मुश्किलों में किरदार!

एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में हप्पू बन जाएगा फूड इन-चार्ज, जबकि ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अनीता भाबी गुस्से पर काबू करना सिखाएंगी। एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कहानी के बारे में दरोगा हप्पू सिंह ने बताया, ‘‘हप्पू (योगेश त्रिपाठी) शाकाल नाम के एक गैंगस्टर का पीछा कर रहा होता है, तभी राजेश (गीतांजलि मिश्रा) का काॅल आता है और वह पूछती है कि डिनर में क्या बनना चाहिये। डिश को लेकर दोनों के बीच बहस हो जाती है और शाकाल मौके का फायदा उठाकर भाग जाता है। जब हप्पू घर आता है, तब देखता है कि डिश उसकी मर्जी के मुताबिक नहीं बनी है और उसे गुस्सा आता है। वह घोषणा करता है कि अब से वही तय करेगा कि घर में खाने के लिये क्या बनेगा। राजेश उसकी बात मान लेती है, लेकिन अपनी हरकतों से उसे चिढ़ाने का फैसला करती है। अगले दिन हप्पू सभी से पूछता है कि उन्हें क्या खाना है और हर कोई अपनी-अपनी पसंद बताता है और हप्पू परेशान हो जाता है कि क्या बनाया जाए। बाद में, रात को ऋतिक (आर्यन प्रजापति), चमची (ज़ारा वारसी) और रनबीर (सौम्या आज़ाद) अपने टिफिन के लिये बर्गर की मांग करते हैं, लेकिन देर रात हो जाने पर दुकान बंद हो जाती है। हप्पू के पास बर्गर बनाने की तैयारी करने के अलावा कोई चारा नहीं बचता है। हालांकि अगली सुबह बच्चों का मन बदल जाता है और वे कहते हैं कि अब उन्हें बर्गर नहीं चाहिये, जिसे सुनकर हप्पू परेशान हो जाता है। मेन्यू तय करने की उसकी जिद कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) को बीमार कर देती है और हर कोई हप्पू पर ही सारा दोष मढ़ता है।’’

एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की कहानी के बारे में मनमोहन तिवारी ने बताया, ‘‘तिवारी (रोहिताश्व गौड़) विभूति (आसिफ शेख) के बेरोजगार होने पर उसे चिढ़ाता है और विभूति का दिमाग खराब हो जाता है। इस बीच अनीता एंगर मैनेजमेंट का डिप्लोमा पूरा कर चुकी है और उसे सर्टिफिकेट भी मिला है। अपने दोस्त प्रेम (विश्वजीत सोनी) की मदद से विभूति को एक मोबाइल की दुकान में नौकरी मिल जाती है। तिवारी से बदला लेने के लिये विभूति उसे अनजान नंबरों से काॅल करता है और उसका रिश्तेदार होने का नाटक करता है। इसी तरह, हप्पू (योगेश त्रिपाठी) अपनी छुट्टी कैंसल होने पर कमिश्नर (किषोर भानुषाली) पर भड़क जाता है। बाद में वह हप्पू को अनीता की एंगर मैनेजमेंट क्लास में जाने की सलाह देता है। कहानी में एक और ट्विस्ट तब आता है, जब प्रैंक काॅल्स से परेशान होकर तिवारी एंगर मैनेजमेंट के लिये अनीता के पास जाता है। हालांकि हालात तब एक अजीब मोड़ ले लेते हैं, जब उनका एंगर मैनेजमेंट करते-करते अनीता खुद ही चिढ़ने लगती है।’’

 

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