कलाकारों ने गणित के साथ अपने समीकरण बताए!

गणित सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक है और हर व्यक्ति की रोजमर्रा की जिंदगी में इसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। कुछ स्टूडेंट्स को एल्गोरिदम्स, कंप्यूटेशंस और इक्वेशंस हल करने में मजा आता है, तो कुछ के लिये यह किसी बुरे सपने से कम नहीं होता है। भारत में महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के सम्मान में हर साल 22 दिसंबर को नेशनल मेथमैटिक्स डे मनाया जाता है। इस मौके पर एण्डटीवी के कलाकारों ने गणित के साथ अपने संघर्षों और मजेदार वाकयों के बारे में बताया। यह कलाकार हैं नेहा जोशी (यशोदा, ‘दूसरी माँ’), हिमानी शिवपुरी (कटोरी अम्मा, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और आसिफ शेख (विभूति नारायण मिश्रा, ‘भाबीजी घर पर हैं’)। एण्डटीवी के शो दूसरी माँ में यशोदा की भूमिका निभा रहीं नेहा जोशी ने कहा, ‘‘मुझे गणित हमेशा से पसंद रहा है, चाहे यह एलजेब्रा हो या फिर ज्योमेट्री। गणित ही ऐसा विषय था, जिसमें मुझे जवाब रटने नहीं पड़ते थे। मुझे गणित के प्राॅबलम्स हल करने में मजा आता है और मैं घंटों ऐसा कर सकती हूँ। गणित से चिढ़ने वाले मेरे दोस्त मुझे अपना पूरा मैथ होमवर्क करते देखकर चैंक जाते थे। मेरे पिता और भाई भी गणित में अच्छे थे और उन्होंने हमेशा मेरी मदद की। मेरा मानना है कि गणित में तार्किक चिंतन चाहिये और इससे समस्याओं को हल करने का हुनर विकसित होता है। एक विषय के तौर पर गणित चुनौती वाला हो सकता है, लेकिन इससे खुशी भी मिलती है। गणित से हमें उम्मीद मिलती है कि हर समस्या का एक समाधान होता है।’’

एण्डटीवी के शो ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में कटोरी अम्मा बनीं हिमानी शिवपुरी ने कहा, ‘‘जब मैं स्कूल में पढ़ती थी तो गणित मेरे लिये एक बुरे सपने जैसा था। चूंकि मुझे गणित से डर लगता था, इसलिये मैंने संस्कृत विषय को चुना (हंसती हैं)। मुझे गणितीय गणनाएं करना पसंद नहीं है और मैं ज्यादातर स्थितियों में अंकों से बचती हूँ। मुझे याद है कि एक बार यूनिट टेस्ट में मुझे गणित में पासिंग माक्र्स ही मिले थे और मैंने अपने पैरेंट्स से रिजल्ट छुपाया था। बाद में मेरे पिताजी को पता चल गया और उन्हें लगा कि गणित मेरे लिये नहीं है और फिर उन्होंने मेरे पढ़ाई के फैसले मुझे ही लेने दिये।’’ एण्डटीवी के शो ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में विभूति नारायण मिश्रा बने आसिफ शेख ने कहा, ‘‘मैं अब भी हैरान हो जाता हूँ कि मैं 10वीं कक्षा तक गणित कैसे पढ़ पाया। बोर्ड होने के बाद मैंने कभी गणित की ओर नहीं देखा; मुझे केवल एक ही तरह के नंबर रोमांचित करते थे और वह थे मेरे क्रिकेट रन स्कोर्स (हंसते हैं)। एलजेब्रा, ट्रिग्नोमेट्री और ज्योमेट्री मुझे परमाणु बम जैसे लगते थे और मुझे उनसे हमेशा डर लगता था। मुझे गणित की जो बेसिक जानकारी है, उससे मैं खुश हूँ, जैसे कि मौलिक गणनाएं, लेकिन टेक्नोलाॅजी के कारण हमें अब उसकी जरूरत भी नहीं है। हालांकि, गणित बहुत महत्वपूर्ण विषय है और हर किसी को कम से कम बेसिक्स सीखने चाहिये। यह विषय आपको तार्किक ढंग से सोचने देता है और यह हमारी सारी मूलभूत समस्याओं का एक समाधान है।’’

getmovieinfo.com

Related posts