गणेश चतुर्थी का त्योहार बस आने ही वाला है और एण्डटीवी के कलाकार भी कई गणेश भक्तों की तरह, अपने-अपने घरों में बप्पा का स्वागत कर इस उत्सव को मनाने के लिये उत्सुक हैं। उनकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, जिसमें अपने घरों की सफाई करना, डेकोरेशन थीम की योजना बनाना और मोदक तैयार करना शामिल है। ये कलाकार हैं- नेहा जोशी (‘अटल‘ की कृष्णा देवी वाजपेयी), गीतांजलि मिश्रा (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश) और रोहिताश्व गौड़ (‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी)। नेहा जोशी, जोकि ‘अटल‘ में कृष्णा देवी वाजपेयी का किरदार निभा रहीं हैं, ने कहा, ‘‘गणपति का मेरे दिल में खास स्थान है, और मैं आमतौर पर इसे अपने नासिक के पुश्तैनी घर में मनाती हूं, जहां बप्पा को घर लाने की परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है। इस त्योहार में हमारा पूरा परिवार भगवान गणेश की पूजा एवं अर्चना करने के लिये एकजुट होता है, जो हमारे घर को भक्तिभाव एवं रोमांच से भर देता है। हालांकि, इस बार मैं नासिक में गणपति मनाने नहीं जा पाऊंगी, लेकिन मुंबई में गणपति उत्सव का अनुभव करने के लिये रोमांचित हूं। मुंबई अपने भव्य सेलीब्रेशन्स के लिये मशहूर है, जहां पर जगह-जगह पर बप्पा के पंडाल लगाये जाते हैं, खूबसूरत सजावट की जाती है और गणपति की मनमोहक मूर्तियां विराजमान होती हैं। 11 दिनों के इस उत्सव के दौरान मुंबई का उत्साह देखने लायक होता है, जहां पर हजारों भक्तों को खूबसूरत मूर्तियां लेकर आते, शोभायात्राओं में शामिल होते और उत्सव के उमंग में डूबते हुये देखा जा सकता है। इस उत्सव में मुझे उकड़िचे मोदक खाना सबसे ज्यादा अच्छा लगता है। यह एक पारंपरिक महाराष्ट्रियन मिठाई है, जिसे चावल के आटे, गुड़ एवं नारियल से बनाया जाता है, जिसे हम प्यार से बप्पा को भोग लगाते हैं। घर पर बने इन मोदक का स्वाद कुछ ऐसा होता है कि मैं हर साल बेसब्री से इसका इंतजार करती हूं, क्योंकि ये भगवान के प्रति हमारे प्रेम एवं समर्पण का प्रतीक हैं।‘‘
गीतांजलि मिश्रा ऊर्फ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश ने कहा, ‘‘गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्योहार है, जो हमारे दिनों को प्रेम, आनंद और नई शुरूआत की पावन बेला से भर देता है। यह साल मेरे लिये बेहद खास है, क्योंकि परदे पर मेरी बहन का किरदार निभा रहीं सपना सिकरवार, जोकि असल जिंदगी में मेरी बहुत अच्छी दोस्त भी हैं, पहली बार अपने घर पर गणपति लेकर आ रही हैं। हम एक साथ जश्न मनायेंगे और पूरे दिल से बप्पा की सेवा करेंगे। पिछले दो हफ्तों से, हमें जब भी खाली समय मिला है, हमने शाॅपिंग और तैयारियों में बिताया है। हमने मूर्ति से लेकर सजावाट तक हर चीज को इको-फ्रेंडली रखने का फैसला किया है। हम मंडप को सजाने के लिये फूलों और पौधों का इस्तेमाल करेंगे। हमने भजन रखने के बारे में भी सोचा है और हम उसके लिये रिहर्सल भी कर रहे हैं, जिसमें प्रैक्टिस से ज्यादा मौज-मस्ती होती है। रोमांच यहीं पर खत्म नहीं होता, बल्कि हमने प्रसाद के लिये ढेर सारे व्यंजन बनाने की भी सोची है। सपना, जोकि ग्वालियर की रहने वाली हैं, की योजना उनके होमटाऊन की कुछ स्पेशल मिठाईयां और नमकीन चढ़ाने की है। इसके साथ ही मैं उत्तर प्रदेश के कुछ पारंपरिक पकवान बनाने के बारे में भी सोच रही हूं, जैसे कि गुझिया, लड्डु और शक्करपारा। मैं बप्पा को घर पर लाने और उनकी भक्ति को डूब जाने का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं। इस साल एकसाथ मिलकर गणेश चतुर्थी मनाने का इंतजार और आनंद वाकई में बेमिसाल है।‘‘ रोहिताश्व गौड़ ऊर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी कहते हैं, ‘‘गणेश चतुर्थी मेरे परिवार का सबसे बहुप्रतीक्षित उत्सव है और हम हर साल अत्यधिक उत्साह और भक्तिभाव के साथ इसे मनाते हैं। अपने घर में भगवान गणेश के स्वागत की तैयारियां शुरू होने के साथ ही गणेश चतुर्थी को लेकर उत्साह की भी शुरूआत हो जाती है। इस उत्सव की शुरूआत करते हुये मैं और मेरा पूरा परिवार हमारे घर की सफाई करते हैं। हम सुनिश्चित करते हैं कि घर का कोना-कोना बेदाग रहे और श्रद्धा एवं प्रेम के साथ बप्पा के आगमन के लिये तैयार हो जाये। घर की सफाई हो जाने के बाद, हम रंग-बिरंगे फूलों और लाइट वाले दियों से सजावट करते हैं, जिससे एक ऐसा स्नेहपूर्ण और स्वागत करने वाला माहौल बन जाता है, जो इस शुभ समय में हमारे दिलों की खुशी और श्रद्धा को दिखाता है। हमारे सेलीब्रेशन की एक सबसे खास चीज है, मेरी पत्नी रेखा द्वारा बनाई गई 21 तरह की मिठाईयां, जिसे वह बप्पा के लिये प्रेम और समर्पण भाव के साथ बनाती है। इन मिठाईयों को, जिनमें मोदक और लड्डू शामिल होते हैं, न सिर्फ भगवान को चढ़ाया जाता है, बल्कि बाद में प्रसाद के रूप में इन्हें हमारे पड़ोसियों और दोस्तों को भी बांटा जाता है। प्रसाद बांटने की यह परंपरा उस एकता और उदारता को दिखाती है जो गणेश चतुर्थी हमारे जीवन में लाती है। मैंने जीवन में जो कुछ भी मैंने पाया है, वह बप्पा के आशीर्वाद की वजह से है, और मेरे लिये यह त्योहार उनके प्रति तहेदिल से शुक्रिया अदा करने के एक अवसर की तरह है।‘‘