बाॅलीवुड एक्टर आलिया भट्ट ने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2023 में अपनी शादी की साड़ी को दोबारा पहनकर काफी सुर्खियां बटोरी थीं। यह सस्टेनेबल फैशन और स्टाइल के प्रति उनके समर्पण का एक शानदार उदाहरण था। उनके इस फैसले ने सस्टेनेबल फैशन को लेकर एक चर्चा छेड़ दी और कई लोगों को अपने कपड़ों को दोबारा इस्तेमाल करने एवं अपसाइकलिंग की अहयिमत के बारे में फिर से सोचने के लिये प्रेरित किया। इसी भावना का प्रतिनिधित्व करते हुये एण्डटीवी की महिला कलाकार भी रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों की अपसाइक्लिंग के परिवर्तनकारी प्रभाव और उनमें मौजूद खूबसूरती पर जोर दे रही हैं। आलिया भट्ट का अपनी शादी की साड़ी को फिर से इस्तेमाल करना और टीवी की महिला कलाकारों द्वारा पुराने कपड़ों को नया रूप देना, फैशन और मनोरंजन की दुनिया में पर्यावरण के अनुकूल आदतों को अपनाने के फायदों को दिखाता है। इन कलाकारों में शामिल हैं नेहा जोशी (‘अटल‘ की कृष्णा देवी वाजपेयी), गीतांजलि मिश्रा (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश) और शुभांगी अत्रे (‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी)। एण्डटीवी के शो ‘अटल‘ में कृष्णा देवी वाजपेयी का किरदार अदा कर रहीं नेहा जोशी ने कहा, ‘‘हम सभी लगभग एक ही जैसी स्थिति का सामना करते हैं, जहां हमारी वार्डरोब में कपड़ों की भरमार होने के बावजूद हमें ऐसा लगता है कि हमारे पास पहनने के लिये कुछ है ही नहीं। ऐसे में हममें से अधिकांश लोगों के मन में सबसे पहला ख्याल आता है बाजार जाकर नये कपड़े खरीद लाना। हालांकि, समझदारी से की गई खरीदारी फायदेमंद होती है, लेकिन वास्तव में पर्यावरण के लिये सबसे अच्छा काम तो यही होता है कि आपके पास जो चीजें हैं, उन्हें ही फिर से इस्तेमाल करें। मैं इस जाल में नहीं फंसती हूं। मैं अपने कपड़ों का बार-बार इस्तेमाल करती हूं, नये कपड़े खरीदने से बचती हूं और अलग-अलग अवसरों के लिये पुराने कपड़ों को मिक्स एंड मैच करके पहनना पसंद करती हूं। दुकानों के चक्कर लगाने और आॅनलाइन ब्राउज करने के बजाय, मैं अपनी अलमारी और कभी-कभी अपनी मां की पुरानी साड़ियों से कुछ अलग और खास आउटफिट तैयार करती हूं। मैं अपने कपड़ों को नये तरीके से और दोबारा इस्तेमाल करती हूं; जैसे कि एक बार मैंने अपनी मां की पुरानी साड़ी को आधा-आधा काटकर दो माॅडर्न आउटफिट तैयार किये थे। वे आउटफिट सिर्फ शानदार ही नहीं थे, बल्कि काफी कम्फर्टेबल भी थे। मेरे हाथों का कमाल देखकर मेरी मां इतनी खुश हो गई थीं, इसके बाद उन्होंने अपनी कई साड़ियां मुझे एक्सपेरिमेंट करने और नई स्टाइल्स तैयार करने के लिये दीं। मैंने अपने पुराने डेनिम से अपने कपड़ों से मेल खाते हुये पाउचेज एवं हैंडबैग्स भी बनाये हैं। मैं अपने पुराने कपड़ों का इस्तेमाल कर सिर्फ नये फैशन के आउटफिट्स ही नहीं बनाती हूं, बल्कि अपनी एक दोस्त की मदद से मैं घर पर ही पुराने कपड़ों से परदे और कुशन्स बनाती रहती हूं। इतना ही नहीं, मैं रिसाइकलिंग को प्राथमिकता देने वाले और बेकार पड़े सामानों से उपयोगी वस्तुएं तैयार करने वाले लघु व्यावसायों का भी समर्थन करती हूं। हममें से हर किसी की एक खास तरह की व्यक्तिगत शैली होती है, जिसके मुताबिक हम अपने कपड़ों का चुनाव करते हैं और इससे हम खुद को सबसे ज्यादा आत्मविश्वासी एवं वास्तविक रूप में महसूस करने में सक्षम होते हैं।‘‘
गीतांजलि मिश्रा ऊर्फ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश मिश्रा ने कहा, ‘‘ पारंपरिक रूप से, कलाकारों पर हर बार अलग दिखने का दबाव होता था, जिसकी वजह से वो कपड़ों या एसेसरीज का बार-बार इस्तेमाल नहीं कर पाते थे, लेकिन अब समय बदल चुका है! मैं सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही खरीदारी करती हूं और अक्सर अपने मौजूदा कपड़ों को कुछ बदलाव करके नया लुक देती हूं। मेरा लक्ष्य अपने पुराने कपड़ों को अलग हटके और क्रिएटिव तरीके से फिर से इस्तेमाल करना होता है। उदाहरण के लिए, जब मेरे कुर्ते थोड़े पुराने हो जाते हैं, तो मैं उन्हें छोटा करके क्रॉप टॉप बना लेती हूं, जिन्हें मैं अपनी किसी भी जींस या डेनिम के साथ पहन सकती हूं। इसी तरह श्रग, जैकेट और स्कार्फ जैसी वर्सेटाइल क्लाॅदिंग का भी अलग-अलग तरह की स्टाइल में इस्तेमाल किया जा सकता है। खासतौर से सर्दियों के मौसम में पुराने स्कार्फों को खूबसूरत पोंचो में बदलकर इस्तेमाल करना मुझे अच्छा लगता है। मैं अलग-अलग शहरों से एसेसरीज इकट्ठा करती रहती हूं और जब ये टूट-फूट जाते हैं या खराब हो जाते हैं, तो मैं उनसे घुंघरू और मोतियों को निकाल लेती हूं और उनका इस्तेमाल अपने बगीचे के सामान और सजावटी चीजों को सजाने के लिए करती हूं। यह तरीका कचरे को कम करने और उन चीजों को नया जीवन देने में बहुत कारगर है जिन्हें फेंक दिया जाता है। हालांकि, समय के साथ, मुझे इस बात का अहसास हो चुका है कि फैशनेबल होना और सस्टेनिबिलिटी का ख्याल रखना दोनों काम एक साथ भी किये जा सकते हैं, जैसा कि कई कलाकारों ने करके दिखाया है। एक ऐसे उद्योग में भी जहां लगातार नए कपड़े पहनने की मांग होती है, सस्टेनेबल फैशन को अपनाना संभव है।‘‘ शुभांगी अत्रे ऊर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी ने कहा, ‘‘एक दिन अपने इंस्टाग्राम फीड को ब्राउज करते समय, मेरी नजर एक कंटेंट क्रिएटर के एक वायरल वीडियो पर पड़ी। उस वीडियो में उसने बिस्किट के फेंके गये रैपर का इस्तेमाल कर एक स्लिंग बैग तैयार की थी। इस वीडियो को देखने के बाद मैं भी इसी तरह के क्रिएटिव सामानों को बनाने के लिये प्रेरित हुई। मैंने अपने पुराने और खराब हो चुके सनग्लासेस केस का इस्तेमाल कर एक फैशनेबल क्लच पर्स बनाया, जिसका इस्तेमाल मैं पूरे गर्व के साथ खास अवसरों पर करती हूं। मुझे खासतौर से चीजों को मिक्स एंड मैच करने में बहुत मजा आता है। उदाहरण के लिये, मुझे एक स्पोर्टी क्रॉप्ड हुडी को टेलर्ड जॉगर्स के साथ पहनना या एथलीजर लुक के लिए स्लीक स्नीकर्स को क्रॉसबॉडी बैग के साथ मिलाना अच्छा लगता है। मुझे एक खासतौर से बनाये गये ब्लेज़र को वाइड-लेग वाले क्युलेट्स के साथ पेयर करने में भी मजा आता है। अपसाइकलिंग, मिक्सिंग और मैचिंग खुद को व्यक्त करने के आनंददायक और रचनात्मक तरीके हैं। कुछ नया खरीदने के बजाय, आप अपनी कल्पना का उपयोग उन पुरानी वस्तुओं को नया जीवन देने के लिए कर सकते हैं, जिससे कुछ नया और रोमांचक बनता है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि अपने स्टाइल को दर्शाते हुये आॅथेंटिक तरीके से ड्रेसिंग करना सबसे सशक्त क्रियाओं में से एक है। इस तरह की ड्रेसिंग मूड को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है और आपकी उत्पादकता एवं कार्यकुशलता को बेहतर बनाने हुये प्रेरित कर सकती है।‘‘