कहते हैं कि बहनों के बीच के रिश्ते से सच्चा और कुछ भी नहीं होता है। फिर ऐसा क्या हुआ कि कादरू (पारूल चौहान) ने अपनी बहन विनता (तोरल रसपुत्रा) को अपनी दासी बना लिया और उसके पुत्र गरुड़ (फैज़ल खान) को अपने वश में कर लिया? क्या हुआ था दोनों के बीच? सोनी सब के ‘धर्म योद्धा गरुड़’ के आगामी एपिसोड में इस राज से पर्दा उठने ही वाला है और इसी के साथ दर्शकों को विनता की महारानी से दासी बनने की सच्चाई भी पता चल जायेगी। महान ऋषियों ने भविष्यवाणी की थी कि विनता का पुत्र पक्षियों का राजा बनेगा और पूरे आसमान पर विजय हासिल करेगा। इस भविष्यवाणी से कादरू के मन में असुरक्षा की भावना उत्पन्न होती है और वह अपनी बहन को जीवन भर के लिये गुलामी की जंजीरों में कैद करने के लिये एक दुष्ट योजना बनाती है।
इस शो की कहानी पुराने दौर में पहुंचती है, जहां पर दिखाया जाता है कि ये दोनों बहनें किस तरह अक्सर एक-दूसरे से शर्त लगाया करती थीं और अपनी चीजें दांव पर लगाती थीं। कादरू इस बात का फायदा उठाती है और विनता को खुश करने का बहाना बनाते हुये उससे कई दांव लगवाती है। जैसा कि तकदीर में लिखा था, विनता एक ऐसी ही बाजी हार जाती है और यहीं से उसकी जिंदगी हमेशा के लिये बदल जाती है। कादरू अपनी ही बहन के खिलाफ षड्यंत्र रचती है और उसे एक अपमानजनक और दासतायुक्त जीवन जीने के लिये विवश कर देती है। विनता को दासी बनाने के बाद कादरू को यह जानकर खुशी होती है कि अब विनता का पुत्र एक दासी पुत्र के रूप में जन्म लेगा और उन शक्तियों एवं सत्ता से वंचित रह जायेगा, जो उसे मिलने वाली थीं।
पारूल चौहान, जोकि कादरू का किरदार निभा रही हैं, ने कहा, “कादरू का लक्ष्य हमेशा से ही शक्ति और सत्ता को पाना रहा है। इस बात का अहसास होने के बाद कि विनता का आधा जन्मा पुत्र होने के बावजूद अरूण में उसके (कादरू के) 1000 पुत्रों की संयुक्त शक्ति से भी ज्यादा ताकत है, कादरू यह सोचकर घबरा जाती है कि गरुड़ कितना शक्तिशाली हो सकता है। वह पक्षियों के राजा को एक दिन अजेय शासक बनने के लिये स्वतंत्र नहीं छोड़ सकती है। वह विनता के पुत्र के शासक बनने के विचार से घबरा जाती है और इसलिये गरुड़ को अपने काबू में करने और उसे अपना दास बनाने के लिये किसी भी हद तक जाने को तैयार है। वह विनता और गरुड़ की किस्मत की बागडोर अपने हाथों में लेती है, लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर है। इस शो के आगामी एपिसोड्स में दर्शकों को सच्चाई देखकर काफी मजा आने वाला है।”
तोरल रसपुत्रा, जोकि विनता की भूमिका निभा रही हैं, ने कहा, “विनता ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी अपनी ही बहन उसके खिलाफ साजिश करेगी। वह हमेशा से ही एक नेकदिल इंसान रहीं है और उसने कभी भी सत्ता या शक्ति हासिल करने के बारे में नहीं सोचा। उसने कभी नहीं सोचा था कि जिसे वह साधारण शर्त मान रही थी, वह दरअसल उसे दासी बनाने और अपमानजनक जीवन जीने के लिये मजबूर करने के लिये एक सोची-समझी चाल है। अपनी गुलामी से ज्यादा उसे इस बात का दु:ख है कि उसका पुत्र, जोकि पक्षियों का राजा बनने वाला था, उसका जन्म एक दासी पुत्र के रूप में हुआ। कादरू के प्रतिशोध से उसे सदमा पहुंचता है और आगामी एपिसोड्स में दर्शक देखेंगे कि कैसे विनता महारानी से दासी बन जाती है।”