वर्ष 2021 अमोल पाराशर के लिए क्रांतिकारी साबित हुआ, क्योंकि इस दौरान अभिनेता तीन विविध और सफल प्रोजेक्ट्स का हिस्सा थे। ये प्रोजेक्ट्स सही मायनों में उन्हें अपने कम्फर्ट जोन से परे ले गए, इतना ही नहीं, दर्शकों से उन्हें गहनता से रूबरू कराने में भी कारगर सिद्ध हुए। ‘फील्स लाइक इश्क’ का प्यारा जय हो, ‘सरदार उधम’ के शहीद भगत सिंह या ‘कैश’ का अरमान, अमोल ने प्रत्येक भूमिका के माध्यम से अपने दर्शकों को खूबसूरत बंधन में बाँध लिया है। 2022 में उनका इरादा इसी क्रम को जारी रखने का है और इस यात्रा में उनका पहला प्रोजेक्ट सुभाष घई की ’36 फार्महाउस’ है।
खास बात यह है कि सुभाष घई सात वर्षों बाद इस फिल्म के माध्यम से वापसी कर रहे हैं, लेकिन वे इसे वापसी के रूप में नहीं देखते हैं। वे कहते हैं, “वापसी कभी नहीं होती है। या तो यह एक पड़ाव है या आप एक निश्चित बिंदु पर खुद को फिर से खोजते हैं, जहाँ आप एक नई उड़ान भरना चाहते हैं।” 40 वर्षों तक अपना ध्यान फिल्म निर्माण पर केंद्रित करने के बाद, उन्होंने पूरा जोर अपनी संस्था, व्हिस्लिंगवुड्स इंटरनेशनल की स्थापना पर लगाया।
घई ने खुलासा किया कि उन्होंने ’36 फार्महाउस’ लॉकडाउन के दौरान लिखी, और इसके लिए कास्टिंग करना उनके लिए काफी आसान रहा। वे साझा करते हैं, “मेरे लिए लेखक-निर्माता के रूप में संजय मिश्रा और विजय राज को वरिष्ठ भूमिकाएँ निभाने के लिए अनुभवी अभिनेताओं के रूप में कास्ट करना काफी आसान था। लेकिन मुझे एक युवा टीम के लिए भी उपयुक्त कास्ट चाहिए थी। मैं अपना नाम बना चुके स्टार के बजाए किसी मंच या संस्थान से एक अच्छा अभिनेता चाहता था, और तभी मेरी मुलाकात अमोल से हुई।”
फिल्म निर्माता का परिचय युवा अभिनेता से उनके कार्यकारी निर्माता विशाल गाँधी ने कराया था। वे कहते हैं, “मुझे पता था कि मैं एक बहुत ही साधारण लड़के से मिल रहा हूँ, जिसकी आँखों और उसकी आवाज़ में बहुत गहराई है। वह चुपचाप बैठा हुआ था, मुश्किल से बात करता था, लेकिन जब भी मैं उसे किरदार के बिंदु के बारे में बताया, वह धीरे से मुस्कुरा देता था। और बस फिर क्या था, मैंने उसे कास्ट कर लिया। हालांकि, मैंने ओटीटी पर उनका पिछला काम कभी नहीं देखा था, मुझे पता था कि मैं एक अच्छे अभिनेता से मिल रहा हूँ, जो एक मेहनती लेकिन बेरोजगार टेलर मास्टर के संघर्ष को सही आयाम दे सकता है, जिस पर उसके परिवार का बोझ है, लेकिन फिर भी वह मुस्कुरा रहा है। एक बार जब दर्शक फिल्म देख लेंगे, तो वे समझ जाएंगे कि मेरे कहने का क्या मतलब है। मैंने जो कहा, उसे जानने के लिए आपको अमोल को ’36 फार्म हाउस’ में देखना होगा। वे बेहद गहन और कैमरे के सामने सहज अभिनेता हैं।”
अमोल नई पीढ़ी के अभिनेताओं में से एक हैं और घई का मानना है कि अमोल सहित इस पीढ़ी के पास देने के लिए बहुत कुछ है। वे कहते हैं, “सेट पर, वे एक बहुत ही सरल अभिनेता थे, और अपने में रहते थे। मैं सोच रहा था कि वे फिल्म की अलग-अलग परिस्थितियों में किरदार की अलग-अलग परतों को निभा पाएंगे या नहीं, लेकिन उन्होंने इसे बहुत ही शांत तरीके से निभाया। जब भी वे थोड़े डगमगा रहे थे, मैंने उन्हें सचेत किया और उन्होंने बेहद उत्कृष्टता के साथ इस पर काम किया। वे जरा-सा भी इशारा समझ जाते हैं और उसी के अनुसार प्रतिक्रिया देते हैं। उन्होंने चार अलग-अलग किरदारों- अपने पिता संजय मिश्रा, उनकी बॉस गर्ल बरखा सिंह, एक अभिमानी व्यक्ति विजय राज और एक दयालु बूढ़ी महिला, माधुरी भाटिया के साथ चार अलग-अलग समीकरणों को बखूबी चित्रित किया, और साथ ही हर बार बेहद शानदार प्रतिक्रिया दी।”
’36 फार्म हाउस’ के कलाकारों में कई दिग्गज और प्रसिद्ध नाम शामिल हैं, लेकिन घई का कहना है कि ऐसी कंपनी में भी अमोल और बरखा अपनी पहचान बनाने में सक्षम थे। वे कहते हैं, “वे दोनों दिग्गजों की तरह ही सक्षम हैं। दोनों ने आपस में प्यार को दर्शाते हुए बहुत अच्छी केमिस्ट्री देने की कोशिश की है।”
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