एण्डटीवी के कल्ट-काॅमेडी शो ‘भाबीजी घर पर हैं’ ने हाल ही में आठ साल और 2000 एपिसोड्स पूरे किये हैं। इस मौके पर हमने शो की बेहद लोकप्रिय अंगूरी भाबी, यानि शुभांगी अत्रे से इस शो के साथ और इंडस्ट्री में उनके बेहतरीन सफर पर बात की है। प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश:
आठ साल पूरे होने की उपलब्धि पर बधाई!
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। यह हम सभी के लिये एक खास पल है। मैं चैनल और हमारे प्रोड्यूसर्स संजय कोहली और बिनाइफर कोहली की आभारी हूँ कि उन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मुझे यह मौका दिया। इस शो को इतना सफल बनाने में मेरे प्यारे दर्शकों और प्रशंसकों ने लगातार जो प्यार और समर्थन दिया है, उस पर उनको बधाई। मुझे लग ही नहीं रहा है कि इतने साल हो गये! इस शो के द्वारा दर्शकों को लगातार मनोरंजन देते देखना बेहतरीन है। इस शो ने मुझे पहचान, प्यार, प्रसिद्धि और यादें दी हैं, जो हमेशा मेरे साथ रहेंगी। मुझे ‘भाबीजी घर पर हैं’ की टीम का हिस्सा होने पर बड़ी खुशकिस्मती और गर्व का एहसास होता है। टीम के विशुद्ध समर्पण और कड़ी मेहनत का फल मिला है।
क्या आपको यह सफर इतना लंबा रहने की उम्मीद थी?
बिलकुल। अंगूरी भाबी के तौर पर मेरा सफर एक अलग मुकाम से शुरू हुआ था। यह किरदार पहले से दर्शकों के बीच बहुत लोकप्रिय था। और पहले से स्थापित किरदार अदा करना चुनौती के साथ फायदे वाला भी है। मेरे मन में तरह-तरह की भावनाएं थीं। ऐसे शो का हिस्सा बनना रोमांचक था, जिसे दर्शक पसंद करते हैं और साथी कलाकार भी बेहतरीन थे, लेकिन इसके साथ ही मुझे दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरना था। हालांकि मुझे अंगूरी भाबी के किरदार को ऊँचा उठाने और उसे सबसे मशहूर, प्यार पाने वाला और यादगार किरदार बनाने का पूरा यकीन था। और मुझे खुशी है कि दर्शकों ने खुली बाहों से मुझे अपनाया। दर्शकों के प्यार और लगाव ने मुझे यकीन दिलाया कि मैंने खुद के और अपने काम के लिये एक अलग मुकाम बनाया है।
शूटिंग के पहले दिन और पहले सीन की याद अब भी ताजा है। जब मैंने अंगूरी बनकर पहला टेक दिया, तब कैमरे का लेंस टूट गया था। शुरूआत में मुझे बहुत गुस्सा और तनाव हुआ और मैंने कहा, ‘हे भगवान, ये क्या हो गया?’ लेकिन फिर सारे कलाकारों और क्रू ने ताली बजाई, जिसका मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा, ‘कैमरे का लेंस टूटना एक अच्छा शगुन है और अच्छी शुरूआत है, आप बहुत आगे तक जाएंगी!’ मुझे उस कोशिश और बात से बहुत राहत मिली और अच्छा लगा। मेरा दिन ही संवर गया और शूटिंग के उस दिन की यह मेरी सबसे अच्छी यादों में से एक है।
कोई घटना, जिससे आपको यह किरदार निभाने पर गर्व हुआ?
कई घटनाएं हैं, इसलिये किसी एक के बारे में सोचना आसान नहीं होगा। लेकिन मैं आपको कुछ के बारे में बता सकती हूँ। अंगूरी का किरदार निभाने के लिये चुना जाना सपने के सच होने जैसा था। मुझे याद है कि एक अवार्ड फंक्शन में किसी ने कहा कि महान गायिका आशा भोंसले जी भी आई हैं और मुझे ढूंढ रही हैं। मैं उनसे मिली और उन्होंने यह कहकर मेरी सराहना की कि, ‘‘मैं आपका शो देखती हूँ और मुझे आपके द्वारा अंगूरी की प्रस्तुति पसंद है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘लगता है वह किरदार आपके लिये ही था, क्योंकि यह भूमिका आपको पूरा सूट करती है। आपसे बेहतर अंगूरी दूसरी नहीं हो सकती। और आप उस शो में मेरे चहेते किरदारों में से एक हैं।’’ एक लीजेंड से ऐसी खूबसूरत बातें सुनकर मैं सातवें आसमान पर थी और पूरी तरह से चकित थी।
एक और यादगार पल, जब जैकी श्राॅफ जी हमारे साथ एक कहानी की शूटिंग के लिये आये थे। जब हमने शूटिंग खत्म की, वह मेरे पास आये और कहने लगे कि ‘तुम कमिटमेंट, स्टाइल और पेशेवर होने के मामले में मुझे माधुरी दीक्षित की याद दिलाती हो।’ मैं खुद माधुरी दीक्षित जी की बड़ी फैन हूँ और अपने चहेते एक्टर से तुलना होना आपको मिल सकने वाली सबसे बड़ी तारीफ है। और वह तारीफ भी फिल्म इंडस्ट्री के असली ‘‘हीरो’’ से मिले, तो यह किसी सपने से कम नहीं है। मैं इतनी खुश और भावुक हो गई थी कि बता नहीं सकती।
आपका अब तक का फेवरेट एपिसोड कौन-सा है?
कई लोगों को पता नहीं है, लेकिन सानंद वर्मा द्वारा अभिनीत अनोखे लाल सक्सेना इस शो में मेरे चहेते किरदारों में से एक है। मुझे यह किरदार बहुत मनोरंजक और अनोखा लगता है। उसकी अभिव्यक्तियाँ अनमोल और बड़ी मजेदार हैं। एक कलाकार के तौर पर मैं इस भूमिका को मुश्किल मानती हूँ और दर्शकों को हंसाना आसान नहीं है। मैं भी ऐसा चुनौती वाला और मनोरंजक किरदार निभाना चाहूंगी। हालांकि खुशकिस्मती से मैंने एक कहानी में ऐसा किरदार निभाया है। मैं एक कहानी में लेडी सक्सेना बनी थी और मेरा नाम ‘सक्सेनी’ था और वह कहानी मस्ती और काॅमेडी से भरपूर था। मुझे सानंद जी के साथ उसकी शूटिंग में काफी मजा आया। हम दोनों पागलपंती करते नजर आ रहे थे और हमें बिजली के झटके लग रहे थे, जो कि सबसे मनोरंजक हिस्सों में से एक था। दर्शकों से भी बड़ा पाॅजिटिव फीडबैक मिला और यह अब भी मेरे फेवरेट्स में से एक है।
शुभांगी और अंगूरी में कौन-सी बात एक जैसी है?
अंगूरी की तरह मेरा भी ज्यादातर वक्त घर के किचन में बीतता है और मैं दूसरों के लिये बड़ा स्नेह रखती हूँ (हंसती हैं)।
आपका ज्यादातर वक्त सेट पर बीतता है। शूटिंग के अलावा आपको किस काम में सबसे ज्यादा मजा आता है?
मेरा हर किसी के साथ अच्छा रिश्ता है, लेकिन मैं आसिफ जी, रोहिताश्व जी और हमारी डायरेक्टर मैडम हर्षदा के काफी करीब हूँ और मैडम को तो हर बात बताती हूँ। हम एक मजबूत परिवार की तरह हैं और एक साथ बहुत सारा वक्त बिताते हैं। हमारा ब्रेक का वक्त हमेशा मजेदार होता है; हम चुटकुलों पर दिल खोलकर हंसते हैं। हम रिहर्सल्स के दौरान एक-दूसरे को तंग भी करते हैं। मैं सोचती हूँ कि हमारे बीच जो रिश्ता है, उससे माहौल बड़ा मजेदार और आसानी वाला हो जाता है। मैं आसानी से कह सकती हूँ कि ‘भाबीजी घर पर हैं’ के सेट पर कोई पल उदासी में नहीं बीतता है।