एण्डटीवी का शो ‘एक महानायक डाॅ बी.आर. आम्बेडकर‘ अपनी दमदार कहानी और बेहतरीन ड्रामा से हर सप्ताह दर्शकों का मनोरंजन कर रहा है। पिछले हफ्ते हमने देखा था कि युवा भीमराव ने बाल मजदूरी के खिलाफ कैसे आवाज उठाई थी और वो कुछ बच्चों को पढ़ाई शुरू करने के लिए समझाने में कामयाब भी हुए थे। हालांकि, खासतौर से बच्चों के पेरेंट्स ने उनका खूब विरोध किया। वहीं प्रचंड देव (गोविंद खत्री) ने भी भीमराव का जमकर विरोध किया। प्रचंड देव खुद को ऊँची जाति का संरक्षक और भगवान के बाद सबसे बड़ा मानता है।
जब प्रचंड देव को पता चलता है कि युवा भीमराव ऊँची जाति के बच्चों को बेहतर भविष्य के लिये पढ़ाई करने के लिये काफी प्रभावित कर रहा है, तब वह भीमराव के जीवन में भूचाल लाने की योजना बनाता है और क्रूरता पर उतर आता है।प्रचंड देव अपने आदमियों को बुलाता है और उन्हें भीमराव की चाॅल को तोड़ने का आदेश देता है। वे चाॅल में रहने वालों को बुरी तरह पीटते हैं, उनका खाना छीन लेते हैं और उनकी पत्नी रमाबाई (नारायणी महेश वरणे) का गला दबाते हैं, ताकि भीमराव इस क्रूरता के सामने झुक जाए। भीमराव और रमाबाई चाॅल छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं। इस स्थिति का फायदा उठाते हुए नरोत्तम जोशी को प्रचंड देव के रूप में एक साथी मिल जाता है, ताकि वह भीमराव से बदला ले सके। अब प्रचंड देव युवा भीमराव के खिलाफ अपने इरादों को अंजाम देने के लिए क्या करेगा?
युवा भीमराव के जीवन में प्रचंड देव जो कष्ट लाने जा रहा है, उसके बारे में प्रचंड देव का किरदार निभा रहे गोविंद खत्री ने कहा, ‘‘ प्रचंड देव की एंट्री से युवा भीमराव की जिंदगी में कई परेशानियाँ और चुनौतियाँ आएंगी। जब उसके रास्ते में भीमराव आएगा, तब विचारधाराओं का एक बड़ा टकराव होगा और वह भीमराव के जीवन में भूचाल लाने की योजना बनाएगा। अब उसे भीमराव और उसकी विचारधारा के खिलाफ काम करने के लिये नरोत्तम के रूप में एक साथी मिल गया है और वह भीमराव को नीचा दिखाने के लिये क्रूरता पर उतर आया है। हालांकि, प्रचंड देव जितने क्रूरतापूर्ण कदम उठाएगा, भीमराव उन चुनौतियों का उतना ही मजबूती से सामना करेगा, जिसमें उसका विकसित दृष्टिकोण, अदम्य अटलता और दृढ़ता नजर आयेगी। प्रचंड देव भीमराव की जिंदगी में जो तूफान लेकर आएगा, वह दर्शकों के लिए कहानी को बेहद भावुक एवं प्रेरणादायक बनाएगा।’’
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