोच में पड़ जाती है। अंकित अरोड़ा ऊर्फ इंस्पेक्टर ऋषिराज पाण्डे ने कहा, ‘‘यह जहर देने का बड़ा ही अलग तरह का केस है जिसमें इसका कोई सबूत नहीं है कि इसे कैसे और किसने किया। हत्यारा हत्या के तरीकों को बार-बार दोहरा रहा है। इस मामले को सुलझाने के लिये पुलिसवाले संपेरे को बुलाते हैं। क्या वे इस केस को सुलझा पायेंगे और इस मायावी दुश्मन से जीत पायेंगे? इसका जवाब पाने के लिये, दर्शकों को ‘मौका-ए-वारदात-आॅपरेशन विजय‘ देखना होगा जिसमें पूरे रहस्य से पर्दा उठेगा।‘‘
हवेली लगी दांव पे, चैसर के खेल में
एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है?‘ में मिश्रा (अंबरीश बाॅबी) और मिर्जा (पवन सिंह) चैराहे पर हो रहे चैसर में हिस्सा लेते हैं और अपने पैसे गंवा देते हैं। बिट्टू कपूर (अनु अवस्थी) इस तरह के खेल का आयोजन करने का फैसला करता है, लेकिन उसे अपमानित किया जाता है। शकुनी की मदद से बिट्टू नकली पहचानपत्र का इस्तेमाल करते है और वे खुद को टूरिस्ट बताता है। ऐसा करके वह मिश्रा और मिर्जा से दोस्ती करता है और उनकी हवेली हड़प लेता है। वो दोनों को एक-दूसरे के खिलाफ चैसर खेलने के लिये मनाता है ताकि हवेली किसी एक के नाम हो जाये। मिर्जा खेल जीत जाता है और टूरिस्ट का हुलिया बनाये बिट्टू के साथ खेलने की चुनौती स्वीकार कर लेता है। क्या वह हवेली खो देगा? इस बारे में अनु अवस्थी ऊर्फ बिट्टू कपूर कहते हैं, ‘‘बिट्टू कपूर सबकुछ बर्दाश्त कर सकता है, लेकिन अपनी बेइज्जती बर्दाश्त नहीं कर सकता। इसलिये, वह हवेली पर कब्जा करके मिश्रा और मिर्जा को सबक सिखाने का फैसला करता है। चैसर के खेल में हवेली को दांव पर लगाकर और उसे जीतने की बात जंचने वाली है, लेकिन जब बिट्टू कपूर होता है तो वहां कुछ अलग होना ही है। यह जानने के लिये कि हवेली कौन जीतता है, देखते रहिये, ‘और भई क्या चल रहा है?‘।
बीवियों के डिमांड्स सर आंखों पर?
एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में राजेश (कामना पाठक) और बिमलेश (सपना सिकरवार) की मांगें बढ़ती जा रही हैं। बिमलेश की सलाह पर, राजेश हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) से हवाई चप्पल, पशमीना शाॅल से लेकर एक महंगे हीरों का हार मांगना शुरू कर देती है। बिमलेश भी बेनी (विश्वनाथ चटर्जी) से महंगे-महंगे तोहफे मांगने लगती है। हप्पू और बेनी दोनों मिलकर अपनी-अपनी पत्नियों को सबक सिखाने की ठानते हैं!
योगेश त्रिपाठी ऊर्फ दरोगा हप्पू सिंह कहते हैं, ‘‘शांति बनाये रखने के लिये हप्पू हवाई चप्पल खरीद लेता है और यहां तक कि पैंतीस हजार की पशमीना शाॅल भी। लेकिन जब राजेश हीरों का हार मांगती है तो चीजें उसके हाथों से बाहर निकलने लगती हैं। बेनी भी परेशान रहता है, क्योंकि वह महंगे तोहफे खरीद नहीं सकता। इसलिये, दोनों पति अपनी पत्नियों को एहसास दिलाने का फैसला करते हैं। ये भौतिक चीजें कितनी गैरजरूरी हैं इसे बताने का उनका अंदाज इस ट्रैक को काफी दिलचस्प बना रहा है।‘‘
सबसे बड़ा रुपइया?
एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में पैसा मुख्य मुद्दा बन जाता है जब टीका, मल्खान, टिल्लू (वैभव माथुर, दीपेश बान और सलीम जै़दी) तीस करोड़ रुपये के ईनाम वाला लाॅटरी का टिकट खरीदते हैं! इस बीच मनमोहन तिवारी (रोहिताश्व गौड़) और विभूति नारायण मिश्रा (आसिफ शेख) अपने पैसों को लेकर डींगे मारते हैं। टीएमटी लाॅटरी जीत जाते हैं और विभूति और तिवारी को एकदम से पैसों की जरूरत आन पड़ती है। इसलिये वे उन तीनों से मदद मांगते हैं। इस मौके का फायदा उठाते हुए, टीएमटी उन्हें घर की साफ-सफाई और बाकी कामों में लगा देते हैं। आसिफ शेख ऊर्फ विभूति नारायण मिश्रा कहते हैं, ‘‘विभूति के लिये पैसा महत्व नहीं रखता, वहीं तिवारी जी को अपने पैसे पर बहुत घमंड है। उन्हें पैसे की जरूरत महसूस नहीं होती, जब तक कि उन्हें टीएमटी के 30 करोड़ रुपये की लाॅटरी जीतने की बात पता नहीं चलती। कई बार पैसा आपसे ऐसे काम करवाता है जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होता है। ऐसा ही कुछ विभूति और तिवारी के साथ हुआ है। अंत में एक मजेदार ट्विस्ट के साथ दर्शकों को इस ट्रैक में काफी मजा आने वाला है।‘‘
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