कुंडली भाग्य‘ के संजय गगनानी को उनके फैंस बुलाते हैं ‘विलेनीरो‘ (विलेन-हीरो)

ज़ी टीवी के टॉप-रेटेड शो ‘कुंडली भाग्य‘ ने अपनी शुरुआत से ही दर्शकों को कई दिलचस्प मोड़ दिखाए हैं। इस शो में करण (धीरज धूपर) और प्रीता (श्रद्धा आर्य) की जिंदगी में चल रहा ड्रामा यकीनन दर्शकों में उत्सुकता जगा रहा है, खास तौर से करण के जेल से भागने के बाद इस शो में अनेक नाटकीय मोड़ देखने को मिल रहे हैं। असल में प्रीता को अब अपराधी की तलाश पहले से कहीं ज्यादा है और उसे पक्का यकीन है कि शर्लिन (रूही चतुर्वेदी) का अक्षय के कत्ल से कुछ संबंध है, जबकि शर्लिन हमेशा इससे इनकार करती रही है। इस बीच हमारे अपने पृथ्वी (संजय गगनानी) ड्रामा को और भड़का रहे हैं और वर्तमान स्थितियों को लेकर काफी संतुष्ट हैं। वो शर्लिन की मदद करने से भी इंकार कर देते हैं। जहां पृथ्वी वाकई खुश हैं, वहीं इस रोल के पीछे छिपे एक्टर यानी संजय गगनानी ने जब से ‘कुंडली भाग्य‘ में वापसी की है, तब से वो अपने रोल से काफी खुश हैं।

संजय खुद को खुशकिस्मत मानते हैं कि उन्हें ऐसी टीम मिली, जिसने उनके रोल को बखूबी गढ़ा और इसे दर्शकों का बहुत प्यार मिला। संजय को शुरू में लगा था कि दर्शक उनके इस किरदार से नफरत करेंगे या उसे नापसंद करेंगे। असल में उनका किरदार, हीरो और विलेन के गुणों का परफेक्ट संगम है और उनका मानना है कि उन्हें आसानी से नेगेटिव रोल में टाइपकास्ट नहीं किया जा सकता।
इस बारे में बताते हुए संजय ने कहा, ‘‘मेरे शो के दर्शकों ने मुझे ‘विलेनीरो‘ का नाम दिया है, जो विलेन और हीरो के लिए इस्तेमाल किया जाता है (हंसते हुए)। ऐसे में बहुत-से लोग मुझे विलेन के रूप में देखते हैं, बहुत-से अन्य हीरो समझते हैं और बाकी के लोग मुझे विलेन और हीरो दोनों मानते हैं।

दूसरे एक्टरों से अलग मैंने खुद को टाइपकास्ट होने से फिलहाल अलग रखा है। यह मेरा सौभाग्य कि मुझे स्क्रीन पर अपनी कोई छवि नहीं तोड़नी पड़ी। इसका पूरा श्रेय मेरी टीम को, खास तौर पर लेखकों को जाता है, क्योंकि उन्होंने मुझे इस तरह से प्रस्तुत किया कि इसमें सिर्फ मेरी हरकतें ही गलत दिखाई गईं।

यदि आप पृथ्वी मल्होत्रा को देखेंगे, तो वो खलनायक की तरह बिल्कुल नहीं दिखता और उसका लुक भी उसकी हरकतों से अलग नजर आता है। शो के दर्शक और प्रोड्यूसर बहुत इंटेलिजेंट हैं और इसलिए मुझे लगता है कि वो इसमें फर्क कर पाए और यह समझ पाए कि मेरा किरदार और मेरा व्यक्तित्व सिर्फ एक खलनायक होने तक सीमित ना रहे। सच कहूं तो मुझे टाइपकास्ट होने का कोई डर नहीं है, क्योंकि यदि मैं विलेन जैसा ना दिखते हुए भी विलेन के रोल में लिया जा सकता हूं तो मुझे यकीन है कि कोई भी प्रोड्यूूसर मेरे जैसे एक्टर को, जो विलेन का रोल निभा चुका है, हीरो के रोल में भी ले लेंगे।“

जहां संजय गगनानी इस शो में अपने किरदार का मजा ले रहे हैं, वहीं इस शो की खलनायिका शर्लिन कोर्ट में प्रीता के द्वारा खुद पर लगाए गए जायज़ आरोपों पर उसकी बुराई करके वर्तमान स्थिति में नया मोड़ लाएगी? क्या वो जज को विश्वास दिला पाएगी या फिर प्रीता को सच्चाई बताने का मौका मिलेगा?

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