सावन की शुरूआत हो चुकी है। इसे श्रावण मास भी कहा जाता है। इसमें भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद पाने के लिये उपवास रखते हैं। एण्डटीवी के कलाकार इस पवित्र महीने के महत्व पर चर्चा कर रहे हैं और सावन सोमवार के दौरान उपवास रखने का कारण बता रहे हैं। इन कलाकारों में शामिल हैं-आशुतोष कुलकर्णी (कृष्ण बिहारी वाजपेयी, ‘अटल’), गीतांजलि मिश्रा (राजेश, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और शुभांगी अत्रे (अंगूरी भाबी, ‘भाबीजी घर पर हैं’)। अटल में कृष्ण बिहारी वाजपेयी की भूमिका निभा रहे आशुतोष कुलकर्णी ने बताया, ‘‘सावन के पूरे महीने में उपवास रखना बहुत शुभ माना जाता है। इस पूरे महीने उपवास रखने वाले भक्तगण सुबह जल्दी उठकर भगवान शिव के मंदिर जाते हैं और पंचामृत चढ़ाते हैं (यह दूध, घी, दही, गंगाजल और शहद का मिश्रण होता है)। इसके साथ ही बेलपत्र भी चढ़ाये जाते हैं। यह रीति श्रावण के पूरे महीने में चलती है। इस दौरान उपवास रखने वाले लोग दूध और डेयरी उत्पाद, फल तथा अन्य उपवास वाली चीजें खा सकते हैं। भगवान शिव की पूजा करने के अलावा भक्त देवी पार्वती की भी भक्ति करते हैं और अपने जीवन में शांति, समृद्धि तथा सफलता मांगते हैं। ऐसा माना जाता है कि श्रावण के महीने में सोमवार को उपवास रखने से दैवीय आशीर्वाद मिलते हैं।’’ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश, ऊर्फ गीतांजलि मिश्रा ने कहा, ‘‘सावन का सोमवार मेरे लिये एक आध्यात्मिक यात्रा रहा है और यह मेरे दिल के बहुत करीब है। भगवान शिव की भक्त होने के नाते, श्रावण का महीना मेरे जीवन में असीम शांति और सकारात्मकता लेकर आता है। मैं हर सोमवार सुबह जल्दी उठ जाती हूँ। मेरे भीतर भक्ति का भाव होता है और मैं भगवान शिव के मंदिर जाती हूँ। मैं उन पर पंचामृत चढ़ाती हूँ, जो कि दूध, घी, दही, गंगाजल और शहद को एक पवित्र मिश्रण होता है। इसके साथ ही बेलपत्र चढ़ाने से मुझे भगवान के साथ एक अलौकिक जुड़ाव का अनुभव होता है। सावन के दौरान मैं उपवास रखती हूँ। इससे मेरा शरीर तो शुद्ध होता ही है, बल्कि मेरी आत्मा भी पवित्र हो जाती है। मुझे अपनी आध्यात्मिक प्रगति और आत्मिक शांति पर ध्यान देने में मदद मिलती है। इस पवित्र महीने में भगवान शिव की पूजा करने और देवी पार्वती के प्रति श्रद्धा रखने से मुझे बड़ी शांति मिलती है। यह उपवास रखना मेरे जीवन की एक यादगार परंपरा बन चुका है और इससे मिलने वाली दैवीय कृपा पर मुझे सचमुच विश्वास है। सावन के सोमवार खुद के भीतर झांकने, भक्ति करने और भगवान शिव का मार्गदर्शन तथा आशीर्वाद लेने का समय होता है। यह महीना मुझे आध्यात्मिक ताजगी देता है और भक्त तथा भगवान के बीच शाश्वत सम्बंध की याद दिलाता है।’’ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अंगूरी भाबी बनीं शुभांगी अत्रे ने बताया, ‘‘एक्टर होने के कारण मेरी जिन्दगी व्यस्त शेड्यूल्स और लगातार भागदौड़ से भरी है, लेकिन सावन सोमवार से मुझे शांति मिलती है। उपवास रखना और रीतियों को निभाना, जैसे कि दूध और पानी से अभिषेक और बेलपत्र चढ़ाना मुझे व्यस्तता से राहत देता है और मैं आध्यात्म में खो जाती हूँ। इससे न केवल मेरी आस्था मजबूत होती है, बल्कि मेरी आत्मा भी तरोताजा हो जाती है। मुझे स्पष्टता और आत्मिक सुकून मिलता है। सावन सोमवार का महत्व मेरे लिये सिर्फ रिवाजों तक सीमित नहीं है; यह खुद के भीतर झांकने और आभार जताने का समय होता है। मैं अपने सफर को याद करती हूँ, जीवन में मिली खुशियों के लिये भगवान का धन्यवाद करती हूँ और भगवान शिव से शक्ति तथा मार्गदर्शन मांगती हूँ। इससे धैर्य, नम्रता और भक्ति जैसे गुणों की याद बनी रहती है और मैं अपनी रोजाना की जिन्दगी में इन्ही गुणों को बनाये रखने का प्रयास करती हूँ।’’
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