• उद्योग, शिक्षा जगत, और अग्रणी सरकारी संगठनों को एक साथ लाने के लिए कंपनी ने नई दिल्ली में सेफ्टी पायोनियर्स कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, ताकि सहयोग व इनोवेट कर सड़क सुरक्षा बढ़ाई जा सके।
• इसमें एक आधुनिक परिवहन समाधान इंटेल ऑनबोर्ड फ्लीट सर्विसेज़ सॉल्यूशंस का प्रदर्शन किया गया, जो भारत के कमर्शियल फ्लीट के लिए कस्टम डिज़ाईन किए गए हैं और सुरक्षा, प्रेडिक्टेबिलिटी बढ़ाकर स्वामित्व की लागत में कमी लाते हुए सड़क पर चलने वाले लोगों की सुरक्षा करते हैं।
नया क्या हैः इंटेल ने भारत में सड़क सुरक्षा बढ़ाने का अपना लक्ष्य मजबूत करने के लिए टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करने के अपने लक्ष्य को मजबूत किया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी द्वारा आज नई दिल्ली में उद्घाटित सेफ्टी पायोनियर्स कॉन्फ्रेंस में इंटेल ने अग्रणी संगठन, जेसे टेक्नॉलॉजी एवं ट्रांसपोर्ट प्रदाता, वाहन निर्माता, शिक्षा जगत, और सरकारी संगठनों को एक साथ लाकर सहयोग करने और सड़क सुरक्षा की समस्याओं का समाधान करने का अवसर दिया। अपने अद्वितीय अनुभवों और क्षमताओं के साथ यह सहयोग न केवल सड़क पर जिंदगियां बचाने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा, बल्कि स्थानीय इनोवेशन को भी बढ़ावा देगा। सेफ्टी पायोनियर्स कॉन्फ्रेंस अग्रणी सड़क सुरक्षा समाधानों और टेक्नॉलॉजी, जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), एडैस, एवं विस्तृत प्रभाव उत्पन्न करने की क्षमता वाली अन्य विकसित होती टेक्नॉलॉजी प्रस्तुत करने के लिए एक मंच का काम करेगी।
सड़क सुरक्षा पर अपने फोकस को मजबूत करते हुए कंपनी ने इंटेल ऑनबोर्ड फ्लीट सर्विसेज़ (‘‘सॉल्यूशन’’) का प्रदर्शन किया, जो कमर्शियल वाहनों के लिए एक एआई-पॉवर्ड फ्लीट सेफ्टी समाधान है। अपनी तरह के पहले अभियान के रूप में यह विस्तृत समाधान विश्वस्तरीय एवं रोड टेस्टेड टेक्नॉलॅजी प्रस्तुत करता है, जो खास भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप विकसित की गई है। यह कोलिज़न एवॉयडैंस सिस्टम (कैस), ड्राईवर मॉनिटरिंग सिस्टम, फ्लीट टेलीमेटिक्स, फ्लीट हैल्थ, एवं फ्यूल एफिशियंसी फीचर्स प्रस्तुत करता है। यह समाधान 16 ग्राहक जैसे श्योर ग्रुप लॉजिस्टिक्स, संक्यू इंडिया लॉजिस्टिक्स, एलेनासंस विभिन्न सेक्टर्स जैसे हज़मत, गोल्ड चेन, थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल) और एम्प्लॉई ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल कर रहे हैं। देखने में आया है कि यह टेक्नॉलॉजी दुर्घटनाओं की संभावना में 40 से 60 प्रतिशत की कमी ला सकती है और एफिशियंसी के नुकसान में 50 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है।
इस कॉन्फ्रेंस और सड़क सुरक्षा के अभियानों के बारे में निवृति राय, कंट्री हेड, इंटेल इंडिया और वाईस प्रेसिडेंट, इंटेल फाउंड्री सर्विसेज़ ने कहा, ‘‘हमारे देश में सड़क सुरक्षा एक गंभीर समस्या रही है। यहां पर दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं की दर सबसे ज्यादा है। आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकें वाहनों को स्मार्ट व सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे सड़कें, परिवहन व्यवस्था और ड्राईवर्स सुरक्षित बनते हैं। सरकार, उद्योग एवं शिक्षा जगत से परिवेश के साझेदारों के साथ इंटेल टेक्नॉलॉजी की मदद से भारत को सड़क सुरक्षा के उद्देश्य प्राप्त करने में मदद करने के लिए काम कर रहा है। यह कॉन्फ्रेंस महत्वपूर्ण लोगों को सहयोग करने, इनोवेट करने और भारत में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक साथ लाने की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ा रही है।’’
यह कैसे काम करता हैः इंटेल ऑनबोर्ड फ्लीट सर्विसेज़ इन-केबिन डिवाईसेज़ के एक पोर्टफोलियो द्वारा पॉवर्ड है। इसमें एक अत्याधुनिक क्लाउड पोर्टल भी है, जिसमें एक्शनयोग्य जानकारी, एनालिटिक्स, और फ्लीट मैनेजर्स की रिपोर्ट शामिल हैं। इस समाधान में एआई बेस्ड कोलिज़न अवॉयडैंस सिस्टम्स में विश्व की अग्रणी कंपनी, मोबाईलआई की ओर से सर्वश्रेष्ठ एडवांस्ड ड्राईवर असिस्टैंस सिस्टम (एडैस) शामिल है। अपनी इंटीग्रेटेड प्रस्तुति के साथ इंटेल ऑनबोर्ड फ्लीट सर्विसेज़ क्लाउड पोर्टल द्वारा एफिशियंसी बढ़ाने, प्रिवेंटिव मेंटेनेंस संभव बनाने, और संचालन की लागत कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा पब्लिक सेक्टर के परिवहन संगठनों को यह समाधान अपनाकर दुर्घटना के मुआवजे के भुगतान में कमी लाकर काफी आर्थिक लाभ मिल सकता है।
इंटेल के समाधानों में एडवांस्ड टेलीमेटिक्स भी है, जिसमें वाहन के स्वास्थ्य एवं फ्यूल एनालिटिक्स के साथ अद्वितीय ड्राईवर स्कोरिंग और रेटिंग मॉड्यूल भी शामिल है। इससे फ्लीट मालिकों को दुर्घटनाओं और डाउनटाईम का जोखिम कम करने में काफी मदद मिल सकती है, और लक्षित इन्सेंटिवाईज़ेशन एवं रिवार्ड्स प्रोग्राम द्वारा ड्राईविंग की अच्छी विधियों को प्रोत्साहन मिल सकता है। इस समाधान का एक केंद्रीय पहलू ड्राईवर की कोचिंग है, जो कमर्शियल फ्लीट के लिए व्यक्तिगत कोचिंग प्रदान करने के लिए 15 अलग-अलग इनपुट एक्टिवेट करती है। इस कमर्शियल फ्लीट को हर बार दुर्घटना होने पर 25 दिनों तक के कार्यदिवस का नुकसान होता है।
यह जरूरी क्यों हैः भारत में सड़क दुर्घटनाओं की दर दुनिया में सबसे ज्यादा है। यहां पर दुनिया के 1 प्रतिशत वाहन हैं, लेकिन सड़क पर होने वाली मौतें 11 प्रतिशत हैं। भारतीय सड़कों पर हर एक मिनट में एक दुर्घटना होती है और हर घंटे 17 मौतें हो जाती हैं।10 दुर्घटनाओं में से छः दुर्घटनाओं में कमर्शियल फ्लीट शामिल होती है, जिसे ड्राईवर द्वारा समय पर कदम उठाकर रोका जा सकता है। कमर्शियल फ्लीट उद्योग को दुर्घटनाओं और फ्लीट खराब होने के कारण हर साल 48,000 करोड़ रु. तक का एफिशियंसी नुकसान होता है।
इसलिए आज टेक्नॉलॉजी एवं ट्रांसपोर्टेशन प्रदाताओं, वाहन निर्माताओं, शिक्षा जगत,और सरकार को गठबंधन कर तालमेल में काम करना बहुत जरूरी हो गया है, ताकि सड़क सुरक्षा की समस्या का मूल कारण पहचानकर उसका समाधान किया जा सके। सेफ्टी फर्स्ट का सिद्धांत अपनाकर साल 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं और सड़क पर होने वाली मौतों में 50 प्रतिशत की कमी लाने का मॉर्थ का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, साथ ही कमर्शियल फ्लीट ऑपरेटर्स को एफिशियंसी प्रदान कर एक व्यवसायिक उत्कृष्टता प्रदान की जा सकती है। एडवांस्ड टेक्नॉलॉजी जैसे एडैस, आईओटी आदि की क्षमताओं का इस्तेमाल कर ऑपरेशनल एफिशियंसी हासिल की जा सकती है और भारतीय फ्लीट बाजार के लिए इनोवेशन प्रस्तुत कर सड़क पर जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
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