इस सप्ताह एण्डटीवी के शो में अलग-अलग शोज के किरदार डबल ट्रबल में फंसकर दर्शकों को मनोरंजन की अतिरिक्त खुराक देने वाले हैं। एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ की कहानी के बारे में महासती अनुसुइया ने कहा, ‘‘नवरात्रि पूजा के दौरान ताड़कासुर (कपिल निर्मल) देवी पार्वती (शिव्या पठानिया) की पूजा खराब करने के लिये अपनी सेना भेजता है और दण्डपाणि भी महासती अनुसुइया (मौली गांगुली) की पूजा बिगाड़ने का प्रयास करता है। इस बीच देवी पार्वती महासती अनुसुइया के लिये प्रसाद भेजती हैं, लेकिन अजामुखी (सृष्टि माहेश्वरी) उसमें विष डाल देती है और वह प्रसाद खाकर अनुसुइया मूर्छित हो जाती हैं। देव और नारायण अपनी शक्तियों से उन्हें ठीक करने का प्रयास करते हैं, लेकिन विफल होते हैं। बाल शिव (आन तिवारी) को जब इस दुर्घटना के बारे में पता चलता है, तब वह गंधमदान पर्वत की ओर जाते हैं, ताकि अनुसुइया को ठीक करने के लिये औषधि ला सकें। क्या बाल शिाव उन्हें बचा पाएंगे?’’
एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है?‘ की कहानी के बारे में शांति मिश्रा ने कहा, ‘‘मिर्ज़ा (पवन सिंह) और मिश्रा (अंबरीश बाॅबी) अपना दैनिक भविष्यफल पढ़ने के बाद से परेशान हैं। हालांकि उनके अलावा मोहल्ले में हर कोई क्रिकेट खेलने का आनंद उठा रहा है। फिर बिट्टू (अन्नू अवस्थी) एक बुरी खबर लेकर आता है जिससे मिश्रा और मिर्ज़ा की परेशानी और बढ़ जाती है। बिट्टू मिर्ज़ा और मिश्रा को एक क्रिकेट मैच की चुनौती देता है और कहता है कि जो भी इस मैच में हारेगा, उसे अपना घर छोड़ना होगा। यह सुनकर मिर्ज़ा और मिश्रा डर जाते हैं, क्योंकि यह दांव उनकी हवेली पर लगा है। बिट्टू अपनी टीम की प्रैक्टिस और तैयारी शुरू करता है और मिर्ज़ा और मिश्रा को चिढ़ाता है, जिससे गुस्सा होकर वे दोनों उसे जवाब देने के लिये मैच खेलकर अपनी इज्जत बचाने का संकल्प लेते हैं। वे अपनी टीम में मजनू और आशिक के आने से खुश हैं, लेकिन जब बिट्टू उन्हें अपनी टीम में मिलाने के लिये काफी पैसा देने की बात कहता है, तब मिर्ज़ा और मिश्रा निराश हो जाते हैं। क्या वे मैच जीतकर अपनी हवेली को बचा पाएंगे?’’
एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कहानी के बारे में हप्पू सिंह ने कहा, ‘‘डीआईजी, हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) और मनोहर को गैंगस्टर राका को पकड़ने का निर्देश देते हैं। राका अपना हुलिया बदलने के लिये मशहूर है। डीआईजी वादा करते हैं कि जो भी राका को पकड़ेगा उसे ईनाम के तौर पर प्रमोशन मिलेगा और जो नाकामयाब होगा, उसका डिमोशन हो जाएगा। हप्पू तैयारी में जुट जाता है और सब को बता देता है कि राका को गिरफ्तार करने से उसका प्रमोशन होगा। इस बीच, राका बेनी (विश्वनाथ चटर्जी) के पास जाता है और उसे धमकाकर अपना वकील बना लेता है। अगले दिन हप्पू को पता चलता है कि बेनी राका का वकील है, तो वह बेनी को भावनाओं के जाल में फंसाकर राजी करने की कोशिश करता है, ताकि वह राका का पता बता दे। बेनी उसकी बात में आ जाता है और बताता है कि राका जल्दी ही इसी स्थान पर आएगा, लेकिन उसने साड़ी और स्पोर्ट्स शूज पहने होंगे। घर में हर कोई डरा हुआ है और फिर कमलेश (संजय चैधरी) को राका के कपड़ों में भेजने का फैसला किया जाता है, ताकि हप्पू को असली गैंगस्टर से बचाया जा सके। हप्पू के सामने खड़ी यह नई चुनौती देखने लायक है।’’
एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की कहानी के बारे में अनीता भाबी ने कहा, ‘‘विभूति (आसिफ शेख) के बेरोजगार होने के कारण अनीता (विदिशा श्रीवास्तव) सबके सामने उसकी बेइज्जती करती है। जिसके बाद वह अंगूरी (शुभांगी अत्रे) से सहानुभूति पाने की कोशिश करता है। अनीता अपने निजी संपर्क से विभूति को विनोद वर्मा के यहाँ स्टाफ मैनेजर बनवा देती है। टीएमटी भी डाॅक्टर, मास्टरजी और प्रेम के साथ काम करना शुरू कर देते हैं। इसके बाद चतुर्वेदी नाम का एक आदमी आता है और सबको बेरोजगार लोगों के लिये सरकार के 35,000 रूपये के भत्ते के बारे में बताता है। लालच के कारण सभी इस्तीफा देकर अपनी नौकरी छोड़ने लगते हैं। विनोद की पत्नी को तंग करने के कारण विभूति की नौकरी भी चली जाती है। चतुर्वेदी को धोखा देने के लिये तिवारी (रोहिताश्व गौड़) भी खुद को और अंगूरी को गरीब दिखाने की सोचता है, जबकि अम्मा को पैसे वाला दिखाया जाता है, ताकि चतुर्वेदी धोखा खाकर वजीफा दे। क्वालिफाई करने के लिये सभी (तिवारी, विभूति, टीका और मलखान) एक जगह पहुँचते हैं, जहाँ सामान्य-सा दिखने वाला एक आदमी चुस्पा आता है और उन सभी को एक टेम्पो में बैठाकर उनका अपहरण कर लेता है। उनके अपहरण के पीछे आखिर इस किडनैपर का असली इरादा क्या है?’’