खान-पान की प्रादेशिक विविधता भारत की सबसे महत्वपूर्ण विशिष्टताओं में से एक है। यहां के अलग-अलग क्षेत्रों के व्यंजनों की अपनी अलग खासियत और अनूठे पारंपरिक पकवान हैं। वल्र्ड फूड डे का जश्न मनाते हुये एण्डटीवी के कलाकारों ने अपने शहरों के अपने मनपसंद स्ट्रीट फूड्स के बारे में बताया। इन कलाकारों में शामिल हैं – ‘दूसरी माँ‘ की नेहा जोशी (यशोदा), आयुध भानुशाली (कृष्णा), अनीता प्रधान (मालती देवी), ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कामना पाठक (राजेश सिंह), चारूल मलिक (रूसा) और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के आसिफ शेख (विभूति नारायण मिश्रा), विदिशा श्रीवास्तव (अनीता भाबी) एवं सानंद वर्मा (अनोखे लाल सक्सेना)।
मराठी व्यंजनों के बारे में बताते हुये एण्डटीवी के ‘दूसरी माँ‘ की यशोदा ने कहा, ‘‘महाराष्ट्रियन खान-पान की संस्कृति काफी विविधतापूर्ण है। लेकिन इन विविधताओं के बावजूद ज्यादातर मराठी खाने में मसालों, इमली, नारियल और कोकम का इस्तेमाल देखने को मिलता है। इस राज्य के कई व्यंजन बेहद मशहूर हैं। इनमें से मुंबई का मशहूर वड़ा पाव मुझे सबसे ज्यादा पसंद है और यह बेहद स्वादिष्ट होता है। पाव के अंदर तले हुये वड़े और तीखी हरी चटनी का स्वाद बेमिसाल है। मिस्सल पाव एक और मशहूर व्यंजन है और पाव के साथ यह व्यंजन भी मुझे बहुत पसंद है। मसालेदार एवं हल्की सी खट्टी मटकी की करी और पाव के इस स्वाद को भुलाना आसान नहीं। महाराष्ट्र में आपको अलग-अलग तरह के मिस्सल पाव मिलेंगे, जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप कहां पर रहते हैं। जैसे कि नासिक मिस्सल, मुंबई मिस्सल और पुणेरी मिस्सल और मैंने वे सारे चखे हैं। हालांकि, मुझे जो चीज सबसे ज्यादा पसंद है, वह है घर पर बना खाना, जैसे कि तूप (घी) और नींबू के साथ वरण-भात, पूरन पोली, उकड़िचे मोदक और भाकरी के साथ चिकन रस्सा एवं मटन रस्सा एवं फ्राइड फिश।‘‘
मध्य प्रदेश के स्ट्रीट फूड्स के बारे में बात करते हुये एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश ऊर्फ कामना पाठक ने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश के खान-पान में काफी विविधता है। यहां पर लोग स्वादिष्ट पोहा और जलेबी के साथ दिन की शुरूआत करते हैं, जो हर शहर में मिलता है। खट्टा समोसा, मूंग भजिया और इंदौरी नमकीन के स्वाद के तो क्या कहने। सराफा बाजार का फूड कोर्ट बेमिसाल है। यदि आप अगली बार यहां आयें, तो मसालेदार चुरमुरा का स्वाद आपको जरूर चखना चाहिये। मिठाईयां मेरी कमजोरी हैं और मैं जब भी अपने होमटाउन जाती हूं, स्वादिष्ट गुलाब जामुन और कुल्फी फालूदा पर टूट पड़ने से खुद को रोक नहीं पाती।‘‘
दिल्ली के जायके के बारे में बताते हुये आसिफ शेख, जोकि एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में विभूति नारायण मिश्रा का किरदार निभा रहे हैं, ने कहा, ‘‘दिल्ली विभिन्न संस्कृतियों का एक समागम स्थल है और यही वजह है कि यहां के व्यंजनों में इतनी ज्यादा विविधता देखने को मिलती है। इस शहर में कुछ मशहूर व्यंजन और खाने-पीने के प्रसिद्ध स्थल हैं। दिल्ली अपने पराठों, चाट, बटर चिकन, कबाब, छोले भटूरे, बिरयानी, रोल्स, निहारी, मोमोज और विभिन्न पारंपरिक मिठाईयों के लिये मशहूर है। कैरेमेलाइज्ड प्याज और हरी मिर्च के साथ परोसी जाने वाली चिकन हलीम बिरयानी मुझे सबसे ज्यादा पसंद है। इसके साथ ही दिल्ली के निजामुद्दीन लेन में मिलने वाला हलवा पराठा भी मेरा पसंदीदा भोजन है। इसमें मीठा एवं स्वादिष्ट हलवा पराठा होता है, जिसे ऊपर से टूटी फ्रूटी से सजाया जाता है। लेकिन आपका इस शहर में आना तब तक अधूरा है, जब तक कि आप यहां के छोले कुलचा, आलू की टिक्की, गोल गप्पे और तरह-तरह के पराठों का स्वाद नहीं चख लेते। यहां के पकवानों की लिस्ट कभी खत्म ही नहीं होती। यहां पर खाने-पीने की इतनी ज्यादा जगहें हैं कि उन सभी के बारे में बता पाना मुश्किल है। मैं दिल्ली के खाने को बहुत मिस करता हूं और जब भी यहां जाने का मौका मिलता है अपने मनपसंद पकवानों का आनंद जरूर उठाता हूं।
‘‘ गुजराती पकवानों के बारे में बात करते हुये एण्डटीवी के ‘दूसरी माँ‘ के कृष्णा ऊर्फ आयुध भानुशाली ने कहा, ‘‘हम गुजराती लोग हमेशा बांहें फैलाकर और थाली भर के पकवानों के साथ अपने मेहमानों का स्वागत करते हैं। गुजरात में कई सारे स्वादिष्ट व्यंजन मिलते हैं, जो आपकी स्वादेंद्रियों को तृप्त करते हैं। यहां पर कच्छी दाबेली मशहूर है और इसके अंदर जो फिलिंग होती है, उसकी वजह से यह मेरी सबसे पसंदीदा डिश है। इसमें पाव के अंदर आलू, भूनी हुई मसालेदार मूंगफली और अनार के दाने भरे होते हैं और इसके ऊपर सेव डालकर चटनी के साथ इसे परोसा जाता है। मुझे सेव खमन भी बहुत पसंद है, जो मेरे मम्मी और पापा बनाते हैं। इस डिश में ढोकला को मसलकर उसमें चाट मसाला और सेव डाला जाता है और ‘दूसरी माँ‘ के सेट पर मैं अक्सर इसे लेकर आता हूं। थेपला के अलावा, मुझे खाकरा, चूरा और खांडवी भी बहुत पसंद है। हालांकि, मैं यहां आने वालों को गुजराती थाली का स्वाद लेने की सलाह देना चाहूंगा, क्योंकि इसमें उंधियू, रोटलो, कडी खिचड़ी, आम रस और तरह-तरह के फरसान एचं चटनी के साथ घुघरा जैसे स्वादिष्ट व्यंजन होते हैं, जो सिर्फ गुजरात में ही मिलते हैं।‘‘
चंडीगढ़ के अपने पसंदीदा पकवानों के बारे में बताते हुये एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में रूसा का किरदार निभा रही चारूल मलिक ने कहा, ‘‘चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा दोनों ही जगहों के स्वादिष्ट पकवान मिलते हैं। यहां की डिशेज देश भर में मशहूर हैं। खालसा ढ़ाबा चंडीगढ़ मेरा एक सबसे पसंदीदा ढ़ाबा है और यहां पर स्वादिष्ट भरवां पराठे, दाल मखनी, पनीर बटर मसाला, चना मसाला और मटका कुल्फी मिलती है। मेरे जैसे फूड लवर्स के लिये यह एक स्वर्ग की तरह है। इसके अलावा मैश्ड साग और क्रिस्पी रोटी का काॅम्बिनेशन भी कमाल का है। इसका स्वाद जरूर चखा जाना चाहिये। इसका हर बाइट और आपकी प्लेट में रखा एक्स्ट्रा मक्खन पंजाब की शान है और हर डिश के स्वाद को एक नया मुकाम पर लेकर जाता है (हंसती हैं)।‘‘
उत्तर प्रदेश के खान-पान के बारे में बताते हुये एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनीता भाबी ऊर्फ विदिशा श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में तरह-तरह की चाट मिलती है, जिनका स्वाद आप यहां आने पर चख सकते हैं। यहां का बाटी चोखा दुनिया भर में मशहूर है। यह एक पारंपरिक व्यंजन है, जिसमें गेहूं के आटे से बनी बाटी और आलू, बैगन एवं टमाटर से बने चोखे को चाट मसाला, हरी चटनी एवं देसी घी के साथ परोसा जाता है। बाटियों को मिट्टी के चूल्हे में सेंका जाता है, जो इन्हें अनूठा स्वाद एवं सुगंध देता है। यह मेरा सबसे पसंदीदा भोजन है। इसके अलावा, आलू पूरी, खस्ता कचैरी और बनारसी टमाटर चाट भी मुझे बेहद पसंद है। मैं वाराणसी की रहने वाली हूं और यहां पर पारंपरिक रूप से कचोरी, जलेबी एवं लस्सी तथा ठंडई का स्वाद चखने की परंपरा रही है। एक डिश, जो आपको सिर्फ बनारस में ही मिलेगी, वह है मलइयो, जो केसर और पिस्ता से सजी होती है और गोदौलिया बाजार में मिलती है और इसे आपको जरूर चखना चाहिये। इस शहर में खाने-पीने की कई मशहूर जगहें हैं और मैं जब भी बनारस में होती हूं, दोस्तों एवं परिवार वालों के साथ वहां जरूर जाती हूं।‘‘
राजस्थानी पकवानों के बारे में बताते हुये एण्डटीवी के ‘दूसरी माँ‘ की मालती देवी यानी कि अनीता प्रधान ने कहा, ‘‘गुलाबी शहर जयपुर स्वादिष्ट व्यंजनों के लिये भी मशहूर है और यहां के लोग अक्सर इन स्वादिष्ट पकवानों का स्वाद लेते रहते हैं। जयुपर के व्यंजनों का स्वाद चखना सिर्फ एक अनूठा अनुभव ही नहीं, बल्कि एक संस्कृति भी है। रावत मिष्ठान भण्डार की प्याज कचैरी मुझे सबसे ज्यादा पसंद है। इस कचैरी का स्वाद आपके मुंह में ऐसा घुल जायेगा कि आप बार-बार इसे खाना चाहेंगे। जयपुर के मशहूर जवाहर सर्किल या बिरला मंदिर के स्ट्रीट फूड्स का स्वाद भी आपको जरूर चखना चाहिये। यहां पर मिलने वाली अलग-अलग तरह की चाट जैसे कि सेव पूरी, भेल पूरी और दही पूरी जयपुरवासियों के दिलों की धड़कन हैं। इस वल्र्ड फूड डे पर मैं बस इतना ही कहना चाहूंगी, ‘‘खाओ जी भर के‘‘। बिहारी व्यंजनों के बारे में बताते हुये एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के अनोखे लाल सक्सेना यानी कि सानंद वर्मा कहते हैं, ‘‘मैं जब भी पटना जाता हूं, लिट्टी चोखा जरूर खाता हूं, जो लकड़ी के कोयले में पकाया जाता है और इसकी वजह से इसमें एक अनूठा स्मोकी फ्लेवर होता है। दाल पिट्टा मेरी एक और मनपसंद डिश है, जिसे मैं अपने होमटाऊन बिहार जाने पर खाना पसंद करता हूं। यह डम्पलिंग जैसी नजर आती है, लेकिन इसे चावल के आटे में दाल का मसाला भरकर बनाया जाता है। चना घुघनी, दाल पिट्ठा, खजूरिया, कढ़ी बड़ी और सत्तू शर्बत भी यहां के मशहूर पकवान हैं। बालूशाही, खुर्मा, लक्ठो, पनतुआ या काला जामुन, तिलकुट, लाई, गुड़ अनरसा, परवल की मिठाई से लेकर नैवेद्यम, चंद्रकला/पेड़किया जैसी पारंपरिक मिठाई और खास तरह की खीर जिसे रसिया कहते हैं, लौंग-लतिका, खाजा और मालपुआ जैसी स्पेशल मिठाईयों तक यहां पर कई तरह की स्वीट डिशेज उपलब्ध हैं। आप सिर्फ एक डिश तक ही नहीं रुक सकते। हालांकि, मैं मीठे व्यंजनों को खाने से बचता हूं, लेकिन खीर मखाना एक ऐसी चीज है, जिसे खाने से मैं खुद को रोक नहीं पाता। इसके साथ ही सूखे मेवों वाली रबड़ी भी मुझे बहुत पसंद है, जिसे खाकर ऐसा लगता है जैसे स्वर्ग में पहुंच गये हैं। मुझे अपनी माँ की बनी खजूरी ठेकुआ का आनंद लेता हूँ जो बिहार में बहुत प्रसिद्ध है। मेरी ओर से आप सभी को वल्र्ड फूड डे की ढेरों बधाईयां।‘‘ तो यदि आपने अभी तक अलग-अलग राज्यों के इन स्थानीय पकवानों का स्वाद नहीं चखा है, तो आप निश्चित रूप से एक बड़ी चीज मिस कर रहे हैं!