‘‘अपने खाली वक्त में कुछ पढ़ें या कुछ नया सीखें‘‘‘तेरी मेरी इक्क जिंदड़ी‘ के मनोज चंदीला का अचूक फॉर्मूला

ज़ी टीवी का शो ‘तेरी मेरी इक्क जिंदड़ी‘ अलग-अलग मिजाज के दो इंसानों – माही (अमनदीप सिद्धू) और जोगी (अध्विक महाजन) की अनोखी प्रेम कहानी के साथ अपने पहले एपिसोड से ही दर्शकों का खूब मनोरंजन कर रहा है। हाल ही में इन दोनों के मिलन को दर्शकों ने बहुत पसंद किया, वहीं पप्पूजी (मनोज चंदीला) भी कहानी में लगातार नए मोड़ ला रहे हैं। असल में मनोज अपने किरदार को सबसे बढि़या तरीके से दिखाना चाहते हैं और इसके लिए वो बहुत मेहनत भी कर रहे हैं। वैसे, मनोज अपने खाली वक्त में किताबों में खो जाते हैं।

हालांकि मनोज ने अपनी जिंदगी में काफी आगे चलकर पढ़ना शुरू किया था, लेकिन अब उन्हें पढ़ने का जबर्दस्त शौक हो गया है। ‘तेरी मेरी इक्क जिंदड़ी‘ के सेट पर ब्रेक के दौरान वो अक्सर कुछ ना कुछ पढ़ते नजर आते हैं। उनकी रूचियों में फिक्शन, नॉन-फिक्शन और आध्यात्मिक जैसे विषय शामिल हैं। किसी भी किताब को खत्म किए बिना उसे छोड़ना उनके लिए नामुमकिन है। किताब पढ़ने की अपनी आदत को लेकर मनोज ने कहा, ‘‘मैंने शुरुआत में काल्पनिक किताबें पढ़ना शुरू कीं, खास तौर पर चेतन भगत की किताबें। उनके कई शीर्षक पढ़ने के बाद मैंने खालिद हुसैनी की किताबें पढ़ीं और फिर मैं उनके काम का फैन हो गया। खास तौर पर मुझे उनकी ‘द काइट रनर‘ बहुत पसंद आई। वैसे तो यह किताब थोड़ी गंभीर थी, लेकिन यह वाकई ऐसी किताब थी, जिसे मैं छोड़ नहीं सकता था।‘‘

कुछ किताबों के नाम सुझाते हुए मनोज ने कहा, ‘‘जब से मैंने नॉन-फिक्शन किताबें पढ़ना शुरू किया है, तब से ही मुझे पढ़ने का बेहद शौक है। असल में मुझे लगता है कि तीन किताबें सभी को जरूर पढ़नी चाहिए। ये किताबें हैं – डैनियल कहनेमन की ‘थिंकिंग फास्ट एंड स्लो‘, रॉबर्ट ग्रीन की ‘मास्टरी‘ और उनकी ही लिखी ‘द लॉज़ ऑफ ह्यूमन नेचर‘। तीनों किताबें बड़ी खूबसूरती से लिखी गई हैं, जिनमें इंसानी दिमाग के काम करने और जिंदगी की अलग-अलग परिस्थितियों का सामना करने को लेकर गहरे विचार हैं। बीते कुछ महीनों से आध्यात्मिक किताबों में भी मेरी दिलचस्पी जागी है। इस विषय पर मैंने जो सबसे पहली किताब पढ़ी, वो थी परमहंस योगानंद की ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी‘, जो आंखें खोल देने वाली किताब थी। इसके बाद मैंने भागवत गीता भी पढ़ी। इसी श्रेणी में मैंने एक और किताब ऑर्डर की, जो सद्गुरु की लिखी ‘कर्मा‘ है। मैंने अभी यह किताब पढ़ना शुरू नहीं किया है, लेकिन मुझे यकीन है कि यह एक बेहतरीन अनुभव होगा। मैं पढ़ने के शौकीन सभी लोगों को ये पांच किताबें पढ़ने की सलाह दूंगा।‘‘

वर्तमान में कोविड और लॉकडाउन का माहौल देखते हुए बहुत-से लोगों में तनाव और चिंताएं भर गई हैं। ऐसे में मनोज मानते हैं कि पढ़ने की आदत डालकर आप अपने मन को शांत रख सकते हैं। असल में इस एक्टर ने अपने सभी फैंस और दर्शकों को एक खास संदेश भी दिया। मनोज ने कहा, ‘‘एक संज्ञा है, जिसे ‘मेंटल डाइट‘ कहा जाता है। इसमें हमें इस बात को लेकर जागरूक रहना होता है कि हमें क्या देखना है और जीवन में क्या अपनाना है। ऐसा करके हम हमेशा देखकर, सुनकर या पढ़कर ज्ञान हासिल कर सकते हैं। मेरा मानना है कि हमें अपने अतिरिक्त समय का इस्तेमाल कुछ जानकारी हासिल करने या कुछ नया सीखने में करना चाहिए। बोरियत के आदी कतई ना बनें। अपने खाली वक्त में कोई किताब पढ़ें या कुछ नया सीखें, क्योंकि जब इस हुनर को आजमाने का वक्त आएगा, तब शायद आपके पास इसे सीखने का वक्त ना हो।‘‘

वैसे, हम भी मनोज से पूरी तरह सहमत हैं। तो जहां आप भी कुछ नया सीखने की शुरुआत करें, वहीं माही की जिंदगी में आने वाले नए उतार-चढ़ाव देखना ना भूलें क्योंकि अब वो मिस अमृतसर प्रतियोगिता में अपनी बहन के खिलाफ मुकाबला करने की तैयारी में है।

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