कैलाशा बुआ मेरी ऑन-स्क्रीन इमेज को तोड़ेगीः नीता मोहिन्द्रा

दिग्गज अभिनेत्री नीता मोहिन्द्रा को अभिनय में उनकी बेजोड़ कुशलताओं के लिये जाना जाता है। वह एण्डटीवी के सोशल ड्रामा भीमा में कैलाशा बुआ का किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीत रही हैं। उन्होंने थियेटर और टेलीविजन में बेहतरीन काम किया है  और उनका व्यापक अनुभव इस किरदार को प्रामाणिकता तथा गहराई दे रहा है। ऐसे में उनका परफाॅर्मेंस इस शो का मुख्य आकर्षण बन गया है। एक बेबाक बातचीत में मोहिन्द्रा ने अपनी भूमिका, उसके लिये तैयारी और एक्टिंग में अपने सफर पर चर्चा की है।

‘भीमा’ में आपको यह किरदार कैसे मिला?

एक्टर की जिन्दगी में लगातार आॅडिशंस होते रहते हैं। लेकिन खासकर यह मौका मुझे जल्दी मिला। कास्टिंग टीम एक आॅडिशन के लिये मेरे पास आई थी और अगले दिन मुझे माॅक शूट के लिये बुलाया गया। सब-कुछ आसानी से हो गया और मुझे पता चलने से पहले ही मैं इस रोल के लिये कास्ट हो गई थी।

कैलाशा बुआ का किरदार निभा कर आप किस तरह आनंद ले रही हैं?

मैं कैलाशा बुआ के रोल का पूरा मजा ले रही हूँ। मैंने कुछ वक्त से कोई निगेटिव रोल नहीं किया था, क्योंकि मैंने ज्यादातर पाॅजिटिव किरदार ही किये हैं, खासकर माँ के। मेरे पिछले रोल इतने मशहूर हुए कि पंजाब के लोग तो मुझे निरुपा राॅय कहने लगे! हालांकि कैलाशा बुआ उस इमेज को तोड़ने में मेरी मदद करती है। वह अपनी कम्युनिटी में ताकतवर और रौबदार शख्सियत है। उसकी कही बात ही कानून है और उसकी टक्कर भीमा और उसके परिवार से होती है। कैलाशा बुआ उन्हें तगड़ी चुनौतियाँ भी देती हैं। इस किरदार की काफी लेयर्स हैं और मैं इसमें पूरी तरह से मगन हूँ।

इस रोल के लिये आपने किस तरह से तैयारियाँ कीं?

मैं पूरे डिटेल वाली स्क्रिप्ट को पढ़ने के बाद अपने आप इस रोल से जुड़ गई। शुरूआती दिनों में मुझे इस किरदार के जैसा ढलना था, लेकिन जल्दी वह मेरे भीतर आ गया और प्रासंगिक बन गया। यह किरदार मुख्य रूप से नकारात्मक भाव वाला है, लेकिन उसमें तरह-तरह की बारीकियाँ भी हैं, जिन्हें अभी खोजा जाना है। और इन बारीकियों को समझने में मेरे डायरेक्टर बहुत मददगार हैं।

तेजस्विनी के साथ अपने रिश्ते के बारे में कुछ बताइये।

तेजस्विनी एक अद्भुत बच्ची है। वह प्यारी और समर्पण का भाव रखने वाली लड़की है। स्क्रीन पर हमारी केमिस्ट्री असलियत से काफी अलग है। मैं तो अक्सर स्क्रीन पर और उसके बाहर भी उसे परेशान करती रहती हूँ, लेकिन हमारी खूब पटती है। अमित, स्मिता और तेजस्विनी समेत पूरी टीम काम करने के लिये शानदार है।

आप थियेटर से निकलकर स्क्रीन पर एक्टिंग करने के लिये कैसे प्रेरित हुईं?

थियेटर के लिये मेरा जुनून काफी पहले से था, लेकिन मुझे यकीन नहीं था कि मैं इंडस्ट्री में आऊंगी। पढ़ाई में मेरा बैकग्राउंड काफी अच्छा है। मैंने फाइन आर्ट्स में मास्टर्स और पीएचडी किया है और काॅलेज में प्रोफेसर रह चुकी हूँ। लेकिन टीचिंग के दौरान भी मेरी एक्टिंग जारी रही और मैंने जर्मनी तथा यूएसए में वर्कशाॅप किये। मैं पंजाब से आती हूँ और मैंने 1984 में टीवी पर डेब्यू किया था। इससे पहले, मैं थियेटर में ही खोई हुई थी और मैंने एंकरिंग से लेकर नाटकों में परफाॅर्म करने तक का सफर तय कर रखा था।

दर्शक इस शो से क्या अपेक्षा कर सकते हैं?

‘भीमा’ एक बच्ची की प्रेरक कहानी है, जो अपनी परिस्थितियों की तुलना में बहुत ऊँचे सपने देखती है और अनेकों चुनौतियों के बावजूद सफल होने की कोशिश में रहती है। अपने इस सफर में वह सामाजिक नियमों और बाधाओं से उभरकर अपने लक्ष्य हासिल करती है। मुझे विश्वास है कि दर्शकों को यह शो दमदार लगेगा और भावुक कर देगा। दर्शक इसके किरदारों और उनके संघर्षों के साथ गहराई से जुड़ेंगे।

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