तेजी से बदल रही आज की दुनिया में पर्यावरण का सुरक्षा बहुत जरूरी हो गई है और इसके लिये हमें लगातार ध्यान देने और जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत है। अपनी धरती मां की सुरक्षा और संरक्षण का प्रयास करना हम सभी के लिये पहले से ज्यादा महत्वपूर्ण है। वल्र्ड एनवायरनमेंट डे पर एण्डटीवी के कलाकार हर किसी से प्रकृति को अपनाने और उसका संरक्षक बनने तथा पर्यावरण की सुरक्षा की वकालत करने का आग्रह करते हुए प्रकृति माँ की भलाई के लिये अपनी विभिन्न पहलों के बारे में बता रहे हैं। ये कलाकार हैं मोहित डागा (‘दूसरी माँ’ के अशोक), हिमानी शिवपुरी (‘हप्पू की उलटन पलटन’ की कटोरी अम्मा) और रोहिताश्व गौड़ (‘भाबीजी घर पर हैं’ की मनमोहन तिवारी)। एण्डटीवी के शो ‘दूसरी माँ‘ में अशोक की भूमिका निभा रहे मोहित डागा ने कहा, ‘‘पर्यावरण और उसके बहुमूल्य संसाधनों का संरक्षण करना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। मैंने अपने रोजाना के रुटीन में कुछ बदलाव किये हैं और सक्रिय रूप से संसाधनों का संरक्षण कर रहा हूँ। इसमें आस-पास जाने के लिये वाहन के बजाए पैदल चलना शामिल है। इसके साथ ही घर पर मेरी पत्नी, बेटी और मैंने पानी बचाने के लिये नियम बनाए हैं, जैसे कि कपड़े हाथ से धोना, शाॅवर का इस्तेमाल और थालियाँ धोने के लिये डिशपैन का इस्तेमाल करना। इसके अलावा, हम सब्जियाँ और फल धोने के लिये पानी को रिपर्पज करते हैं और अपने घर के पौधों को पोषित करते हैं। मेरा पक्का मानना है कि बिजली की खपत की आदतें बदलकर और रोजाना के कामों को थोड़ा व्यवस्थित करके हम पर्यावरण के प्रति सचेत नागरिक बन सकते हैं।’’
‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा, यानि हिमानी शिवपुरी ने कहा, ‘‘पर्यावरण के अनुकूल काम करना हमारी धरती को सुरक्षित रखने में हमारा सबसे मजबूत साथी है। इसके लिये अपनी प्रतिबद्धता में, मैंने सचेत होकर कुछ काम किये हैं, जैसे कि सिंगल-यूज प्लास्टिक को कम करना, किराने की खरीदारी और रोजाना की जरूरतों के लिये बिना प्लास्टिक के विकल्प चुनना। काॅटन या जूट की थैलियाँ रखना मेरी आदत बन चुका है। इसके अलावा, मैं बहुत चमकदार लाइटिंग के बजाए एलईडी या सीएफएल बल्बों का इस्तेमाल कर बिजली बचाने को प्राथमिकता देती हूँ और वे लंबे समय तक चलने के साथ-साथ बिजली के मामले में सक्षम भी होते हैं। मुझे प्राकृतिक रोशनी भी पसंद है, जिससे बिजली की बचत होती है और धूप सेंकने का तो मजा ही कुछ और है। अपनी रोजाना की आदतों के असर को समझकर और छोटे-छोटे सुधार करके हम पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ा सकते हैं और बदलावों के लिये रास्ता बना सकते हैं।’’ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी, यानि रोहिताश्व गौड़ ने कहा, ‘‘रिसाइक्लिंग संसाधनों के संरक्षण का एक प्रभावी तरीका है। हर किसी चीज को कूड़े में फेंक देने के बजाए मेरा परिवार और मैं प्लास्टिक, कागज और मेटल के कचरे को अलग करते हैं और उन्हें उनके कचरादान में रखते हैं और मैं भरोसे के साथ इस आदत पर चलता हूँ। इसके अलावा, मैं पौधारोपण में सक्रियता से भाग लेता हूँ, क्योंकि साफ हवा के संरक्षण में उसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। सबसे महत्वपूर्ण, दोबारा इस्तेमाल होने लायक डब्बों और पानी की बोतलों के इस्तेमाल के लिये मेरे परिवार की प्रतिबद्धता कचरे को कम करने का हमारा सबसे प्रभावी प्रयास है। यह सभी काम मिलकर हमारी धरती मां के स्थायी भविष्य में योगदान देते हैं।’’