एण्डटीवी के शोज ‘भीमा‘, ‘अटल‘, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में इस सप्ताह कुछ नाटकीय और मजेदार कहानियां देखने के लिये तैयार हो जाईये। एण्डटीवी के ‘भीमा‘ में मेवा का किरदार अदा कर रहे अमित भारद्वाज ने कैलाशा बुआ (नीता मोहिन्द्रा) और उसके बेटे कालिका सिंह के हाथों भीमा द्वारा झेली जा रही परेशानियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘‘गया को झूठे आरोप से बचाने के बाद, भीमा पढ़ाई करने का सपना देखना छोड़ देती है और अपनी किताबें फेंकने जाती है। हालांकि, बाबासाहेब समय पर आकर उसे यह कदम उठाने से रोक लेते हैं।‘‘ इसके अलावा, परीक्षा की तारीखों की घोषणा हो चुकी है और अब भीमा को पढ़ाई से रोकने का ड्रामा शुरू होता है। अमित भारद्वाज ने आगे कहा, ‘‘कैलाशा बुआ अब हर संभव कोशिश कर रही है कि भीमा किसी भी तरह से पढ़ाई करने या अपनी परीक्षायें देने में सक्षम नहीं हो पाये।‘‘ एण्डटीवी के ‘अटल‘ में कृष्णा देवी का किरदार निभा रहीं नेहा जोशी ने कहा, ‘‘कृष्णा देवी, अपने पति कृष्ण बिहारी वाजपेयी से स्पष्ट निर्देश मिलने के बाद, अटल के पास जाती हैं और उनसे शादी का वचन मांगती हैं। अटल अपनी मां की इस मांग को स्वीकार कर लेता है, जिसके बाद कृष्ण बिहारी अटल के लिए एक उपयुक्त लड़की ढूंढने का वादा करते हैं। वहीं दरोगा जतिन भाटिया, दूसरी ओर, अटल और उसके परिवार के लिए और मुश्किलें खड़ी करने वाली किसी लड़की से अटल की शादी कराने की साजिश रचता है।‘‘
एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की आगामी कहानी के बारे में बताते हुये राजेश ने कहा, ‘‘ मास्टरजी (विजय कुमार सिंह) का कुछ कागजी काम काफी समय से अटका हुआ है, लेकिन दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) उसे सिर्फ एक फोन कॉल से हल कर देता है। हप्पू की इस कार्यक्षमता से प्रभावित होकर मास्टरजी उसे आगामी स्कूल समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करते हैं। हालांकि, हालात तब बदल जाते हैं जब हप्पू को एक महिला की फर्जी कॉल आता है, जो उसे एक होटल में बुलाती है। वहां, वह महिला हप्पू की कुछ तस्वीरें लेती है और उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर देती है। महिला की मांग है कि हप्पू जेल से कैदी नंबर 9211 को भागने में मदद करे, वरना वह उसकी तस्वीरें उसकी पत्नी को भेज देगी। इस ब्लैकमेलिंग से परेशान हप्पू कमिश्नर (किशोर भानुशाली) से मदद मांगता है, जो एक योजना बनाता है। वह हप्पू को सलाह देता है कि वह एक कैदी के रूप में वेश बदलकर 9211 को भागने में मदद करे, और आश्वासन देता है कि मिशन पूरा होते ही वह हप्पू को सुरक्षित बाहर निकाल लेगा। हप्पू इस योजना के अनुसार चलता है, लेकिन जैसे ही वह भागने वाला होता है, जेलर उसे पकड़ लेता है और उसकी पिटाई कर देता है। हप्पू अपने सीक्रेट मिशन की सच्चाई बताने की कोशिश करता है, यह खुलासा करते हुए कि वह दरोगा हप्पू सिंह है, और जेलर से अनुरोध करता है कि वह उसकी बेटी, मलाइका(सोनल पंवार), जो कि एसीपी है, से इस बात की पुष्टि करे। जेलर मलाइका से संपर्क करता है, लेकिन वह कमिश्नर से बात करने की जिद करता है। दुर्भाग्यवश, कमिश्नर को सिर पर गमला लगने से चोट लगी है, जिसके कारण वह कोमा में हैं, जिससे सभी में हड़कंप मच जाता है। कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी), जो अपने बेटे को बचाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं, अगले दिन सुबह जेल जाने का वचन देती हैं। क्या अम्मा अपने बेटे को छुड़ाने और स्थिति को सुलझाने में कामयाब होंगी? एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की आगामी कहानी के बारे में बताते हुये, विभूति नारायण मिश्रा ने कहा, ‘‘ तिवारी (रोहिताश्व गौड़) टिल्लू (सलीम जैदी) की सैलरी देने से इनकार कर देता है, जिससे टीका (वैभव माथुर) और टिल्लू पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हैं। जब दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) तिवारी को गिरफ्तार करने आता है, तो तिवारी उसे रिश्वत दे देता है, जिसके बाद हप्पू उसका साथ देता है और टीका-टिल्लू की शिकायत को नजरअंदाज कर देता है। बदला लेने के लिए, टीका और टिल्लू तिवारी की दुकान में चोरी-छिपे घुसकर उसका फोन चुरा लेते हैं और अनीता (विदिशा श्रीवास्तव) की रील पर एक कमेंट पोस्ट कर देते हैं। जब तिवारी व्यक्तिगत रूप से अनीता की रील की तारीफ करने जाता है, तो अनीता उसे खूब डांटती है और उसे घर से बाहर निकाल देती है। अपमानित होकर, अनीता विभूति (आसिफ शेख) से कहती है कि वह शर्मिंदा महसूस कर रही है और कॉलोनी छोड़ना चाहती है। इस बीच, प्रेम (विश्वजीत सोनी), जिसने हाल ही में एक रियल एस्टेट बिजनेस शुरू किया है, अनीता को एक नया घर ढूंढने में मदद की पेशकश करता है। दूसरी ओर, जब अंगूरी (शुभांगी अत्रे) को पता चलता है कि उसके पति लड्डू के भैया ने अनीता का अपमान किया है, तो वह अम्मा (सोमा राठौड़) को बुलाती है। अम्मा इसे सिर्फ अनीता का ही नहीं, बल्कि इसे सभी महिलाओं का अपमान मानती हैं और अंगूरी को सभी पुरूषों के साथ बुरा व्यवहार करने का आदेश देती हैं। अंगूरी विभूति और बाकी पुरूषों का अपमान करना शुरू कर देती है।‘‘