नेशनल डॉटर्स डे पर कई कलाकार अपनी बेटियों के साथ साझा किए गए गहरे रिश्ते को याद कर रहे हैं, जो उन्हें अपार खुशी, प्रेरणा और व्यक्तिगत विकास का अनुभव कराती हैं। एण्डटीवी के मशहूर कलाकार अमित भारद्वाज (मेवा, ‘भीमा’), दीपा सावरगांवकर (सुशीला बुआ, ‘अटल’), योगेश त्रिपाठी (हप्पू सिंह, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और शुभांगी अत्रे (अंगूरी भाबी, ‘भाबीजी घर पर हैं’) बता रहे हैं कि उनकी बेटियाँ कैसे उन्हें मार्गदर्शन और प्रेरणा देती हैं। मेवा की भूमिका के लिये मशहूर अमित भारद्वाज ने बताया, ‘‘मेरी कोई बहन नहीं है और उस खास रिश्ते को मैंने हमेशा मिस किया है। शादी के बाद मैंने बेटी की कामना की और मेरी प्यारी बेटी शिरीशा के जन्म ने उस इच्छा को पूरा कर दिया। उसे पहली बार गोद में लेने की खुशी को मैं बयां नहीं कर सकता। और तब से ही वह हमारा लकी चार्म बनी हुई है और उसने हमारी जिन्दगी को खुशियों से भर दिया है। जब मैं घर जाता हूँ, तब वह रोमांचित हो जाती है और उसकी मुस्कुराहट मुझे एक बेहतर इंसान बनने तथा हमारे परिवार की खुशहाल जिन्दगी के लिये काम करने की प्रेरणा देती है।’’ ‘अटल‘ में सुशीला बुआ का किरदार निभा रहीं दीपा सावरगांवकर ने कहा, ‘‘मेरी बेटी ही मेरी पूरी दुनिया है। उसकी भलाई मेरे लिये सबसे ज्यादा मायने रखती है और उसकी उपलब्धियों पर मुझे गर्व होता है। वह पढ़ाई, खेल-कूद और डांस में बेहतरीन है और समाज सेवा के लिये उसका समर्पण मुझे रोजाना प्रेरित करता है। उसके सहयोग और प्रोत्साहन से एक्टिंग के लिये मेरे जुनून को ताजगी मिलती है। वह वाकई में मेरी जिंदगी की सनशाइन है।’’
हप्पू सिंह के नाम से मशहूर योगेश त्रिपाठी ने बताया, ‘‘मेरी तीन साल की बेटी मुझे सबसे ज्यादा खुशी देती है। उसकी मासूम सी मुस्कुराहट और चुलबुली हंसी मेरी दुनिया को जगमगा देती है और मुझे एक बेहतर पिता तथा इंसान बनने के लिये प्रेरित करती है। वह मुझे जीवन के साधारण पलों को संजोना और रोजाना खुश रहना सिखाती है। उसके साथ बीतने वाले हर वक्त के लिये मैं धन्यवाद करता हूँ और उसके लिये हमेशा चट्टान की तरह खड़े रहने और सुपरहीरो बनने का वादा करता हूँ।’’ अंगूरी भाबी की भूमिका निभा रहीं शुभांगी अत्रे ने कहा, ‘‘मेरी बेटी मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा है। वह यूएसए में स्पेस साइंटिस्ट बनने का सपना लेकर आगे बढ़ रही है। अपने जुनून को जीने में उसकी लगन और हिम्मत ने मुझे साहस और खुद पर यकीन करने की ताकत का पाठ पढ़ाया है। दूर होने के बावजूद उसकी मजबूती और समर्पण मेरी महत्वाकांक्षाओं को प्रेरित करता है। वह मेरी बेटी नहीं, बल्कि रोल माॅडल है और मुझे अपनी सीमाओं को चुनौती देने के लिये प्रेरित करती है।’’