हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। हिन्दी का अपना एक अलग आकर्षण है एवं यह लाखों दिलों में बसी हुई है और हिन्दी दिवस भाषा को लेकर उनके इसी प्रेम को दर्शाता है। हिन्दी सिर्फ रोजाना इस्तेमाल में आने वाली एक भाषा ही नहीं है, बल्कि इसकी दुनिया बेहद मजेदार एवं अद्भुत है, जो खासतौर से इसके मशहूर टंग ट्विस्टर्स के माध्यम से नजर आती है और इसका एक मजेदार पहलू दिखाती है। एण्डटीवी के कई कलाकारों के लिये हिन्दी टंग ट्विस्टर्स हिन्दी में बातचीत करने, हास्य का आनंद उठाने और कुछ सीखने का एक मजेदार साधन बन गये हैं। इन कलाकारों में शामिल हैं आयुध भानुशाली (‘दूसरी मां‘ के कृष्णा), हिमानी शिवपुरी (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा) और रोहिताश्व गौड़ (‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी)। आयुध भानुशाली ऊर्फ ‘दूसरी मां‘ के कृष्णा का कहना है, ‘‘हिन्दी स्कूल में मेरा पसंदीदा विषय है और मुझे हिन्दी की कहानियां एवं कवितायें पढ़ने में बहुत मजा आता है। मेरी हिन्दी टीचर हमें अक्सर टंग ट्विस्टर्स सिखाती रहती हैं, ताकि हम इस भाषा में और भी निपुण हो सकें। शुरूआत में मुझे बहुत चिढ़ होती थी, क्योंकि मैं उन्हें सही से बोल नहीं पाता था, लेकिन अब मुझे इसमें बहुत मजा आता है। मेरा अब तक का सबसे पसंदीदा टंग ट्विस्टर है ‘‘पके पेड़ पर पका पपीता, पका पेड़ या पका पपीता, पके पेड़ को पकड़े पिंकू, पिंकू पकड़े पका पपीता।‘‘ मैं इसे एकदम अच्छे से बोलने की पूरी कोशिश करता हूं, लेकिन मेरा आखिर वाला ‘‘पका पपीता‘‘ अक्सर ‘‘पापा पकीता‘‘ हो जाता है। अपने प्रयासों को देखते हुये मैंने इस टंग ट्विस्टर को बोलने का काम नेहा दीदी (यशोदा) को दिया था और मैं यह देखकर हैरान रह गया कि उन्होंने पहली बार में कितने अच्छे से इसे बोल दिया था। सबसे मजेदार बात यह हुई कि इसके बाद मैंने सेट पर हर किसी को यह टंग ट्विस्टर्स दोहराते हुये देखा। पूरी टीम को इसे अच्छे से बोलने की कोशिश करते देखना बहुत मजेदार अनुभव था।‘‘
हिमानी शिवपुरी ऊर्फ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा कहती हैं, ‘‘हिन्दी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मशहूर है। मेरे पिता हिन्दी और संस्कृत के प्रोफेसर थे और इस नाते मेरा इस भाषा के साथ एक गहरा जुड़ाव है। एक कलाकार के रूप में, मुझे उस समय बेहद गर्व महसूस होता है, जब हिन्दी गीतों, गानों और हाइमन्स को विभिन्न मशहूर रैप एवं पाॅप म्यूजिक कलाकारों द्वारा अपनाया एवं इस्तेमाल किया जाता है। मेरी फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम‘ में एक मशहूर टंग ट्विस्टर था, ‘‘चंदू के चाचा ने, चंदू की चाची को, चांदनी-चैक में, चांदनी रात में, चांदी के चम्मच से चटनी चटाई।‘‘ यह बहुत मशहूर हुआ था और मुझे याद है कि सभी बच्चे एवं टीनेजर्स इसका इस्तेमाल अपने गेम्स में करते थे और एक-दूसरे को फटाफट इसे बोलने की चुनौती देते थे। इससे एक प्रसिद्ध अलबम भी बनाया गया था, जो काफी हिट हुआ था। हिन्दी वाकई में सीखने योग्य एक अद्भुत भाषा है और आज के बच्चों को अंग्रेजी की तरह ही हिन्दी भी सीखनी चाहिये और उसका आनंद उठाना चाहिये।‘‘ रोहिताश्व गौड़, ऊर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी ने कहा, ‘‘मेरी हिन्दी बहुत अच्छी है और एक थिएटर आर्टिस्ट होने के नाते, हमें हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही धाराप्रवाह बोलने की ट्रेनिंग दी जाती है। हालांकि, एक समय ऐसा भी था, जब डायलाॅग बोलने में मेरी जुबान लड़खड़ा जाती थी। मुझे याद है कि अपने एक ‘प्ले‘ के लिये मुझे एक डायलाॅग बोलना था, जो कुछ इस तरह था- ‘तोला राम ताला तोल के तेल में तुल गया, तुला हुआ तोला ताले के तले हुये तेल में तला गया।‘ अपने रिहर्सल्स के दौरान, मैंने लगभग 90 से 100 बार इसकी प्रैक्टिस की। उस समय मेरे लिये इस तरह का टंग ट्विस्टर बोलना बेहद मुश्किल काम था। लेकिन समय के साथ मैंने हिन्दी भाषा पर अपनी पकड़ बढ़ाई और आज मैं कोई भी टंग ट्विस्टर्स बिना किसी परेशानी या गलती से फटाफट बोल सकता हूं और वह भी पूरे आत्म विश्वास के साथ। मेरा मानना है कि हमारी हिन्दी भाषा दिलचस्प और बहुत मजेदार है। अपने शो ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अपने पड़ोसी विभूति मिश्रा (आसिफ शेख) को परेशान करने के लिये मैं ऐसे टंग ट्विस्टर्स बोलता रहता हूं। हमारे एक एपिसोड के लिये हम एक-दूसरे को छेड़ने के लिये इस टंग ट्विस्टर का इस्तेमाल कर रहे थे-‘डाली डाली पे नजर डाली, किसी ने अच्छी डाली, किसी ने बुरी डाली, जिस डाली पे मैंने नजर डाली, वही डाली किसी ने तोड़ डाली। हम एक-दूसरे के किरदारों को परेशान करने और मस्ती करने के लिये हमारे डायलाॅग्स में इन टंग ट्विस्टर्स का इस्तेमाल करते रहते हैं (हंसते हैं)। मेरी तरफ से आप सभी लोगों को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।‘‘