सोमा राठौड़ जोकि एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अम्मा जी का किरदार निभा रही हैं, स्क्रीन पर सिर्फ एक मनोरंजक किरदार ही नहीं हैं। असल जिंदगी में उन्हें पशुओं से बहुत प्यार है और उन्होंने जरूरतमंद पशु-पक्षियों के लिये अपने दिल और घर के दरवाजे खोल दिये हैं। अपनी करुणा से प्रेरित होकर, उन्होंने दो बत्तखों और तीन कुत्तों को अपने घर में आश्रय दिया है, और वो उन्हें प्यार और सुरक्षित ठिकाना प्रदान कर रही हैं। अपनी इस नेकदिली से वह इन पशु-पक्षियों के लिये चैम्पियन बन गई हैं और इन बेजुबान जीवों की आवाज बन रही हैं। वह अपने सोशल मीडिया चैनलों के जरिये दूसरों को भी दयालुता दिखाने और सभी जीवों के प्रति दया का भाव रखने के लिये प्रेरित करती हैं।
पशु-पक्षियों के संरक्षण के बारे में विस्तार से बताते हुये सोमा राठौड़ ऊर्फ अम्मा जी कहती हैं, ‘‘बचपन से ही मुझे पशु-पक्षियों से बहुत लगाव रहा है। मैंने अनगिनत जीवों की रक्षा की है और उन्हें आश्रय दिया है। इनमें तरह-तरह के पक्षियों और खरगोश से लेकर बिल्लियां और कुत्ते शामिल हैं। मेरे पिता को भी पशुओं से बहुत प्यार था और मेरे इस पैशन को आगे बढ़ाने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने एक मार्गदर्शक की तरह हमेशा मुझे रास्ता दिखाया। पशुओं से जुड़ी दिल दहला देने वाली घटनाओं को देखने के बाद, मैंने पशु कल्याण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने का फैसला किया। बतौर कलाकार, मुझे हमारे दमदार प्रभाव के बारे में पता है और मुझे वाकई में लगता है कि हमें अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल किसी बड़े उद्देश्य को पूरा करने में जरूर करना चाहिये। मैं पशुओं की रक्षा और उनके कल्याण के बारे में दूसरों को शिक्षित एवं प्रेरित करने के लिये अपने वीडियोज एवं सोशल मीडिया पोस्ट का इस्तेमाल करने के लिये प्रतिबद्ध हूं। पशु बचाव पहलों से पशुओं को बचाने, पशु कल्याण मुद्दों के प्रति जागरूकता फैलाने, पशु-पक्षियों के बचाव के लिये और सख्त कानून का समर्थन करने और रिस्पाॅसिंबल पेट ओनरशिप को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।‘‘ पालतू पशु-पक्षियों के बचाव के बारे में और विस्तार से बताते हुये, सोमा ने आगे कहा, ‘‘मैं पांच अद्भुत पेट्स के साथ रहती हूं और उन सबकी अपनी एक अनूठी कहानी है। इसकी शुरूआत तब हुई, जब मैंने दो बत्तखों को एक पिंजरे में कष्टमय जीवन बिताते हुये देखा। मुझे ऐसा लगा कि मैं उन्हे बचाऊं और मैंने उनका नाम मोंटू और लक्ष्मी रखा। मेरे पास तीन डाॅग्स भी हैं: जेंटज-एक लैब्राडोर और शेरू-एक इंडीब्रीड, जिन्हें मैंने शेल्टर्स से गोद लिया था और सोनू-जो मेरी जिंदगी में मेरी को-स्टार चारूल मलिक (रूसा) की नेकदिली के जरिये आया। उसे जब सोनू की देखभाल करने में परेशानी का सामना करना पड़ा, तो उसने उसे मुझे सौंप दिया। मेरे इन पांच दोस्तों ने अपने अनूठे व्यक्तित्व और व्यवहार से मेरी जिंदगी को अपने प्यार से सराबोर कर दिया है। मोंटू और लक्ष्मी को उनकी जरूरत की हर चीज मिले, यह सुनिश्चित करने के लिये मैंने घर पर ही एक खूबसूरत तालाब बनवाया है, जिसे मेंटेन रखने में मेरा बेटा अर्जुन मेरी मदद करता है। अर्जुन हमारे सारे पेट्स की बहुत देखभाल करता हैं और उनके हाईजीन से लेकर उन्हें वाॅक कराने ले जाने तक का ध्यान रखता है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि पेट्स का ध्यान रखने के लिये सिर्फ थोड़े से प्रयास की जरूरत होती है और उसका फल बहुत ज्यादा मिलता है। पालतू जानवर रखने से हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। ये हमें करुणा सिखाते हैं, हमारे अंदर ज़िम्मेदारी की भावना जगाते हैं और अपनी अनोखी ऊर्जा से हमारा जीवन खुशियों से भर देते हैं। इसी तरह जब मैं ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के सेट पर होती हूं, तो स्ट्रीट डाॅग्स की देखभाल करती हूं, उन्हें अपने परिवार के सदस्यों की तरह प्यार देती हूं। पिछले 9 सालों में इनका मेरे साथ एक बहुत गहरा संबंध बन गया है और मैं इस बात का ध्यान रखती हूं कि उन्हें उनकी जरूरत की हर चीज-खाना, पीना, आश्रय और वेटरनरी केयर, सबकुछ मिले।‘‘